समुचित गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें बांध का निर्माण
- कलेक्टर ने किया बनियातारा में सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण
मोहगांव के वनग्राम बनियातारा में लगभग 9 करोड़ रूपये की लागत से वन रही सिंचाई जलाशय परियोजना से विकासखण्ड के 5 ग्रामों की 480 हेक्टेयर कृषि भूमि में रबी की सिंचाई हो सकेगी। कलेक्टर श्री लोकेश जाटव ने बीते दिन बांध निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने जलाशय के कार्य को समुचित गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री शरद त्रिपाठी एवं अनुविभागीय अधिकारी श्री राव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री लोकेश जाटव ने निर्देशित किया कि बांध निर्माण के दौरान निकलने वाले पत्थरों का बांध की पिचिंग एवं अन्य कार्यों में उपयोग किया जाये। जलाशय परियोजना के लिये जल उपभोक्ता संथा के गठन की कार्रवाई भी साथ साथ पूर्ण की जाये। परियोजना के निर्माण से इस जलाशय में 10 लाख घन मीटर जल संग्रहण संभव हो सकेगा। इस जल से बांध के दोनों तरफ नहरों के माध्यम से 5.4 किलोमीटर के क्षेत्र में पड़ने वाले ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इन नहरों के माध्यम से विकासखण्ड के ग्राम बनियातारा, सुडगांव, रयगांव, डोंगरगांव और सालीबाड़ा के किसानों को रबी की फसल में सिंचाई सुविधा प्राप्त हो सकेगी। कार्यपालन यंत्री ने बांध के नक्शे के आधार पर विभिन्न नहर निर्माण एवं बांध के साथ पक्के निर्माणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना पूर्णत: वर्षा पर आधारित है और बांध के चारों तरफ फैले बड़े बड़े पहाड़ों से गिरकर वह जाने वाला एवं एक नाला से बह जाने वाला पानी इस बांध में संरक्षित किया जायेगा। बांध से डूब में आने वाली निजी भूमि के किसानों के मुआवजे की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है।
शासकीय योजनाओं में संतोषजनक प्रगति नहीं देने पर पंचायत सचिव निलम्बित
शासकीय योजनाओं में संतोषजनक प्रगति नहीं देने एवं शासकीय राशि का अनुचित आहरण करने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ जे विजय कुमार द्वारा ग्राम पंचायत सकवाह के सचिव मुन्नालाल परते को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। जारी आदेश के अनुसार जनपद पंचायत मवई की ग्राम पंचायत सकवाह के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की कमजोर प्रगति, स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि का अनुचित आहरण, बिना मस्टररोल मजदूरी का भुगतान जैसी अनियमितताओं के चलते ग्राम पंचायत सकवाह के सचिव मुन्नालाल परते को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ जे विजय कुमार द्वारा तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। निलम्बन अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत मवई निर्धारित किया गया है। निलम्बन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
लोक अदालत में मिलेगी विद्युत चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में रियायत
12 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जायेगा। कम्पनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अंतर्गत बिजली चोरी और अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता करने के लिये रियायतों का प्रावधान है। विशेष न्यायालय में दर्ज धारा 135 एवं 138 के लम्बित प्रकरणों में निम्न दाब उपभोक्ताओं को एक मुश्त बकाया राशि जमा करने पर ब्याज राशि में 75 प्रतिशत की रियायत तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 138 के लम्बित प्रकरण जो विशेष न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं, के त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ता द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष अपील प्रस्तुत नहीं की गई है। प्रिलिटीगेशन के माध्यम से निराकरण कराने पर कम्पनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत तथा ब्याज पर 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। संबंधित उपभोक्ताओं से नेशनल लोक अदालत के माध्यम से लम्बित प्रकरणों के निराकरण का अपील की गई है।
विशेष पर्यटन क्षेत्रों में पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क में छूट की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग करेगा
प्रदेश के विशेष पर्यटन क्षेत्रों में भूमि के क्रय-विक्रय पर देय पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क में छूट की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग द्वारा की जायेगी। इस संबंध में विभाग द्वारा प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है। निजी निवेशक द्वारा जो पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क दिया गया है, उसकी प्रतिपूर्ति परियोजना का संचालन प्रारंभ होने के 6 माह बाद विभाग द्वारा की जायेगी। निजी निवेशक आवेदन-पत्र वांछित दस्तावेजों के साथ प्रबंध संचालक, राज्य पर्यटन विकास निगम को देंगे। सभी आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे। जाँच में आवेदन विधिवत पाये जाने पर निगम द्वारा 30 दिवस के भीतर पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क की प्रतिपूर्ति की जायेगी। नई हेरिटेज पर्यटन परियोजनाओं में हेरिटेज भवन के निर्मित क्षेत्रफल और उससे लगी अधिकतम एक हेक्टेयर भूमि के मूल्य पर छूट दी जायेगी। भवन के साथ एक हेक्टेयर से अधिक भूमि होने की दशा में उस अतिरिक्त भू-भाग पर नियमानुसार पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क देना होगा। शासन द्वारा दी गई यह छूट होटल प्रारंभ होने के बाद पर्यटन विभाग द्वारा होटल स्वामी को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जायेगी। इसी तरह पर्यटन विभाग द्वारा जो शासकीय भूमि पर्यटन परियोजनाओं के लिए लीज या विकास के लिए अनुबंध पर दी जायेगी उन पर पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क नहीं लगेगा।