सीवान 11 दिसम्बर, बिहार में सीवान जिले की एक विशेष अदालत ने बहुचर्चित तेजाब हत्या कांड में राष्ट्रीय जनता दल(राजद)के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को आज आजीवन कारावास की सजा सुनायी है । विशेष अदालत के सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राजद के पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन को हत्या, अपहरण ,साजिश और साक्ष्य मिटाने के आरोप में आजीवन कारावास तथा 30 हजार रूपया का जुर्माना भी किया । अदालत ने तीन अन्य नामजद अभियुक्त को अपहरण और मारपीट के आरोप में आजीवन कारावास समेत 10-10 हजार रूपये का अर्थ दंड की सजा सुनाया ।
अदालत ने मो. शहाबुद्दीन को दो युवकों की तेजाब से नहलाकर हत्या किये जाने के आरोप में भारतीय दंड विधान की धारा 302, अपहरण के आरोप में 364 और षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में 120 (बी) के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास तथा 30 हजार रूपये अर्थ दंड की सजा सुनायी । अदालत ने इसी मामले में तीन अन्य नामजद अभियुक्त राज कुमार साह, मो.आरिफ हुसैन और शेख असलम को भारतीय दंड विधान की धारा 364 (ए) और 323 के तहत दोषी करते हुए आजीवन कारावास तथा 10-10 हजार रूपये अर्थ दंड की सजा सुनायी है । इस बहुचर्चित तेजाब हत्या कांड में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जय प्रकाश सिंह और बचाव पक्ष की ओर से अभय कुमार राजन ने सुनवाई में भाग लिया । अदालत ने इस मामले में नौ दिसम्बर 2015 को मो. शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को दोषी ठहराया था । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के गोशाला रोड स्थित एक जमीन विवाद को लेकर चल रहे पंचायत के दौरान मारपीट की घटना हुयी जिसके बाद चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के तीन पुत्र गिरीश कुमार उर्फ निकू (24) , सतीश कुमार उर्फ सोनू (18) तथा राजीव रौशन का अपहरण कर लिया गया था । बाद में गिरीश और सोनू की की तेजाब डालकर हत्या कर दी गयी थी जबकि राजीव किसी तरह वहां से बचकर भाग निकला था।
बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड के इस मामले में चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी के बयान पर संबंधित थाना में एक मामला दर्ज कराया गया था। जांच के क्रम में घटना के चश्मदीद गवाह चंदा बाबू के तीसरे पुत्र राजीव रौशन ने अपने बयान में बताया था कि दोनों भाईयों की हत्या उसके सामने तेजाब से नहलाकर मो.शहाबुद्दीन के पैतृक आवास प्रतापुर में की गयी थी । बाद में 16 जून 2014 को तीसरे पुत्र राजीव रौशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । वर्ष 1990 में अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखते हुए मो.शाहाबुद्दीन ने सीवान मंडल कारा से वर्ष 1990 और 1995 में जीरादेई विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा और उक्त चुनाव में वे विजयी रहे । मो.शहाबुद्दीन ने वर्ष 1996 , 1998, 1999 और 2004 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट से सीवान संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीता था । मो.शाहाबुद्दीन अपराधिक कारनामों के कारण वर्ष 2003 से मंडल कारा सीवान में बंद है । मो.शाहाबुद्दीन को छह मामलों में एक वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनायी जा चुकी है जबकि चार मामलों में अदालत ने रिहाई भी की है ।