नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने कहा है कि दिल्ली में किसी भी नई डीजल गाड़ी का पंजीकरण न किया जाए। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अपने विभागों के लिए कोई भी डीजल गाड़ी नहीं खरीदें। एनजीटी इस फैसले से दिल्ली में नई डीजल कार की खरीद पर रोक लग जाएगी। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उठाये जा रहे कदमों में यह बेहद अहम है। इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन वाले कारों के फार्मूले पर सवाल भी उठाए हैं। एनजीटी ने कहा है कि इस प्रस्ताव के आने से लोग दो कारें खरीदने पर विचार कर सकते हैं। साथ ही एनजीटी ने कहा कि सरकार का यह प्रस्ताव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को कम करेगा इसके भी आसार कम हैं।
दिल्ली सरकार का 1 जनवरी से तीन दिन ऑड और तीन दिन ईवन नंबर की कारें चलाने का प्रस्ताव है जबकि इतवार को सभी नंबर की कारें चल सकेंगी। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने वाहनों के लिए लागू किए जाने वाले सम-विषम फॉर्मूले के पहले चरण में 1-15 जनवरी के दौरान राजधानी की सड़कों पर छह हजार अतिरिक्त बसों को उतारने की घोषणा की है। इनमें से दो हजार बसें स्कूलों की होंगी।
इन बसों में से 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके साथ ही ऑटो की संख्या भी दोगुनी करने की बात कही गई है। सार्वजनिक सेवाओं के विस्तार के तहत रेलवे से ईएमयू की फेरे बढ़ाने पर भी बात हो रही है। गाड़ियों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच और मजबूत तरीके से की जाएगी। कूड़ा जलाने पर 5 हजार रुपये का चालान किया जाएगा।