नयी दिल्ली.11 दिसम्बर, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि जजों को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि केवल वही ईमानदार हैं और बाकी सब बेईमान हैं। न्यायमूर्ति ठाकुर ने यहां मंडी हाउस के फिक्की ऑडोटोरियम में मध्यस्थता पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि देश की अदालतों से लंबित मामलों का बोझ कम करने के लिए मध्यस्थता और सुलह की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यायालय में किसी को मध्यस्थ नियुक्त करने से पहले उसकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता को परखा जाना आवश्यक है ताकि मध्यस्थ के फैसलों में कोई कमी नहीं रह जाये। लेकिन इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि मध्यस्थ के किसी भी फैसले में काेई कमी देखी जाती है तो उसे ईमानदार नजरिए से देखा जाए। इस सम्मेलन में ब्रिटेन समेत कई देशों के मध्यस्थ हिस्सा ले रहे हैं।