लोक अदालत में 33 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण
विदिशा जिले में आज सम्पन्न हुई नेशनल लोक अदालत में 33 हजार 328 प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से हुआ है। इन प्रकरणों में नौ करोड़ 65 लाख 93 हजार 420 रूपए का आवार्ड पारित किया गया है।जिला मुख्यालय पर नेशनल लोक अदालत का शुभांरभ कार्यवाहन जिला न्यायाधीश श्री आरके सोनी ने किया। शुभांरभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने कहा कि लोक अदालत में अधिक से अधिक राजस्व प्रकरण शामिल किए जाएं इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से समय, धन दोनो की बचत होती है और आपसी विवाद में सामंजस्य होता है। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया मेें लोक अदालत का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि एक ही दिन में हजारो की तादाद में आम सहमति से निर्णय पारित होते है जो लोक अदालत की महत्वता को रेखांकित करते है। उन्होंने बताया कि जिन प्रकरणों में पुलिस के माध्यम से कार्यवाही सम्पादित की जानी थी उन प्रकरणों मंे शत प्रतिशत प्रयास किए गए है। यही कारण है कि करीब छह हजार दांडिक प्रकरण पहली बार शामिल किए गए है। प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय एवं कार्यवाहक जिला न्यायाधीश श्री आरके सोनी ने कहा कि दिन प्रतिदिन लोक अदालतो का महत्व बढ़ता जा रहा है। लोक अदालत के माध्यम से निराकृत प्रकरणों में किसी भी प्रकार की अपील नही की जा सकती है। लोक अदालत में आम सहमति से होने वाले निर्णय सर्वमान्य होते है। ऐसे प्रकरण जो न्यायालयों में विचाराधीन थे और उन प्रकरणों में आम सहमति से लोक अदालत में निर्णय लिए गए है उनकी फीस लौटायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि लोक अदालत निर्णय का सुगम और सरल माध्यम है। नेशनल लोक अदालत में आज शामिल जिन प्रकरणों में आम सहमति से निर्णय लिया गया उन प्रकरणों के दोनो पक्षकारों को वन विभाग के माध्यम से पौधे प्रदाय किए गए ताकि वे पौधे की देखभाल करते हुए सदैव लोक अदालत के निर्णय को साक्षी माने और सदैव समाज में समरसता का मार्ग सशक्त करें। जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि आज सम्पन्न हुई नेशनल लोक अदालत में कुल 56 हजार 601 प्रकरणों में से 33 हजार 328 प्रकरणों में आम सहमति से निर्णय पारित करते हुए नौ करोड़ 65 लाख 93 हजार 420 के आवार्ड पारित किए गए है। विभागवार निराकृत प्रकरणों में राजस्व के 21 हजार 924, ऊर्जा विभाग के लंबित 172, प्रीलिटिगेशन के 1312, एमएसीटी के 51, परक्राम्य लिखत अधिनियम धारा-138 के 110 तथा बैंक, बीएसएनएल, नगरपालिका के आठ सौ प्रकरण में आम सहमति से निर्णय पारित किया गया है। जिला न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम का संचालन सीजे श्री आलोक मिश्रा ने किया और आभार चतुर्थ सीजे श्रीमती नेहा बंसल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर न्यायाधीशगणों के अलावा अधिवक्तागण, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, नोड्ल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थे।