वाराणसी, 12 दिसम्बर, वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर शनिवार को गंगा आरती कुछ ज्यादा ही भव्य नजर आयी । ऐसा होता भी क्यों न, जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे देश की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र में गंगा की महा आरती के अद्भुत, अलौकिक पलों के साक्षी बनने के लिए दशाश्वमेध घाट पधारे थे। दशाश्वमेधधाट पहंचने पर श्री मोदी और श्री शिन्जो ने बड़े ही आत्मीय भाव से काशीवासियों का अभिवादन किया। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच बड़ी तादाद में लोग उनकी झलक पाने को पहले से जुटे थे। कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दशाश्वमेध घाट में अतिविशिष्ट अतिथियों की काफी गहमागहमी थी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने पहले गंगा पूजन किया और अपने अपने देशों की समृद्धि की मंगल कामना की। बाद में दोनों ने घाट पर बनाये गये अजीमुश्शान मंच पर बैठकर गंगा आरती का अवलोकन किया। लाइट और साउंड से आरती को भव्यतम रूप दिया गया था।
गंगा आरती देख सुन कर अभिभूत श्री शिंजो मंत्रमुग्ध हो गये और शब्दों का अर्थ नहीं जानते हुये भी उनके हाथ कुर्सी के हत्थे पर थिरकने लगे । दोनों प्रधानमंत्रियों ने सेल्फी लीं ओर इन तस्वीरों को तत्काल ट्वीट किया गया। गौरतलब है कि गोधूलि बेला में काशी के दशाश्वमेघ घाट पर रोजाना होने वाली गंगा आरती अद्भुत होती है। आरती के लिये घाट की सीढ़ियों पर विशेष तौर से चबूतरो का निर्माण कराया गया था । चबूतरों पर प्रशिक्षित पण्डों द्वारा घण्टा-घड़ियाल एवं शंखों के ध्वनि के साथ गंगा की आरती एक साथ सम्पन्न की जाती है। इन पण्डों की समयबद्धता इतनी सटीक होती है कि आरती, पुष्प वर्षा एवं अन्य क्रिया एक समय में एक साथ होता है। खूबी यह होती है कि हर पात्र में 108 दीप होते हैं। इस मनोरम दृश्य का आनन्द लेने एवं आरती में सहभागी बनने के लिये देशी-विदेशी सैलानी एवं स्थानीय लोगों का आगमन घाट पर होता है। दर्शक घाट की सीढ़ियों एवं नौकाओं से इस आराधना का साक्षी बनने के लिये उत्सुक रहते हैं।
इसके पहले, जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाम चार बजकर 22 मिनट पर बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया । इस मौके पर श्री यादव ने दोनों प्रधानमंत्रियों को शाल एवं पुष्प गुच्छ भेट किया। श्री शिन्जो ने बड़े ही अदब के साथ सिर झुकाकर सबको धन्यवाद दिया । देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाली काशी के हवाई अड्डे पर नामचीन शहनाई वादको, कथक नृत्यांगनाओं और बौद्ध भिक्षुओ द्धारा अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से अगवानी की गई। इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने भी श्री शिन्जों और श्री मोदी को शाल भेंट किया। दोनों प्रधानमंत्री हवाई अड्डे पर पहले से ही स्टार्ट कारों पर सवार हो गये। रेंज रोवर्स, ऑडी, लैंड क्रूजर, बीएमडब्ल्यू और मर्सडीज सरीखी करीब 50 लग्जरी कारों का काफिला नदेसर इलाके में स्थित गेटवे होटल के लिए रवाना हुआ । होटल तक की करीब 22 किमी की सडक के दोनों ओर भारत तथा जापान का झंडा लिए खडे स्कूली बच्चों ने हाथ हिलाकर दोनों प्रधानमंत्रियों का पुरजोशी से स्वागत किया।
होटल में करीब 30 मिनट ठहरने के बाद वे द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शुमार किये जाने वाले काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित दशाश्वमेधधाट पहुंचे। गंगा आरती का अवलोकन करने के बाद श्री मोदी द्वारा श्री शिन्जो के सम्मान में दिये जा रहे रात्रिभोज के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों का रात करीब साढे आठ बजे दिल्ली वापस लौट जाने का कार्यक्रम है।
गंगा आरती देख सुन कर अभिभूत श्री शिंजो मंत्रमुग्ध हो गये और शब्दों का अर्थ नहीं जानते हुये भी उनके हाथ कुर्सी के हत्थे पर थिरकने लगे । दोनों प्रधानमंत्रियों ने सेल्फी लीं ओर इन तस्वीरों को तत्काल ट्वीट किया गया। गौरतलब है कि गोधूलि बेला में काशी के दशाश्वमेघ घाट पर रोजाना होने वाली गंगा आरती अद्भुत होती है। आरती के लिये घाट की सीढ़ियों पर विशेष तौर से चबूतरो का निर्माण कराया गया था । चबूतरों पर प्रशिक्षित पण्डों द्वारा घण्टा-घड़ियाल एवं शंखों के ध्वनि के साथ गंगा की आरती एक साथ सम्पन्न की जाती है। इन पण्डों की समयबद्धता इतनी सटीक होती है कि आरती, पुष्प वर्षा एवं अन्य क्रिया एक समय में एक साथ होता है। खूबी यह होती है कि हर पात्र में 108 दीप होते हैं। इस मनोरम दृश्य का आनन्द लेने एवं आरती में सहभागी बनने के लिये देशी-विदेशी सैलानी एवं स्थानीय लोगों का आगमन घाट पर होता है। दर्शक घाट की सीढ़ियों एवं नौकाओं से इस आराधना का साक्षी बनने के लिये उत्सुक रहते हैं।
इसके पहले, जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाम चार बजकर 22 मिनट पर बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया । इस मौके पर श्री यादव ने दोनों प्रधानमंत्रियों को शाल एवं पुष्प गुच्छ भेट किया। श्री शिन्जो ने बड़े ही अदब के साथ सिर झुकाकर सबको धन्यवाद दिया । देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाली काशी के हवाई अड्डे पर नामचीन शहनाई वादको, कथक नृत्यांगनाओं और बौद्ध भिक्षुओ द्धारा अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से अगवानी की गई। इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने भी श्री शिन्जों और श्री मोदी को शाल भेंट किया। दोनों प्रधानमंत्री हवाई अड्डे पर पहले से ही स्टार्ट कारों पर सवार हो गये। रेंज रोवर्स, ऑडी, लैंड क्रूजर, बीएमडब्ल्यू और मर्सडीज सरीखी करीब 50 लग्जरी कारों का काफिला नदेसर इलाके में स्थित गेटवे होटल के लिए रवाना हुआ । होटल तक की करीब 22 किमी की सडक के दोनों ओर भारत तथा जापान का झंडा लिए खडे स्कूली बच्चों ने हाथ हिलाकर दोनों प्रधानमंत्रियों का पुरजोशी से स्वागत किया।
होटल में करीब 30 मिनट ठहरने के बाद वे द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शुमार किये जाने वाले काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित दशाश्वमेधधाट पहुंचे। गंगा आरती का अवलोकन करने के बाद श्री मोदी द्वारा श्री शिन्जो के सम्मान में दिये जा रहे रात्रिभोज के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों का रात करीब साढे आठ बजे दिल्ली वापस लौट जाने का कार्यक्रम है।