पेरिस 12 दिसंबर, जलवायु परिवर्तन के कारण पूरी दुनिया पर छाये संकट को देखते हुए इसके समाधान के लिए साझा कदम उठाने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र की पहल से फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित सम्मेलन में वार्ताकारों ने समझौते का मसौदा तैयार कर लिया है। फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेन फाबियस ने आज पेरिस सम्मेलन में वैश्विक समझौते को पेश किया, जिस पर संयुक्त राष्ट्र के करीब 200 सदस्य राष्ट्र भारतीय समयानुसार रात करीब आठ बजे इस पर अपनी रजामंदी देंगे। अगर इस मसौदे पर सभी देशों की सहमति बन जाती है तो दो दशक से अधिक समय में ऐसा पहली बार होगा, जब सभी अमीर और गरीब देश ग्रीनहाऊस के उत्सर्जन पर लगाम लगाने के प्रयास के लिए उठाये जाने वाले साझे कदम के लिए तैयार होंगे। इस मसौदे तक पहुंचने के लिए संयुक्त राष्ट्र को चार साल का लंबा समय लगा।
पेरिस के बाहरी इलाके में स्थित आयोजन स्थल के मुख्य हॉल में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओल्लांद,अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी सहित माैजूद विभिन्न देशों के हजारों अधिकारियों से कहा,“ इतिहास के प्रति हमारी गहरी जिम्मेदारी है। अगर हम असफल हुए तो हम इस उम्मीद को दोबारा जगा नहीं सकते। हमारी आने वाली पीढी हमें इसके लिए कभी माफ नहीं करेगी।” श्री फैबियस ने इस समझौते को महत्वाकांक्षी और संतुलित बताते हुए कहा कि यह दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा। श्री ओल्लांद ने हालांकि यह भी संकेत दिया कि यह समझाैता सभी देशों के अनुकूल होगा। उन्होंने सभी देशों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे साझा जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस समझौते पर विचार करें।