पटना 15 दिसम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यंमत्री कार्यालय में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई) की छापेमारी को लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे के लिए खतरनाक बताया और कहा कि इस कार्रवाई ने केन्द्र और राज्याें के बीच सभी मर्यादाओं को भंग कर दिया है। श्री कुमार ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में सुबह सी0बी0आई0 का छापा घोर आश्चर्य का विषय है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हमारा जो संघीय ढ़ांचा है, वो परस्पर विश्वास और एक दूसरे के इज्जत पर निर्भर करता है इसलिये ऐसी चीजों के बारे में कोई भी कदम उठाने के पहले सारे चीजों को गौर करना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसका संदेश लोकतांत्रिक एवं संघीय व्यवस्था के लिये काफी खतरनाक है इसलिये इन सब पहलुओं पर गौर किया जाना चाहिये। ये एक ऐसी विचित्र स्थिति है कि इसका तो कोई समर्थन कर ही नहीं सकता। इस छापेमारी से केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच अबतक की सारी मर्यादायें भंग हो गयी है। यह विचित्र बात है, सहसा यकीन नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई आरोप है, जांच पड़ताल हो रही है ,तो जांच होनी चाहिये लेकिन यदि कहीं मुख्यमंत्री कार्यालय तक आप जा रहे हैं तो उसके लिये क्या मुख्यमंत्री को पूर्व सूचना थी, जानकारी थी। किसी चीज की जानकारी न होना और जो भी मामले हैं, क्या वे मामले अभी के पद को धारण करने से संबंधित है। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व के मामले हैं तो और भी विचित्र बात है। उसके तो बहुत सारे तरीके हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनकर बिल्कुल सहसा यकीन नहीं होता है और घोर आश्चर्य का विषय है।
श्री कुमार ने कहा कि ऐसा करने के पीछे यदि किसी पर आरोप है तो उसकी जांच नहीं हो, मैं इसकी वकालत नहीं कर सकता हूॅं। जांच होनी चाहिये लेकिन जांच तरीके से होनी चाहिये। उसमें किसी प्रकार की बाधा भी नहीं आनी चाहिये लेकिन किसी भी चीज को करने का कोई तरीका हो। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर कोई मामला पहले का हो, उससे आज की स्थिति से कोई रिश्ता न हो तो भी आखिर इसका संदेश क्या जाता है।