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“आधी आबादी के विकास के बिना समाज का विकास नहीं” : रघुवर दास

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रांची 15दिसंबर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि आधी आबादी का विकास किये बिना राज्य या समाज का विकास नहीं किया जा सकता है और राज्य सरकार बजट में महिलाओं को तरजीह दे रही है। श्री दास भारतीय जनता पार्टी की राज्य भर से आयी महिला इकाई के सदस्यों को अपने निवास पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांव-गरीब को ध्यान में रख कर बजट तैयार किया जा रहा है।आपलोग भी महिला, बाल, गांव एवं गरीबों के विकास से संबंधित सुझाव दें, जिसको इस बार के बजट में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के लिए काफी काम कर रही है। सरकार के काम एवं योजनाओं की जानकारी ग्रामीण लोगों तक पहुंचे इसके लिए संगठन को मजबूती से काम करना होगा।सरकार छोटी होती है और समाज बड़ा। अगर पूरा समाज लग जाये तो विकास को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा “हम सब देश भक्त हैं।सीमा पर सैनिक हमारी रक्षा करके देशभक्ति की मिशाल बने हुए हैं।हम अपना कर्त्तव्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाये, यह भी देशभक्ति है। जरूरतमंदओं की सेवा करें, इससे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। हमें देखना होगा कि मुहल्ले-टोले में कैसे बुनियादी सुविधा पहुंचे। राजनीति एक सेवा का मिशन है।बिना लालसा काम करना एक देशभक्त की पहचान है।” 

श्री दास ने कहा कि महिला आयोग की तर्ज पर जल्द ही जिला और प्रखंड स्तर पर समिति का गठन किया जायेगा। इससे महिलाओं की छोटी-मोटी समस्याएं वहीं सुलझा ली जायेगीं।उन्हें इसके लिए रांची नहीं आना होगा। हर गरीब परिवार में महिलाओं को दो-दो गायें दी जायेगी जो उनकी आजीविका के लिए मददगार बनेंगी।हमारी सरकार ने जनजाति बहुल गांवों के विकास के लिए नयी योजना बनायी है। इसके लिए पहले चरण में 1000 गावों का चयन भी कर लिया गया है। उन्होंने महिला कार्यकर्त्ताओं से उन गांवों में जाकर सात से 10 महिलाओं की टीम बनाने को कहा। इस टीम को प्रशिक्षण दिया जायेगा और साथ ही योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। यह टीम गांव के विकास का सुझाव सरकार को देगी।सरकार कौशल विकास के लिए भी काफी काम कर रही है।पलायन रोकने में यह कदम कारगार साबित होगा। उन्होंने कहा“मजदूर को यदि हम राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दे दें, तो उनकी आमदनी बढ़ जायेगी। कुपोषण मिटाने के लिए सरकार ने पोषण सखी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के लिए इनकी भर्ती शुरू होगी।प्रत्येक घर का सर्वे कर सूचि बनायी जायेगी. इसी आधार पर कार्ड बनाया जायेगा. आदिवासी, पिछड़ा, गरीबों, अल्पसंख्यकों आदि के लिए ज्यादा काम करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि गांव में महिला समिति का गठन किया जायेगा, जो यह बतायेगी कि कहां तालाब खोदना है, कहां चेक डैम बनाना है और गांव के विकास के लिए क्या किया जा सकता है।जांच करा कर सरकार इसे लागू करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के कारण ही देश में आैर राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। राज्य में जागरूकता की कमी है। मुख्यमंत्री ने कहा “सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों को गांव-गांव तक पहुंचाने की जिम्मेवारी महिलाओं पर है। केंद्र सरकार की ही तरह हमारी सरकार की छवि भी बेदाग रही है। झारखंड में कार्यप्रणाली बदल रही है। हम ईमानदारी और जुनून के साथ लग जायें, तो अगले पांच साल में झारखंड देश में औरअगले दस साल में दुनिया के समृद्ध प्रदेशों में शामिल हो सकता है।”

कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि राज्य में शिक्षकों की कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। उन्हाेंने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय में सुधार और विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की भी जानकारी दी।कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार गठन में महिला मोर्चा की अहम भागीदारी रही है।सरकार की योजनाओं को भी आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी है।उन्होंने भी विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में रांची की मेयर आशा लकड़ा, विधायक मेनका सरदार, गंगोत्री कुजूर, विमला प्रधान, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा पांडेय, सीमा शर्मा, मंजू रानी, सोनी हेंब्रम समेत महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और कार्यसमिति सदस्य समय बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्त्ता शामिल हुई। 

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