नयी दिल्ली, 16 दिसंबर, उच्चतम न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुये सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया है। उच्चतम न्यायालय ने लोकायुक्त की नियुक्ति में हो रही विलंब के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश को कड़ी फटकार लगाते हुये उसे दो दिन के भीतर नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार के इसमें विफल रहने पर न्यायालय ने स्वयं लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा था कि वह बुधवार तक लोकायुक्त की नियुक्ति करे या गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे।
न्यायालय ने कहा कि यदि उसके आदेश पर अमल नहीं किया गया तो राज्य के मुख्य सचिव को उसके समक्ष पेश होना पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर आप लोकायुक्त की नियुक्ति में नाकाम रहते हैं तो हम आदेश में लिखेंगे कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अपनी ड्यूटी करने में असफल रहे।” न्यायालय ने इसी महीने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके लोकायुक्त की नियुक्ति न करने को लेकर जवाब मांगा था। न्यायालय ने पूछा कि 24 अप्रैल 2014 को जब उसने छह महीने के अंदर राज्य में नए लोकायुक्त का नियुक्ति का आदेश दिया था, तो अब तक इस पर अमल क्यों नहीं किया गया।