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टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (06 मार्च )

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मतदाता सूची में नाम देखने वेवसाईट का उपयोग करें
  • वोटर आई कार्ड के साथ मतदाता सूची में नाम होना जरूरी

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची एवं मतदान केन्द्रों के नाम आनलाईन कर दिये गये है। अब कोई भी मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में घर बैठे कम्प्यूटर पर इंटरनेट के माध्यम से देख सकता है। इसके लिए वेवसाईट www.ceomadhyapradesh.nic.in पर जाकर अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्रों की जानकारी एवं प्रत्येक मतदान केन्द्र की मतदाता सूची को देखा जा सकता है। मतदाता सूची में मतदाता अपने क्रमांक की भी जानकारी प्राप्त कर सकता है। मतदाता को यदि अपने मतदान केन्द्र का नाम और मतदान केन्द्र की मतदाता सूची में उसका नाम किस क्रमांक पर है, पता न हो तो इस वेवसाईट के द्वारा मतदाता अपने फोटो परिचय पत्र (ईपिक नम्बर) नम्बर डालकर ये सारी जानकारी हासिल कर सकता है। इस वेवसाईट पर विधानसभा चुनाव के पुराने परिणाम एवं मतदाताओं की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकती है। इस वेवसाईट के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आनलाईन आवेदन किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति के पास मतदाता परिचय पत्र होने मात्र से उसे मतदान करने का अधिकार नहीं मिल जायेगा। व्यक्ति के पास मतदाता परिचय पत्र होने के साथ ही उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए। तभी उसे मतदान करने का अधिकार होगा। 

लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के की हुई बैठक
  • आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करने की सलाह

tikamgarh news
16 वीं लोकसभा के लिए बालाघाट संसदीय निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-15 में आगामी 10 अप्रैल 2014 को होने वाले मतदान के लिए सभी आवश्यक तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। इसी कड़ी में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए आज कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री व्ही. किरण गोपाल की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर श्री दिलीप कापसे व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज सोनी भी उपस्थित थे। बैठक के प्रारंभ में जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित चुनाव कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-15 बालाघाट से प्रतिनिधि के निर्वाचन के लिए 15 मार्च 2014 को अधिसूचना जारी की जायेगी और अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने नाम निर्देशन पत्र जमा कर सकेंगें। नाम निर्देशन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 22 मार्च 2014 रखी गई है। प्रत्याशियों द्वारा जमा किये गये नाम निर्देशन पत्रों की जांच का कार्य 24 मार्च को किया जायेगा। चुनाव नहीं लड़ने वाले प्रत्याशी  26 मार्च 2014 को अपने नाम वापस ले सकेंगें। नाम वापसी के बाद शेष प्रत्याशियों को 26 मार्च 2014 को ही चुनाव चिन्ह आबंटित कर दिये जायेंगें। मतदाता अपने प्रतिनिधि के निर्वाचन के लिए 10 अप्रैल 2014 को निर्धारित मतदान केन्द्रों पर मतदान कर सकेंगें। मतदाताओं द्वारा डाले गये मतों की गणना 16 मई 2014 को की जायेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करें और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने में सहयोग भी करें। बिना अनुमति के जुलूस, रैली एवं प्रचार सभा का आयोजन न करें। चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किये जाने वाले वाहन की अनुमति अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए। चुनाव प्रचार के लिए शासकीय भवनों एवं स्थलों का उपयोग न करें। सभा आदि के लिए प्रतिबंधित स्थानों पर सभा न करें। राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के चुनाव व्यय पर कड़ी निगरानी रखी जायेगी। लोक सभा चुनाव में प्रत्याशी 70 लाख रु. की राशि व्यय कर सकता है। बैठक में बताया गया कि लोकसभा निर्वाचन के दौरान चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। चुनाव संबंधी शिकायतों एवं समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम के दूरभाष नं. 07632-240292 पर सम्पर्क किया जा सकता है। बालाघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सिवनी जिले की दो विधानसभा बरघाट एवं सिवनी शामिल है। इसके लिए जिला सिवनी के कंट्रोल रूम के दूरभाष नं. 07692-223966 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। जिला सिवनी के उप जिला निर्वाचन अधिकारी से मो. नं. 9425140036 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। 

पेड न्यूज पर एम.सी.एम.सी. कमेटी की रहेगी सख्त निगरानी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2014 में पेड न्यूज के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कड़े उपाय किये गये है। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मानीटरिंग कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित पेड न्यूज के खर्च को संबंधित प्रत्याशी के चुनाव व्यय में शामिल करेगी। 

क्या है पैड न्यूज
मतदाता पर गैर जरूरी प्रभाव रोकने के लिए पेड न्यूज बनाई गई है। पेड न्यूज से व्यक्ति के सूचना के अधिकार का हनन होता है। पक्षपात पूर्ण किया गया कवरेज भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। राजनैतिक दृष्टि से एकाधिकार एवं या एक ही प्रत्याशी के प्रचार पर जोर दिया जाना भी पेड न्यूज कहलाएगा। आर्टिकल के साथ फोटो, हैंडिंग लगाना भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। समाचार पत्रों में आर्टिकल के माध्यम से प्रत्याशियों की तुलना करना। प्रत्याशियों के संबंध में किसी भी तरह का विश्लेषण करना । समाचार में लिखना कि अमुक प्रत्याशी विशेष को समाज, वर्ग का सहयोग मिल रहा है भी पेड न्यूज है। किसी एक प्रत्याशी एवं उसके अच्छे कार्यों का उल्लेख एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बार-बार हाईलाईट करना भी पेड न्सूज कहलायेगा।  

कौन से मामले पैड न्यूज के तौर पर परिभाषित किये जा सकते है
पक्षपात पूर्ण किया गया कवरेज भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। राजनैतिक दृष्टि से एकाधिकार एवं या एक ही प्रत्याशी के प्रचार पर जोर दिया जाना, आर्टिकल के साथ फोटो तथा हैडलाइन लगाना, समाचार पत्रों में आर्टिकल के माध्यम से प्रत्याशियों की तुलना करना। समाचार पत्र के उसी पेज पर प्रशंसात्मक लेख लिखना तथा दोनों प्रत्याशियों की जीतने का दावा करना, प्रत्याशियों के संबंध में किसी भी तरह का विश्लेषण करना । समाचार में यह लिखना कि प्रत्याशी विशेष को समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग मिल रहा है और वह चुनाव जीत जाएगा। समाचार पत्र द्वारा बैनर हैडलाइन प्रकाशित करते हुए यह लिखना कि पार्टी/उम्मीदवार इस राज्य/निर्वाचन क्षेत्र से इतिहास रचने जा रहा है, लेकिन हैडलाइन से कोई संबंधित समाचार न देना। किसी एक प्रत्याशी एवं उसके अच्छे कार्यों का उल्लेख एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बार-बार हाईलाईट करना। इस तरह की न्यूज प्रकाशित करते हुए कहना कि वह पार्टी द्वारा ऐसे कार्य किये गये है कि अब दूसरे उम्मीदवार के जीतने की संभावना नहीं है तथा वह हाशिये पर डाल दिया गया है। 

समाचार और विज्ञापन में अंतर
विज्ञापन- मुद्रक/प्रसारक द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित होता है। प्रकाशक द्वारा अनिवार्य रूप से विज्ञापन परिशिष्ट लिखा जाना चाहिए। जबकि हर समाचार नियमित डिजाईन और आकार में मुद्रित होता है। समाचार में ऐसी शब्दावली का उपयोग नहीं किया जाता है जिससे किसी प्रत्याशी विशेष को लाभ/हानि न हो। 

अपीलीय अधिकार एवं निराकरण
जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मानीटरिंग कमेटी(एम.सी.एम.सी.) समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित या प्रसारित पेड न्यूज पर स्वयं संज्ञान लेगी और रिटर्निंग आफिसर द्वारा संबंधित प्रत्याशी को पेड न्यूज के प्रकाशन/प्रसारण के 96 घंटे के भीतर नोटिस जारी किया जायेगा कि क्यों न पेड न्यूज का व्यय उसके चुनाव व्यय में शामिल किया जाये। प्रत्याशी को 48 घंटे के भीतर अपना जवाब देना होगा। यदि प्रत्याशी 48 घंटे के भीतर इस संबंध में कोई जवाब नहीं देता है तो पेड न्यूज का व्यय आकलन कर उसके चुनाव व्यय में शामिल कर दिया जायेगा। यदि किसी प्रत्याशी या राजनैतिक दल को पेड न्यूज के संबंध में यदि एम.सी.एम.सी. के निर्णय पर आपत्ति है तो वह 48 घंटे के भीतर जिला स्तरीय कमेटी को सूचना देते हुए राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी में अपील कर सकता है। यदि राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. के निर्णय से भी प्रत्याशी या राजनैतिक दल संतुष्ट नहीं है तो निर्वाचन आयोग में अपील की जा सकेगी। राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. द्वारा अपील प्राप्ति के 96 घण्टे के अंदर निर्णय लिया जाएगा। जिसकी एक प्रति जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. को भी प्रेषित की जाएगी। यदि राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. निर्णय से प्रत्याशी संतुष्ट नहीं है तो 48 घण्टे के भीतर निर्वाचन आयोग को अपील कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

बिना अनुमति के प्रकाशन/प्रसारण पर होगी कार्यवाही
पेड न्यूज या विज्ञापन प्रत्याशी या राजनीतिक दल की अनुमति के बगैर प्रकाशित / प्रसारित करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 एच के तहत प्रकाशक/प्रसारक पर कार्यवाही की जाएगी।

प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया की स्वीकृति प्रक्रिया
आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि के दौरान यदि निजी एफएम चैनल, सभी टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, रेडियो द्वारा राजनैतिक प्रक्रिया के सभी विज्ञापन सीईओ/डीईओ द्वारा गठित एमसीएमसी की अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा और अनुमति मिलने उपरांत ही विज्ञापन प्रसारित किया जा सकेगा। 
टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, सिनेमा के माध्यम से प्रचार-प्रसार का प्रमाणीकरण टीवी चैनल एवं केबल नेटवर्क में प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी से प्रमाणिकरण कराना  होगा। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दल के संबंध में प्रसारण के लिए तीन दिन पहले एवं क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी के प्रसारण के संबंध में 07 दिन पहले एमसीएमसी से प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा। प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज में प्रस्तावित विज्ञापन की 02 प्रति साफ्टकापी एवं हार्डकापी में। विज्ञापन प्रसारण का विवरण एवं स्टेटमेन। विज्ञापन की लागत पार्टी या अभ्यर्थी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति या कार्यकर्ता द्वारा विज्ञापन देने पर उसे शपथ पत्र देना होगा। विज्ञापन का भुगतान चेक या डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से ही किया जाएगा। मध्यप्रदेश सिनेमा विनियमन नियम 1960 के अंतर्गत प्रदर्शन के पूर्व समय, स्थान के बारे में 48 घंटे पूर्व जिला दण्डाधिकारी को सूचना देना होगा। अनुमति मिलने के पश्चात ही प्रदर्शन किया जा सकेगा।

निर्वाचन कार्यों की मानीटरिंग के लिए बनाया गया स्थैतिक दल
  • शराब, हथियार, नगदी एवं उपहार सामग्री के परिवहन पर रहेगी निगरानी

आगामी 10 अप्रैल 2014 को होने वाले लोकसभा चुनाव जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न कराने के लिए आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री व्ही. किरण गोपाल ने वाहनों की जांच, असामाजिक तत्वों, रैलियों एवं नगदी व शराब के परिवहन पर निगरानी रखने के लिए स्थैतिक दल गठित कर दिया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-108 बैहर के लिए नायब तहसीलदार श्री मनीष शुक्ला के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री अरविंद घोरमारे, आरक्षक तेजराम उईके, भूपेन्द्र नागवंशी, जी.एल. चौधरी, सुरेन्द्र मरावी, पृथ्वीराज, सुरेश विजयवार, सतीश उईके व बबन गौतम को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-109 लांजी के लिए नायब तहसीलदार श्री राजेन्द्रसिंह टेकाम के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री महेश वर्मा, आरक्षक श्याम कुमार, अतुल बोपचे, आशीष दुबे, अमित बरया, भक्तिसिंह चौधरी, भीकम सोनेकर, विकास बोरकर, लवसिंह रघुवंशी व विजय बिसेन को शामिल किया गया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-110 परसवाड़ा के लिए नायब तहसीलदार श्री राजकुमार अवस्थी के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री धानेश्वर नंदा, आरक्षक जीतसिंह ठाकुर, ईश्वर सिंह रघुवंशी, गोहनलाल छिपेश्वर, जयप्रकाश ठाकरे, जैपाल, महेश तुरकने, ईश्वर मरावी व मनोज यादव को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-111 बालाघाट के लिए नायब तहसीलदार श्री संदीप श्रीवास्तव के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री नेहरू बेहरवंश, आरक्षक कैलाश मेश्राम, मुकेश ठाकरे, शिवशंकर पटले, कन्हैया टेंभरे, विकास खरे, भूमेश्वर वामनकर, नरेन्द्र धुर्वे, अजय कानतोड़े व मनीष मिश्रा को शामिल किया गया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-112 वारासिवनी के लिए नायब तहसीलदार श्री प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री रेवाराम घोरमारे, आरक्षक ब्रम्हदत्त तिवारी, योगेश मिश्र, वेंकटराव सहारे, रामदयाल चौधरी, नितेश राजपूत, हीरालाल धैर्यकर, वेदकुमार हरिनखेड़े व सुरेन्द्र पांचे को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-113 कटंगी के लिए नायब तहसीलदार श्री रामसिंग कुशराम के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री राधेश्याम गायधने, रूपनारायण राजपूत, गौरीशंकर देशमुख, राजेन्द्र मेश्राम, भारत परते, खूबसिंह बघेल, विवेक त्रिपाठी, प्रमोद बघेल व शरद चौहान को शामिल किया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के स्थैतिक दल के साथ एक वीडियोग्राफर भी नियुक्त किया गया है। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र की मुख्य सड़कों एवं सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित करेगा और अवैध शराब, रिश्वत की वस्तुओं, भारी मात्रा में नगदी, हथियार, गोलाबारूद के लाने एवं ले जाने तथा असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर नजर रखेगा। जांच के दौरान दल को 50 हजार रु. से अधिक की नगदी या वाहन में पोस्टर या निर्वाचन सामग्री या कोई ड्रग्स, शराब, हथियार या 10 हजार रु. मूल्य से अधिक की उपहार सामग्री निर्वाचकों को प्रलोभन के लिए ले जाया जाना पाया जायेगा तो उसे जब्त कर लिया जायेगा। यह दल प्रतिदिन निधार्रित प्रारूप में अपने क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर एवं पुलिस अधीक्षक को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा।

शासकीय कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध, बिना अनुमति से मुख्यालय से बाहर कोई नहीं जायेगा
आगामी 10 अप्रैल 2014 को होने वाले लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री व्ही. किरण गोपाल ने सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बिना अनुमति के अवकाश पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी अधिकारी अपने अधिनस्थ कर्मचारी का अवकाश मंजूर नहीं करेगा और बिना अनुमति के कोई भी अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय से बाहर नहीं जायेगा। अत्यावश्यक होने पर कार्यालय प्रमुख के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। सभी अधिकारियों एवं कर्मवारियों से कहा गया है कि वे अपने नियत मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें।  

नये मतदाताओं को जोड़ने के लिये 9 मार्च को सभी मतदान केन्द्र पर बैठेंगे बीएलओ
  • मतदान केन्द्रों पर होगा विशेष शिविर का आयोजन

भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक नामावली में पात्र मतदाताओं के नाम शामिल करवाने के लिये आगामी रविवार 9 मार्च को देश के सभी मतदान केन्द्रों में विशेष शिविर आयोजित करवाने के निर्देश दिये हैं। मतदान केन्द्र के शिविर में बूथ लेवल ऑफिसर निर्वाचक नामावली की प्रति साथ लेकर बैठेंगे। निर्वाचक नामावली की एक प्रति मतदान केन्द्र की दीवार पर चस्पा की जायेगी, ताकि मतदाता उसमें नाम की जाँच-पड़ताल कर सके। केम्प के दौरान अशिक्षित मतदाताओं की सुविधा के लिये लोगों के बीच निर्वाचक नामावली को पढ़कर सुनाया भी जायेगा। मतदान केन्द्रों पर बूथ लेवल ऑफिसर फार्म-6, 7, 8, 8ए के साथ उपलब्ध रहेंगे, जिन्हें इच्छुक व्यक्तियों द्वारा भरवाया जायेगा। आयोग ने शिविरों के व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने के निर्देश भी राज्यों को दिये हैं। स्थानीय स्तर पर मुनादी करवा कर शिविर की जानकारी देने के निर्देश भी दिये गये हैं। जिला निर्वाचन अधिकारियों को शिविरों की जानकारी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को देने को कहा गया है। राजनैतिक दलों से यह अनुरोध करने को कहा गया है कि वे शिविर में अपना बूथ लेवल एजेंट (बी.एल.ए.) उपस्थित रखें। बीएलओ द्वारा इच्छुक मतदाताओं के फार्म भरवाने की सुविधा भी शिविर में रहेगी। फार्म भरवाने के बाद बीएलओ उसका भौतिक सत्यापन तथा स्थानीय जाँच आदि कर उसे ईआरओ को जमा करायेंगे। ईआरओ शेष कार्यवाही पूर्ण कर फार्म का निराकरण 11 दिन के भीतर करायेंगे। शिविर के दौरान छूटे हुए सभी पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ने की विशेष पहल की जायेगी। आयोग ने इस बात का प्रचार करवाने को कहा है कि ऐपिकधारी मतदाता भी निर्वाचक नामावली में अपना नाम चेक कर और नाम न होने की स्थिति में फार्म-6 भर सकते हैं। आयोग के अनुसार ऐपिक पहचान-पत्र है, यदि निर्वाचक नामावली में मतदाता का नाम नहीं है, तो ऐपिक होने के बावजूद वह मताधिकार का उपयोग नहीं कर सकेगा। इस तथ्य का व्यापक प्रचार करवाने के निर्देश आयोग ने दिये हैं। आयोग ने शिविर के दिन प्राप्त होने वाले सभी फार्म की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में विवरण सहित देने को कहा है। प्राप्त होने वाले फार्म्स का विवरण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार सीईओ पर उपलब्ध आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं। राज्यों को फार्म्स की जानकारी 11 मार्च तक प्राप्त करने तथा उसका निराकरण अथवा निरस्त करने की कार्यवाही 20 मार्च तक पूर्ण करवाने को कहा है। आयोग ने शिविर के दौरान प्राप्त हुए सभी फार्म्स का निराकरण 20 मार्च तक अनिवार्य रूप पूरा कराने के निर्देश दिये हैं। आयोग शिविर के आयोजन के संबंध में शीघ्र सीईओ और डीईओ के साथ में वीडियो कान्फ्रेंसिंग भी करेगा।

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