गत 65 वर्षों में देश के राजनैतिक नेतृत्व द्वारा अपनी गहन उपेक्षा से छुब्द होकर देश भर के व्यापारियों ने पहली बार अपने आपको एक वोट बैंक में बदलने का फैसला किया है और आने वाले संसदीय चुनावों में व्यापारी बेहद महतवपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाने के लिए लामबंद हो रहे हैं ! संसदीय चुनावों को नजर में रखते हुए व्यापारी देश की राजनैतिक व्यवस्था और व्यापार से सम्बंधित नीतियों में अपनी सहभागिता की मांग कर रहे हैं ! अभी हाल ही में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के झंडे तले नई दिल्ली में हुए एक राष्ट्रीय व्यापारी महाधिवेशन में लिए निर्णय के अनुसार कैट आगामी 10 मार्च से 10 मई तक देश भर में एक "राष्ट्रीय व्यापारी गोलबंदी अभियान"चलायेगा ! महाधिवेशन में देश भर के 1500 प्रमुख व्यापारिक संगठनों के व्यापारी नेताओं ने भाग लिया था !
आज नई दिल्ली में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने अभियान के विषय में जानकारी देते हुए बताया की इस अभियान के तीन आयाम होंगे जिनमें वोट अवश्य दें, कानाफूसी अभियान और संसद में कम से कम 50 व्यापारी मित्र सांसदों को चुन कर भेजना है जिस से आगामी लोकसभा में सांसदों का एक व्यापारी कॉकस बन सके ! यह एक कड़वा सच है की अब देश की राजनीति वोट बैंक के इर्द गिर्द घूमती है और ऐसे वोट बैंक को सरकारों द्वारा सदा ही अपनी प्राथमिकता पर रखा जाता है और इसीलिए व्यापारियों ने भी अपने आपको चुनावों के लिए एक वोट बैंक में बदलने की ठानी है और आने वाले चुनावों में इस बात पर बल दिया जाएगा की व्यापारी दलों की प्रतिबध्दता से ऊपर उठकर मतदान करें!
संवाददाता सम्मेलन में कैट के दिल्ली प्रदेश चेयरमैन श्री नरेंद्र मदान, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश खन्ना एवं महामंत्री श्री विजय पाल, कैट दिल्ली प्रदेश के संरक्षक श्री सुशील गोयल, श्री राजेन्द्र गुप्ता, कैट के राष्ट्रीय मंत्री श्री सतेन्द्र जैन, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री विजय बुद्धिराजा, दिल्ली के प्रमुख व्यापारी नेता श्री गोपाल गोयल, देव राज बवेजा, रविन्द्र गोयल ,विजय गुप्ता, रमेश कपूर आदि मौजूद थे !
10 मार्च से 60 दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय अभियान में कैट के विभिन्न राज्यों के लगभग 15 वरिष्ठ नेता जिनमें कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय चेयरमैन श्री महेंद्र शाह शामिल हैं सारे देश भर का सघन दौरा करेंगे ! देश के लगभग 20 हजार से अधिक व्यापारिक संगठन इस अभियान में भाग लेंगे ! इस अभियान के अंतर्गत व्यापारियों से कहा जायेगा की वो न केवल स्वयं चुनाव में मतदान अवश्य करें बल्कि अपने परिवार, सम्बन्धी, कर्मचारी और जिनसे भी उनका व्यापार होता है उन्हें भी मतदान अवश्य करने के लिए प्रेरित करें! कानाफूसी अभियान के अंतर्गत व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों पर आने वाले ग्राहकों को बातचीत के जरिये सही उम्मीदवार और सही दल को वोट देने का आग्रह करेंगे ! औसतन एक प्रतिष्ठान लगभग 10 ग्राहक प्रतिदिन अवश्य आते हैं, इस दृष्टि से यह अभियान बेहद महतवपूर्ण है !
देश की अर्थव्यवस्था में बेहद महतवपूर्ण योगदान देने के बावजूद भी देश के घरेलू व्यापार पर आज तक कोई ध्यान ही नहीं दिया गया और अन्य सभी वर्गों के लिए नीति बनायीं गयी लेकिन व्यापारियों के लिए आज तक कोई राष्ट्रीय व्यापार नीति नहीं बनी ! बार बार करों के सरलीकरण की बात जोर शोर से कही गयी लेकिन कर प्रणाली का सरलीकरण करने के बजाय व्यापारियों को करों एवं अन्य कानूनों के जाल में उलझा दिया गया और अनेक प्रकार की कागजी कार्यवाही को पूरा करने की बाध्यता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है ! अन्य वर्गों को सरकार सब्सिडी तक देती है लेकिन व्यापारियों को आसानी से बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता तक नहीं मिल पाती है ! अनेक राज्य अपने अपने कानूनों से व्यापारियों पर टैक्स अथवा कागज़ी कार्यवाही का बोझ डाल रहे हैं वहीँ केंद्र सरकार जमीनी हकीकत से ताल्लुक न रखने वाले कानूनों को व्यापारियो पर आरोपित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है! रिटेल व्यापार में ऍफ़ डी आई और ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई को बढ़ावा देकर घरेलू व्यापार और लघु उद्योग को विदेशी कम्पनियों के हाथों में देने की लगातार कोशिशें हो रही है !