राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा गुरुवार को बिहार की 40 सीटों में से गठबंधन के तहत मिले 27 में से 25 सीटों पर उम्मीदवारों के एलान के बाद पार्टी में मचा घमासान अब तक थमता नजर नहीं आ रहा है। टिकट बंटवारे से दुखी राजद के वरिष्ठ नेता और लालू के 'हनुमान'माने जाने वाले रामकृपाल यादव पटना से दिल्ली चले गए वहीं राजद के विधान पार्षद गुलाम गौस ने बेतिया सीट से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। हालांकि रामकृपाल यादव को मनाने के लिए शुक्रवार को लालू प्रसाद की पुत्री तथा पाटलिपुत्र सीट से घोषित उम्मीदवार मीसा भारती दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात करने की कोशिश में लगी हैं।
इधर, रामकृपाल ने फोन पर बताया कि फिलहाल मैं कुछ नहीं कह सकता। उन्होंने कहा, "वह दुखी हैं, और अगले एक-दो दिन में कुछ फैसला लेंगे।"माना जाता है कि रामकृपाल की इच्छा पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की थी जहां से राजद ने मीसा भारती को टिकट थमा दिया है। इधर, इस मामले पर राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पटना में कहा कि रामकृपाल को कोई बरगला रहा है और अगर इसके बाद वे कोई गलत फैसला ले लेंगे तो यह उनके लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा भी व्यक्त नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अभी वे राज्यसभा के सांसद हैं और दो वर्ष में फिर बिहार में चुनाव आ जाएगा।
इस बीच रामकृपाल को मनाने उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची मीसा भारती कहती हैं कि वे एक सीट के लिए अपना परिवार बिखरने नहीं देंगी। वह कहती हैं, "वह रामकृपाल जी से यहां मिलने आई और बिना मिले नहीं जाएंगी। अगर पाटलिपुत्र सीट के कारण अगर वे नाराज हैं, तो वे पाटलिपुत्र सीट छोड़ने को तैयार हैं।"उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद पाटलिपुत्र से करीब 10 हजार मतों से चुनाव हार गए थे।
इधर, टिकट बंटवारे से नाराज गौस भी खुलकर विरोध में उतर आए हैं। गौस कहते हैं कि उनका पश्चिम चंपारण (बेतिया) से चुनाव लड़ना तय है। वे कहते हैं कि अभी भी पार्टी टिकट में बदलाव कर सकती है। बेतिया से राजद ने रघुनाथ झा को अपना प्रत्याषी घोषित किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में राजद के चार विधायक भी पार्टी से अलग हो गए हैं।