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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 मार्च )

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नाराज बच्ची सिंह ने दिया अपने सभी पदों से इ्रस्तीफा

देहरादून, 9 मार्च (निस)। टिकट की दावेदारी के लिए नाम पैनल में न भेजे जाने से नाराज भाजपा के वरिष्ठ नेता बच्ची सिंह रावत ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेंगे। जहां टिकटों की दावेदारी में भाजपा के तीनो पूर्व मुख्यमंत्री बी.सी.खण्डूरी, भगतदा और रमेश पोखरियाल निशंक के नाम शामिल हैं वहीं पार्टी के पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी अपनी दावेदारी कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाईनल  हो चुके हैं टिहरी गढ़वाल सीट से महारानी माला राज लक्ष्मी तथा पौड़ी गढ़वाल से बी.सी.खण्डूरी और नैनीताल से भगत सिंह कोश्यारी के नाम लगभग तय है और इस बारे में अब सिर्फ घोषणा किया जाना बाकी है शेष दो सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। हरिद्वार सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व विधायक मदन कौशिक एवं नरेश बंसल ने टिकट की दावेदारी की है जबकि अल्मोड़ा सीट आरक्षित है और इस पर भी दो-तीन लोगों के नामों पर विचार किया जा रहा है। बच्ची सिंह रावत ने  टिकटों के बंटवारें में अपनी उपेक्षापर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई है।

पहाड़ों में शिक्षकांे चिकित्सकों की कमी से राज्यपाल भी हैं वाकिफ: खण्डूडी

khanduri
देहरादून, 9 मार्च (निस)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से0नि0) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महामहिम राज्यपाल अजीत कुरेशी द्वारा प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में शिक्षक एवं चिकित्सकों की कमी के बारे में चिन्ता व्यक्त करने पर उनको साधुवाद दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में मेरे द्वारा पर्वतीय आंचलों में चिकित्सकों, शिक्षकों एवं अन्य सरकारी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए मेरी सरकार द्वारा प्रदेश में तबादला एक्ट इन्हीं सभी चीजों को ध्यान में रखकर बनाया गया था, ताकि प्रदेश के दूरस्थ गाॅव में भी चिकित्सकों एवं शिक्षकों का अभाव न रहे तथा वहाॅ के निवासियों को चिकित्सा एवं शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। तबादला एक्ट लागू होने के पश्चात् चिकित्सकों एवं शिक्षकों को अनिवार्य रूप से प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में अपनी सेवायंे देनी पड़ती तथा प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में चिकित्सकों एवं शिक्षकों की कमी दूर हो जाती। इस एक्ट के रहने पर तबादलों में पूर्ण पारदर्शिता आ जाती तथा राजनैतिक हस्तक्षेप पूर्णरूप से समाप्त हो जाता किन्तु कांग्रेस सरकार ने आते ही बिना सोचे-समझे इस एक्ट को समाप्त कर दिया जिस कारण प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में चिकित्सकों एवं शिक्षकों की भारी कमी है, जो कि एक चिन्ता का विषय है। प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में चिकित्सकों की कमी दूर करने हेतु भाजपा सरकार द्वारा मामूली फीस पर एमबीबीएस की डिग्री इस प्राविधान के साथ देने की व्यवस्था की गयी थी, कि डिग्री लेने के उपरान्त सम्बन्धित चिकित्सक 5 वर्ष तक अनिवार्य रूप से प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में अपनी सेवाएं देगा। प्रदेश में वर्तमान कांग्रेस सरकार इस व्यवस्था को भी सुचारू रूप से लागू करने में नाकाम रही है। प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के विकास को लेकर पूर्व में मेरी सरकार द्वारा 2008 में पर्वतीय जनपदों के लिए अलग से औद्योगिक नीति बनायी गयी थी जिसमें पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर कई तरह की रियायतों का प्राविधान किया गया था, जिससे कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगें तथा वहाॅ पर विकास हो सके। वर्ष 2012-13 तक इस नीति के तहत प्रदेश में लगभग 450 करोड़ का निवेश हो चुका है। प्रदेश की वर्तमान कांगे्रस सरकार को इस नीति को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में और अधिक विकास की किरण पहुॅच सके।

दून विवि का नाम बदलने पर छात्रों में आज भी गुस्सा

देहरादून, 9 मार्च (निस)। दून विश्वविद्यालय का नाम बदलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सरकार द्वारा बाल्मीकि समाज को अपने पक्ष में करने के लिए दून विश्वविद्यालय का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि विश्वविद्यालय कर दिया गया है जिसका विरोध पहले दिन से ही शुरू हो गया था। छात्रों सचिवालय कूच धरना, प्रदर्शन के माध्यम से यह विरोध शुरू कर दिया था। इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय के छात्र मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी मिले थे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हुई है। अपने सुनवाई न होते देख महर्षि वाल्मीकि विवि करने का विरोध कर रहे दून विवि के छात्रों ने एक प्रतिनिधि मण्डल के रूप में महामहिम डा. अजीज कुरैशी से भी भेंट की। राज्यपाल से मुलाकात कर छात्रों ने सरकार के इस निर्णय पर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्रों का कहना है कि दून विश्वविद्यालय नाम ही अपने आप में काफी है। इसमें किसी महापुरूष का नाम जोडऩे की जरूरत है न ही कोई अवसर। इन छात्र-छात्राओं ने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। यह उल्लेख करना आवश्यक होगा कि दून विश्वविद्यालय पूर्व मुख्यमंत्री पं नारायण दत्त तिवारी की स्वप्निल परियोजना है जिसे धरातल पर उतारा गया। अब राजनीतिक काराणों से इस विश्व विद्यालय का नाम बदला जा रहा है जो विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों को पंसद नही है और वह इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। 

संदिग्धों के खिलाफ चला सत्यापन अभियान

देहरादून, 9 मार्च (निस)। रविवार को डालनवाला पुलिस ने अपने क्षेत्र में संदिग्धों के खिलाफ सत्यापन अभियान चलाया। रविवार की सुबह सी.ओ डालनवाला के नेतृत्व में डालनवाला पुलिस ने क्षेत्र में सत्यापन अभियान चलाया। इस अभियान में कई थानों की पुलिस कर्मी व दरोगा मौजूद थे। सुबह से लेकर दोपहर तक चले इस अभियान में पुलिस ने 427 लोगों का सत्यापन किया। जबकि इस अभियान के दौरान तीन लोगो के पुलिस एक्ट में दस-दस हजार के चालान काटे गये। दून में चोरी, लूट या अन्य तरह के अपराध  लगातार बढ़ रहे है। दून में इस तरह के अपराध घटित होने के बाद ही पता चलता है कि उक्त अपराधी उस क्षेत्र में रह रहा था। कुछ समय पूर्व रायपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई। बाद में पुलिस जांच मंे पता चला कि वह यू.पी का भगोड़ा अपराधी है। ऐसी कई आपराधिक वारदातें यहां पर हो चुकी है जिनके घटने के बाद ही पुलिस जागती और तब पुलिस को पता चलता है कि अन्य राज्य से फरार या भगोड़ा अपराधी दून में अपनी जड़े जमाये हुए था। दून पुलिस पुलिस ने यहां सत्यापन अभियान शुरू कर संदिग्धों पर लगाम कसनी शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि यह अभियान कितना सफल होता है और इसके बाद होने वाली घटनाओं में पुलिस के पास अपराधी की कितनी जानकारी मिलती है। फिलहाल तो इस सत्यापन अभियान के शुरू होने के बाद संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त लोगों में हलचल मची हुई है।

जिला प्रशासन की ओर से रविवार को दून में विशेष मतदाता कैंप लगाए गए

देहरादून, 9 मार्च (निस)। निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन की ओर से रविवार को दून में विशेष मतदाता कैंप लगाए गए। कैंप में बड़ी संख्या में युवाओं ने फार्म 6 भरकर मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाएं। जबकि कई लोगों ने गलत मतदाता पहचान पत्रो ंको ठीक करवाया। इसके साथ ही कई बूथों पर बीएलओ नहीं मिलने पर लोगों ने हंगामा भी काटा। रविवार को सभी स्कूलों, काॅलेजों और सामुदायिक केंद्रों में जिला प्रशासन की ओर से मतदाता बनने के लिए विशेष कैंप लगाए गए। कैंप में सुबह सुबह दस से शाम पांच बजे तक लगाए गए। कैंप में सबसे ज्यादा युवाओं ने फार्म 6 भरकर मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया। इसके साथ ही कुछ जगह बीएलओ नहीं पहुंचने पर लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट जीसी गुणवंत ने सभी बूथों का औचक निरीक्षण किया। जिन केंद्रों पर बीएलओ नहीं मिले उनके खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की। गांधी इंटर काॅलेज में मतदाता सूची में नाम विशेष मतदाता शिविर में उमड़ी युवाओं की भीड़ दर्ज करवाने के लिए पहुंची अजय चैहान ने बताया कि 18 साल पूरे हो गए हैं इसलिए मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए आया हूं। फार्म 6 भरकर आवेदन कर लिया है। ऐसे ही कालूमल धर्मशाला में मतदाता सूची में गलत नाम को ठीक करने के लिए पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बूथ पर बीएलओ नहीं मिले। हंगामा करने के बाद बीएलओ पहुंचे लेकिन फार्म 8 नहीं मिला। इस कारण परेशानी हुई। सिटी मजिस्टेªट जीसी गुणवंत ने बताया कि मतदाता के विशेष कैंप में युवाओं ने फार्म 6 भरकर नाम दर्ज करवाया। इसके साथ ही जहां बीएलओ नहीं पहुंचे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

शिकायत दर्ज कराने को नम्बर जारी

देहरादून, 9 मार्च (निस)। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी देहरादून बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम कहा कि लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2014 की घोषणा हाने के साथ ही प्रदेश सहित पूरे जनपद देहरादून मेें आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होने कहा कि आचार संहिता के उल्लघन एवं निर्वाचन से सम्बन्धित कोेई भी जानकारी एवं शिकायत दर्ज करवाना चाहते है इसके लिए कलक्ट्रेट स्थित निर्वाचन कार्यालय में कन्ट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है। जिनके दूरभाष नम्बर 0135-2626064, 2626055,2726066 पर अपनी शिकायत एवं समस्या दर्ज करवा सकते है। इसके साथ-साथ टोल फ्री नम्बर भी स्थापित किया गया है जिसका नम्बर 1077 पर शिकायत व समस्या दर्ज करवा सकते है। यह सभी नम्बर लगातार संचालित रहेगें।


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