कश्मीर में सेना की तैनाती के मुद्दे पर जनमत संग्रह के सुझाव का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अरुण जेटली ने सोमवार को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कश्मीर मुद्दे के कुप्रबंधन का आरोप लगाया। जेटली ने कहा, "कश्मीर में सेना की तैनाती का फैसला जनमत संग्रह के माध्यम से किए जाने के सुझाव का विरोध किया जाना चाहिए।" उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर की समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया।
जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, "जम्मू एवं कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर फैसला नेहरू द्वारा किया गया। जम्मू एवं कश्मीर मसले पर उनके कुप्रबंधन के परिणामों का सामना आज भी करना पड़ रहा है।"कश्मीर घाटी में सेना की तैनाती पर जनमत संग्रह का सुझाव देने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता प्रशांत भूषण का नाम लिए बगैर जेटली ने कहा कि इसी नेता ने दो वर्ष पहले भी जम्मू एवं कश्मीर में जनमत संग्रह का सुझाव दिया था, जिसमें लोग यह फैसला करने के लिए स्वतंत्र हों कि वे भारत के साथ रहेंगे या फिर किसी अन्य के साथ।
जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर फैसला लोकप्रिय जनमत संग्रह के माध्यम से नहीं हो सकता। उन पर केवल सुरक्षा को ध्यान में रखकर फैसला किया जा सकता है। जेटली ने ट्विटर पर कहा कि जब तक आतंकवादी ढांचा कायम है, जम्मू एवं कश्मीर में सेना की उपस्थिति आवश्यक है।