गोवा में शनिवार को ढही निर्माणाधीन इमारत के पास की दो और इमारतों में दरार पड़ने के बाद उनके ढहने की आशंका को देखते हुए बचाव कार्य रोक दिया गया है। शनिवार को हुए हादसे में 17 लोग मारे गए हैं। पणजी से 80 किलोमीटर दूर कनाकोना में शनिवार अपराह्न् एक निर्माणाधीन भवन के ढह जाने से वहां काम कर रहे मजदूर इमारत के मलबे में दब गए थे। बचाव दल रविवार तक 25 लोगों को मलबे से निकालने में कामयाब रहे। अब भी तकरीबन 20 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
एक अधिकारी ने बताया कि बचाव दल के सदस्यों और बचाव कार्य में उपयोग की जा रही भारी मशीनों को फिलहाल घटनास्थल से हटा लिया गया है। अधिकारी ने कहा, "पांच मंजिला इमारत के ढहने से आस-पास की इमारतों में दरार पड़ गई है। हम हर तरह की सावधानी बरत रहे हैं। भारी मशीनों को वहां से हटा लिया गया है और बचाव कार्य रोक दिया गया है।"दूसरी इमारतों में पड़ी दरारों से उत्पन्न खतरे की गंभीरता के बारे में पता करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में अब तक दबे 20 लोगों के जीवित बचने की संभावना बेहद कम है।
एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, "शनिवार दोपहर में इमारत ढहने के तुरंत बाद कई लोगों की चीख-पुकार मलबे में से सुनाई दी थी। रविवार शाम तक चीख पुकार कुछ कम हुई। जो लोग अब तक मलबे में दबे हुए हैं उनकी पुकार अब बाहर नहीं आ पा रही है।"कनाकोना के रूबी रेजीडेंसी में निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत के शनिवार दोपहर में ढह जाने से वहां काम कर रहे 50 मजदूर और सुरक्षा गार्ड मलबे में दब गए थे। भवन निर्माता, ठकेदार, अभियंता और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। गोवा के खेल मंत्री रमेश तवाडकर ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, "पुलिस ने अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया है। लेकिन जल्द ही गिरफ्तारियां की जाएंगी।"