दिल्ली में समाजसेवी अन्ना हजारे और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह की मुलाकात कोई नया गुल खिलाने वाली है? दिल्ली के रामलीला मैदान में बुधवार को आयोजित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की रैली में समाजसेवी अन्ना हजारे की गैरमौजूदगी और जनरल सिंह की मुलाकात लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि रैली से पहले ममता के सहयोगी मुकुल रॉय महाराष्ट्र भवन अन्ना को मनाने पहुंचे थे।
सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान जनरल वीके सिंह ने अन्ना हजारे से बीजेपी का समर्थन करने का आग्रह किया। हालांकि अन्ना से मुलाकात के बाद जनरल सिंह ने कहा कि उनकी तबियत खराब है और जब भी वह दिल्ली में होते हैं तो, मैं उनसे जरूर मिलता हूं। बातचीत के दौरान जनरल सिंह अपने पूर्व सहयोगी और 'आप'संयोजक केजरीवाल पर निशाना साधना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि अब तो वह (केजरीवाल) सिर्फ नाम के आम आदमी हैं। अब वह खास आदमी हो गए हैं। उनके बारे में कम ही बोलो तो अच्छा है।
इससे पहले रैली में अन्ना हजारे की गैरमौजूदगी को लेकर पैदा हुईं अटकलों पर विराम लगाते हुए टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा, 'अन्ना के कहने पर ही मैंने दिल्ली में रैली करने का फैसला लिया। अन्ना की तबियत खराब है इस वजह से वह रैली में नहीं आ पाए।'
सूत्रों के मुताबिक, रैली से पहले कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम नूर-उर-रहमान बरकती ने ममता बनर्जी को अन्ना हजारे से दूरी बनाने की सलाह दी थी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में बरकती ने अन्ना पर आरएसएस की कठपुतली होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ संबंध से ममता बनर्जी के अभियान को नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं दिल्ली के शाही इमाम ने भी अन्ना साथ मंच साझा करने से इनकार कर दिया है।
ममता ने इस रैली में कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। ममता ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी मिलकर अन्य दलों की आवाज संसद में दबाती आ रही हैं। टीएमसी कांग्रेस और बीजेपी दोनों के बिना ही अपनी लड़ाई लड़ेगी। भले ही इस लड़ाई में हम अकेले पड़ जाएं। एफडीआई पर टीएमसी ने जो स्टैंड लिया था, हम उस पर कायम हैं। मैंने बंगाल में लड़कियों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं।'