कानून की प्रशिक्षु छात्रा के साथ यौन शोषण आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली ने सोमवार को बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। माना जा रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा उन्हें पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस गांगुली ने यह कदम उठाया। वे सोमवार को आयोग कार्यालय से बंगाल राज्यपाल एमके नारायणन के पास पहुंचे। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने राज्यपाल से 45 मिनट की बातचीत के दौरान अपना इस्तीफा सौंप दिया।
जस्टिस गांगुली ने रविवार को पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी से बातचीत में पद से इस्तीफा देने की अपनी मंशा जाहिर की थी। पूर्व अटॉर्नी जनरल ने भी उनके इस फैसले को सही बताया था। इससे पूर्व जस्टिस गांगुली सोमवार सुबह 11.30 बजे भवानी भवन स्थित मानवाधिकार आयोग के कार्यालय पहुंचे और दिन भर आयोग के कार्य में व्यस्त रहे। शाम करीब 4.45 बजे वह कार्यालय से आयोग के संयुक्त सचिव जय हल्दर के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए।
मुलाकात के बाद से उनके इस्तीफे दिए जाने की चर्चा शुरू हो गई। गौरतलब है कि जस्टिस गांगुली पर लगे आरोपों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने प्रथम दृष्टया सही माना था। जिसके बाद से पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी। हालांकि पूर्व न्यायाधीश ने प्रशिक्षु छात्रा के सभी आरोपों से इन्कार किया था। गत सप्ताह जस्टिस गांगुली ने कोलकाता के कानून राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर पद से इस्तीफा दिया था।