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बिहार : अब वन मिलियन वॉक- 2020

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ekta parishad news
गया। महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्तूबर 2014 से जन संगठन एकता परिषद के सिल्वर जुबली शुरू होगा जो 2 अक्तूबर 2015 में समाप्त होगा। छतीसगढ़ प्रदेश के तिल्डा में 10 हजार की संख्या में लोग जुटेंगे। इस आशय की जानकारी एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने दी है। 

एकता परिषद बिहार के वरिष्ठ सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि आरंभ में रविन्द्र प्रताप सिंह के लोक जागरण, उदय नारायण चौधरी के प्रयास ग्रामीण विकास समिति, रामबाबू के अर्पण गा्रमीण विकास समिति और प्रदीप प्रियदर्शी के प्रगति ग्रामीण विकास समिति ने मिलकर 4 जनवरी 1992 में ऐतिहासिक स्थल गया में एकता परिषद नामक जन संगठन बनाए। गया जिले के वजीरगंज के रहने वाले रविन्द्र प्रताप सिंह, प्रथम प्रांतीय संयोजक बने। 1996 में पटना में रहने वाले प्रदीप प्रियदर्शी, प्रांतीय संयोजक बने। 2008 में गया जिले के फतेहपुर के रहने वाले शत्रुध्न कुमार, प्रांतीय संयोजक बने। इनके नेतृत्व में बिहार के वंचित समुदाय के लोग जनादेश 2007 में सत्याग्रह पदयात्रा में शिरकत किए। 2009 में पटना में रहने वाले प्रदीप प्रियदर्शी, प्रांतीय संयोजक बने। इनके नेतृत्व में सूबे के वंचित समुदाय के लोग जन सत्याग्रह 2012 में शिरकत किए। इसके बाद 2013 में एकता परिषद संचालन समिति बनायी गई। संचालन समिति के सदस्य बी.के.सिंह,अनिल पासवान,विजय गौरेया,मंजू डूंगडूंग और सिंधु सिन्हा हैं। 

सन् 2001 में 11 सितम्बर से 11 अक्तूबर तक पदयात्रा की गयी। जमुई, नवादा,नालंदा,गया और जहानाबाद होकर पटना आए। सन् 2002 में श्रम शिविर जहानाबाद में हुआ। मुहाने नदी के मुंह खोलने की मांग को लेकर 73 दिनों तक सत्याग्रह नालंदा किया गया। भूदान आंदोलन किया गया। सन् 2007 में आवासीय भूमिहीनों को भूमि देने की मांग को लेकर पटना में 270 दिनों तक बेमियादी सत्याग्रह किया गया। इसके बाद ही सरकार ने महादलितों को 3 डिसमिल जमीन देने पर सहमति की मुहर लगा दी। प्रलयकारी कोसी बाढ़ 2008 में कोसी प्रमंडल में बाढ़ के दौरान राहत सामग्री वितरण किए गए। 

उन्होंने कहा कि एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल जी ने ‘बैक टू विलेज’ (चलो गांव की ओर)का नारा बुलंद किए हैं। इसके साथ ही ‘वन मिलियन वॉक-2020’ का भी एलान किया गया है। संचालन समिति की सदस्य मंजू डूंगडूंग ने कहा ‘वन मिलियन वॉक-2020’ में शामिल होने की तैयारी देश-प्रदेश-विदेश में जारी है। जल,जंगल,जमीन नामक मुद्दे को लेकर 10 लाख लोग सड़क पर उतरेंगे। 

गांव के अंदर संचालित एकता परिषद की नीचली जन संगठन ग्राम ईकाई को सशक्त करना है। ईकाई के नेताओं को प्रशिक्षित करना है। इनको प्रशिक्षित कर काबिल बनाना है कि सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं को खुद लेने में समर्थ हो सके। जिनकी लड़ाई हो उनकी ही अगुवाई में गांव का चतुर्दिक विकास हो और गांव का कायाकल्प में सुधार और बदलाव हो। ग्रामीण अपने अधिकारों को पहचाने और उसे प्राप्त करने के लिए आवाज बुलंद करें। गांव से पलायन रोकने के लिए आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में पहलकदमी शुरू हो। 

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एकता परिषद के 1310 गांवों में से 100 गांवों को आदर्श गांव मनाया जाए। प्रारंभ में मालिक के हलवाहा बनने के बाद अब बटाईदार बन गए लोगों को सहयोग दिया जाए। उनको कृषि के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाया जाए। खेत में रासायनिक हमला को बंद करके जैविक खेती करने को प्रोत्साहन दें। अभी 46 समूह क्रियाशील है। इसमें अधिकतर महिला समूह हैं। उन महिला किसानों को किसानी का दर्जा देने का प्रशासनिक प्रयास किया जाए। 



आलोक कुमार
बिहार 

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