2002 के गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की बीवी जाकिया जाफरी ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है. जाकिया ने इस बार गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी और 59 अन्य आरोपियों को हरी झंडी देने वाले आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है. जाकिया ने अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उनकी विरोध याचिका (प्रोटेस्ट पीटिशन) को खारिज करने वाले आदेश को चुनौती दी है.
कांग्रेस नेता एहसान जाफरी गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में मारे गए 69 लोगों में से एक थे. जाकिया ने आठ फरवरी 2012 की एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने का भी अनुरोध किया है. याचिका बीते 15 मार्च को दायर की गई है. इस पर 20 मार्च को सुनवाई होगी.
मुख्यमंत्री और 59 अन्य आरोपियों के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2009 में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दिसंबर, 2011 में मोदी को क्लीन चिट दे दी थी. 26 दिसंबर, 2013 को अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बी.जे. गनात्रा ने जाकिया की विरोध याचिका को खारिज करते हुए मोदी को हरी झंडी दिखा दी थी, जिनके पास एसआईटी ने यह मामला बंद करने की अर्जी दी थी.
जाकिया ने मोदी और अन्य पर जनसंहार, लूटपाट और बलात्कार के लिए आपराधिक साजिश रचने, सबूतों से छेड़छाड़ और राज्य के गृह विभाग से जुड़े अहम दस्तावेज नष्ट करने के आरोप लगाए हैं.