Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 जनवरी )

$
0
0
सरकार और खनन माफियाओं के बीच किसके इशारे पर डील!
  • अपनी ही सरकार की खनन नीति के खिलाफ मुखर कांग्रेसी नेता

vijay bahuguna
देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड में खनन को लेकर जहां सरकार पर हमले शुरू हो गए हैं, वहीं खनन माफियाओं में खनन को लेकर आपसी रंजिश भी शुरू हो गई है। इसके चलते आने वाले समय में आपसी गैंगवार की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं खनन को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता भी अपनी ही सरकार की खनन नीति के खिलाफ इतने मुखर हो गए हैं कि जब उनकी सुनवाई मुख्यमंत्री दरबार में नहीं हुई तो उन्होंने इस मामले को लेकर राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया है। गौरतलब हो कि बीते दिन गढ़वाल मंडल विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष और जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार में बैठे अपर मुख्य सचिव ही प्रदेश में खनन के कार्याें में खास रूचि ले रहे हैं, इतना ही नहीं उन्होंने मीड़िया के सामने दस्तावेज दिखाते हुए खुलासा किया कि खनन के खेल में माफियाओं को सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने विकासनगर में खनन के खेल में की गई अनियमितताओं के मामले में विजिलेंस फोर्स की ओर से करोड़ों का जुर्माना लगाए जाने के बावजूद खनन पट्टे रद्द करने के बजाय पट्टे खोले जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार के एक बड़े नौकरशाह के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने बताया कि सितंबर 2011 में हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी ने अवैध खनन के आरोप में राजेश्वरी देवी, शंकर दत्त जोशी, सलेक चंद्र और पौदे सिंह का पट्टा निरस्त कर दिया था। उन्होंने बताया कि फरवरी 2012 में तत्कालीन प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास जो वर्तमान में अपर मुख्य सचिव हैं ने चारों पट्टे बहाल कर दिए हैं। इन पट्टा धारकों से जुर्माना भी नहीं वसूल किया गया। जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जुर्माना वसूल न करने पर इस पैसे का किसको फायदा हुआ, यह जांच का विषय है। वहीं उनका आरोप है कि केवल विकास नगर में अवैध खनन के जरिए अरबों का वारा-न्यारा किया गया है। नेगी ने कहा कि अवैध खनन में अधिकारी, नेता और माफिया के बीच सांठगाठ है। ऐसे में किसी भी कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती। वहीं दूसरी ओर बीते दिन कांग्रेस नेता फुरकान अहमद कुरैशी ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर दून की नदियों में हो रहे अवैध खनन पर तत्काल प्रभावी रोक लगाने की मांग की। राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन में आरोप लगाया कि दून जनपद के प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के संरक्षण में खनन माफिया अवैध खनन कर रहे है। बताया कि सौंग नदी में माल देवता, रायपुर, गुलरघाटी, कालूवाला, भंगलाना, भानियावाला, डोईवाला में सुसवा नदी भोगपुर, नागाघेर, घमंडपुर, लालतप्पड़ आदि में अवैध खनन किया जा रहा है, जिस पर जिम्मेदार अधिकारी अंकुश नहीं लगा पा रहे है। राजभवन स्तर पर कार्रवाई की मांग की है। राज्य सरकार द्वारा खनन निजी हाथों में दिए जाने के बाद इस खेल में आने वाले समय में गैंगवार की आहट भी सुनाई देने लगी है। सूत्रों की मानें तो एक नौकरशाह के इशारे पर पूरे प्रदेश में खनन का खेल किया जा रहा है। राज्य के रिजर्व फारेस्ट से गुजरने वाली 35 नदियों से प्राकृतिक संपदा की निकासी निजी हाथों से कराने की तैयारी चल रही है। इसका तानाबाना भी बुना जा चुका है। काफी हद तक यह नौकरशाह अपने इस मकसद में कामयाब भी हो चुका है। इसी का नतीजा है कि विकासनगर क्षेत्र में ताबड़तोड़ पांच बाहरी लोगों को खनन के पट्टे थमा दिए गए। चर्चाएं हैं कि जिन निजी हाथों को खनन के पट्टे दिए गए हैं वहां बड़ा खेल चल रहा है। मसलन पट्टा कहीं है और खनन कहीं हो रहा है। इससे सरकार को भारी चपत लग रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार का यही रवैया रहा तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में खनन के खेल में गोलियों की तड़तड़ाहट भी गूंजेगी। इसके लिए सीधे तौर पर शासन ही जिम्मेदार होगा। निजी हाथों से खनन कराने में सबसे अधिक नुकसान वन्यजीवों के वास स्थल को होगा। वैज्ञानिक तरीके से खनन न होने पर वन्यजीवों का वास स्थल तो प्रभावित होगा ही, इसकी आड़ में शिकार की घटनाएं भी बढ़ जाएंगी। विकासनगर, हरिद्वार मामलों से भी अगर सरकार नहीं चेता तो आने वाले दिनों में हालात बेकाबू हो जाएंगे। राज्य के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि विकास के कार्याें पर बार-बार पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर चिल्लम्पों मचाने वाले राज्य के तथाकथित पर्यावरणविदों का इस मामले में चुप्पी तब संदेहास्पद हो जाती है, जब इन खनन माफियाओं द्वारा उच्च घनत्व वाले वन क्षेत्रों सहित तमाम रिवर बैड पर दो-दो तीन-तीन मीटर गहरे खड्ड कर दिए जाते हैं। उनका कहना है कि राज्य के पर्यावरण विदों को यदि राज्य के पर्यावरण की चिंता हैं तो उन्हें यह मामला उठाना चाहिए।

मधुर सम्बन्धों चलते 70 लाख से तीन करोड़ हुआ डीजीपी का वित्तीय अधिकार 

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। डीजीपी बीएस सिद्धू प्रदेश के पहले ऐसे पुलिस मुखिया बन चुके हैं जिन पर सरकार आंख मिचकर भरोसा करने में लगी हुई है। लॉयन ने अपने चंद समय के कार्यकाल में जिस तरह से सरकार व शासन में मधुर सम्बन्ध बनाकर पुलिस के विकास की नई पहल शुरू की है उससे सरकार डीजीपी की लगातार पीठ थपथपा रही है जिससे डीजीपी की सरकार के अन्दर तेजी के साथ बल्ले-बल्ले होने लगी है। डीजीपी पर सरकार किस तेजी के साथ विश्वास कर रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण उस समय सामने आ गया जब शासन ने डीजीपी के वित्तीय अध्किार में तीन गुना बढोत्तरी करते हुए उन पर एक बडा विश्वास किया है। प्रदेश बनने के बाद अधिकांश डीजीपी जब भी सरकार के सामने जाते थे तो वह जनपदों में पुलिस कप्तानों को बदलवाने की मुहिम ही होती थी लेकिन पुलिस के अन्दर एक नई सोच रखने वाले जांबाज पुलिस अधिकारी बीएस सिद्धू को सरकार ने डीजीपी की कमान सौंपी तो सिद्धू ने राज्य में पुलिस के विकास के लिए जहां तेजी के साथ काम करना शुरू किया, वहीं अपराधियों को सबक सिखाने की जहां उन्होंने पहल की वहीं उन्होंने भ्रष्टाचार करने वाले दरोगाओं को भी सबक सिखाने का बीडा उठा लिया। बीएस सिद्धू प्रदेश के पहले ऐसे डीजीपी बन चुके है जिनका सरकार व शासन के अन्दर जमकर आपसी तालमेल बना हुआ है। लॉयन ने अब तक के कार्यकाल में सरकार व शासन को किसी भी मामले में एक बार भी आंख दिखाने की पहल नहीं की। हालांकि उन्होंने सरकार व शासन के सामने पुलिस विकास को लेकर जो भी पहल की उसे चंद दिनों में ही सरकार ने हरी झण्डी देकर डीजीपी पर विश्वास जता दिया। प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी सत्यव्रत के कार्यकाल में उनकी सरकार व शासन के अन्दर जमकर खींचतान चलती थी तथा जो भी प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय शासन के पास भेजता था उसे शासन रद्दी की टोकरी में डालकर उसे एक किनारे कर देता था, लेकिन राज्य के नए डीजीपी बीएस सिद्धू ने कुछ माह के भीतर ही जिस तरह से सरकार व शासन के अन्दर आपसी तालमेल का जादू दिखाया है उससे सरकार भी डीजीपी को काबिल मानते हुए उनके द्वारा भेजे जा रहे हर प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगाती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के डीजीपी को अब तक 70 लाख रूपये के काम कराने का वित्तीय अधिकार सरकार व शासन ने दे रखा था लेकिन नए डीजीपी के उत्साह व उनके अब तक के कार्यकाल को देखते हुए शासन ने डीजीपी के वित्तीय अधिकार में तीन गुना बढोत्तरी करते हुए उसे 3 करोड रूपया कर दिया है। इससे साफ हो गया है कि अब डीजीपी 3 करोड तक के काम अपने द्वारा पूरे राज्य में कहीं भी करा सकते हैं। सरकार ने जिस तरह से डीजीपी के वित्तीय अधिकार को एकाएक बढाया है उससे साफ झलक रहा है कि राज्य में सरकार के अन्दर डीजीपी की बल्ले-बल्ले होने लगी है जिससे उन अधिकारियों में हडकम्प मच गया है जो डीजीपी को फेल करने के लिए लगातार कोई न कोई साजिश व षडयंत्र रचने में लगे हुए थे। राज्य के डीजीपी ने जिस तरह से छोटे पुलिसकर्मियों से लेकर अपर पुलिस अधीक्षकों तक के अधिकार उन्हें दिलाने के लिए पहल की है उससे विभाग के अन्दर भी उनकी छोटे से लेकर बडे अधिकारी तक बल्ले-बल्ले कर रहे हैं।

संदिग्ध अवस्था में मिली किशोरी अस्पताल ले जाते हुई मौत, बलात्कार की आशंका

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। एक बार घ्फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं, इस बार घटना हरिद्वार के फेरूपुर की है, जहां एक किशोरी अचेत अवस्घ्था में गन्ने के खेत में मिली, जिसकी अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। किशोर के साथ दुराचार की आशंका जताई जा रही है। वहीं इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं, क्योंकि जिस जगह ये युवती मिली है, वहां से पुलिस चौकी सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर है, लेकिन पुलिस को घटना की भनक तक नहीं लगी। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के गन्ने के खेत में सातवीं कक्षा में पढऩे वाली किशोरी अचेत अवस्घ्था घ्में पड़ी मिली। स्घ्थानीय लोगों द्वारा जिला अस्पताल ले आते समय उक्त किशोरी की मौत हो गई। किशोरी के साथ दुराचार की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि पोस्टमार्टम के बाद पता लगेगा कि किशोरी के साथ रेप हुआ था अथवा नहीं। परिजन अभी मामले में कुछ भी कहने से मना कर रहे हैं, वहीं पुघ्लिस मामले की जांच कर रही है।

फिल्म उत्तराखंड का गांधी के लिए अवशेष धनराशि की मांग

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता करते हुए उत्तराखंड क्रांति दल (ऐरी गुट) के संरक्षक बी डी रतूडी व कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक ने कहा है कि पर्वतीय गांधी इन्द्रमणि बडोनी के जीवन पर बनने वाली फिल्म वाली फिल्म उत्तराखंड का गांधी के लिए अवशेष धनराशि सरकार से दिये जाने की मांग की है जिससे उस फिल्म को पूरा किया जा सके। यहां दल के केन्द्रीय कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में पूर्व हिल्ट्रान अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी द्वारा उत्तराखंड के गांधी व जन नायक स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी द्वारा उत्तराखंड आंदोलन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है, स्वर्गीय बडोनी एक सांस्कृतिक कर्मी थे, जिन्होंने उत्तराखंड की संास्कृतिक विरासत को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहंुचाया, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू भी उनके सांस्कृतिक कार्यक्रम केदार नृत्य में खुद भी उनके साथ नृत्य करने लगे, ऐसे सांस्कृतिक शिल्पी उत्तराखंड के गांधी के जीवन वृत्त पर बनने वाली कृति पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा परमार्थ पिक्चर्स को 20 लाख रूपये स्वीकृत किये थे जिसमें से तीन लाख रूपये का भुगतान अग्रिम किया गया और 2010 से पूर्व भाजपा व वर्तमान में कांग्रेस सरकार में इस फिल्म का निर्माण नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि स्वर्गीय बडोनी के जन्म दिवस को सांस्कृतिक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और सरकार को इस कार्य को तुंरत कराया जाना चाहिए। फिल्म उत्तराखंड का गांधी के निर्माण हेतु शेष 17 लाख की धनराशि का भुगतान संस्कृति विभाग को शीघ्र करना चाहिए जिससे जन मानस को स्वर्गीय बडोनी के द्वारा किये गये आंदोलन के विषय में जानकारी मिल सके। उनका कहना है कि यदि शीघ्र ही इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो संस्कृति विभाग के साथ आंदोलन किया जायेगा। उनका कहना है कि स्वर्गीय बडोनी की घंटाघर स्थित प्रतिमा की सफाई करने पर दल के कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमों को शीघ्र ही वापस लिये जाये, आंदोलन किया जायेगा। वार्ता में पंकज व्यास, बहादुर सिंह रावत, बीरेन्द्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।

लेखक समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य करता है: निशंक

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। दून की शिक्षाविद डा. राजधर द्वारा लिखित उपन्यास फोम द पेजेज आफ ए डायरी का विमोचन पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। यहां ईसी रोड स्थित एक होटल में उपन्यास का विमोचन किया गया। इस उपन्यास का ई संस्करण पेंग्विन प्रकाश के एक सहायक प्रकाशक रारफिज, ब्रिटेन द्वारा प्रकाशित किया और अब ई उपन्यास संस्करण का पुस्तिका संस्करण भी उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान निशंक ने कहा कि आज के परिवेश में पुस्तकों व उपन्यासों को प्रकाशित करने में लेखकों को कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पडता है फिर भी वह अपने दम पर लगातार पुस्तकों व उपन्यासों का प्रकाशन करते हुए आ रहे है। उनका कहना है कि लेखक, साहित्यकार व कलाकार समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य करता है, अन्य को भी इनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस दौरान जितेन्द्र जोशी, जी पी शर्मा, डा. नवीन आहूजा, डा. शशांक मित्तल, डा. एन एल गुप्ता, डा. राजेश बहुगुणा, एस सी शर्मा, डा. सुरेश गुप्ता, डा. रश्क, डा. एस कटोच, श्रीश मित्तल आदि अन्य मौजूद थे।

शिक्षा मंत्री के आवास पर शिक्षा आर्चायों ने किया प्रदर्शन

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शिक्षा आचार्य अनुदेशक संगठन का धरना व प्रदर्शन शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रूप में समायोजन किये जाने की मांग को लेकर जारी रहा। उन्होंने सरकार के खिलाफ गरजते हुए आंदोलन को तेज करते हुए यमुना कालोनी स्थित शिक्षा मंत्री के आवास पर जमकर प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें लगातार आश्वाासन दिये गये लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। यहां पुराने रायपुर बस अडडे बनाये गये धरना स्थल पर अपनी एक सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 583दिन से धरने पर बैठे शिक्षा आचार्य व अनुदेशक शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के यमुना कालोनी स्थित आवास पर पहंुचे और वहां पर उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। बाद में शिक्षा मंत्री उनके बीच आये और उन्होंने पिफर से उन्हें शीघ्र ही मांगों के निदान का भरोसा दिया। मंत्री ने कहा कि शाम को प्रमुख सचिव शिक्षा से वार्ता की जायेगी जिसमें संगठन के प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे पर विस्तार से चर्चा की जायेगी और दो तीन दिन में उनकी मांगों को हल कर दिया जायेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शीघ्र ही उनकी समस्याओं का निदान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पूर्व में प्रथम चरण में 1107 शिक्षा आचार्यो, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमानुसार आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप समायोजन किये जाने की अनुमति प्रक्रिया के अनुसार किये जाने के निर्देश दिये गये थे जबकि वर्तमान में अवशेष शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का समायोजन नहीं हो पाया है जो चिंता का विषय है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्नातक उपाधि हासिल कर चुके शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का शिक्षा मित्र में तत्काल समायोजन एवं वर्ष 2011-12 तक प्रदेश में बंद एवं उच्चीकृत हुए ईजीएस, एआईई सेंट के आचार्य अनुदेशकों का भी शिक्षा मित्र में समायोजन तथा कुछ शिक्षा आचार्य अनुदेशक वर्ष 2001 से शिक्षा आचार्य के पद पर कार्य कर चुके है किन्ही कारणों से केन्द्र बंद किये गये लेकिन उनका समायोजन नहीं हो पाया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी और शीघ्र ही रणनीति तैयार की जायेगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2008-09 में प्रदेश के कुछ जिलों में ईजीएस, एआईई सेंटर का संचालन किया गया और संचालित सेंटरों में कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी ठीक उसी तर्ज पर सेवा से बर्खास्त किया जो पूर्व हुआ, निरंतर इसी प्रव्रिफया के अध्किृत कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशक बेरोजगार हो गये। सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इस जनांदोलन को जारी रखा जायेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लगातार आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निदान नहीं किया गया है। वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से गुस्से में है और शीघ्र ही उग्र अंादोलन करने की तैयारी में है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2011-12 में बद व उच्चीकृत एआईआई, ईजीएस सेंटर बंद हुए संबंधित शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी शिक्षा मित्र के रूप में समयोजन करना न्याय संगत होगा लेकिन लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है, जिससे बेरोजगारों में रोष पैदा हो रहा है। इस अवसर पर संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, शमशाद अली, लक्ष्मी, रामकृष्ण ममगांई, सुमित्रा, सरिता, विनय डंगवाल, सुचित्रा, वीर सिंह, वीरा नेगी, अलका कोठारी, रतिराम, खेम सिंह, अमरीश, राजेश बादल, लक्ष्मण सिंह, दौलत सिंह, परविन्द्र कुमार, अशोक गुप्ता, रीमा रावत आदि मौजूद थे।

ज्ञान गोदड़ी को लेकर दून तक की सीमाएं एक बार फिर से सील

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। एक बार फिर हर की पैड़ी पर स्थित ज्ञान गोदड़ी स्थान पर गुरूद्वारा बनाने की मांग जोर पकडने लगी है। सिक्खों के हरिद्वार कूच को देखते हुए हरिद्वार से लेकर दून तक की सीमाएं एक बार फिर से सील कर दी गयीं। कारण था हरिद्वार हर की पैड़ी का ज्ञान गोदड़ी क्षेत्र। लंबे समय से सिख समुदाय के लोग यहां बने स्काउट के आफिस के स्थान पर गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी बनाने की मांग कर रहे हैं जिसे लेकर प्रशासन एवं सिक्ख श्रद्धालुओं के बीच टकराव की कई बार स्थिति बन चुकी है। मंगलवार को भी गुरूगोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर सिक्खों ने ज्ञान गोदड़ी कूच करने का कार्यक्रम रखा था जिसे लेकर सोमवार शाम से ही हरिद्वार एवं देहरादून की पुलिस सतर्क हो गयी थी। वहीं ज्ञान गोदड़ी के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिला और इस मामले के हल के लिए उनसे अपील की जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें इस मामले को लेकर 28 जनवरी का समय दिया है और उसी दिन इस मामले पर आगे की बातचीत करने का खाका तैयार किया गया है। मंगलवार को दून एवं हिमाचल प्रदेश की सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था जबकि हरिद्वार, रूडकी एवं ऋषिकेश क्षेत्र में भी जगह-जगह पर बैरियर डाल कर श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने से रोकने की तैयारियां की गयी थीं। इसके अलावा डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर, रानीपोखरी, नेपाली तिराहा सहित हरिद्वार की ओर जाने वाले रास्तों पर चौकस व्यवस्थाएं की गयी थीं। सुबह से ही पुलिस बल ने हर की पैड़ी क्षेत्र को सील कर अपना मोर्चा संभाल लिया था। पौंटा साहिब एवं विकासनगर की सीमा पर बने पुल पर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। सुबह होने तक भारी संख्या में सिक्खों के जत्थे पुल के पास एकत्रित हेाने लगे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए व्यापक तैयारियां की थीं। पुल के बाद बैरियर डाल कर इन लोगों को दूसरे छोर पर ही रोका गया था। इस दौरान कूच करने अपने निजी वाहनों एवं टैªक्टर ट्रालियां पर आए सिक्ख जत्थों ने रास्ते मंे ही बैठकर
सबद-कीर्तन शुरू किए। कुछेक मौकों पर पुलिस के साथ तीखी नोंक-झोंक भी हुई लेकिन पुलिस ने पूरे प्रदर्शन के दौरान बेहद संयम का परिचय दिया। बताया जा रहा है अपरान्ह दो बजे तक लगभग तीन सौ सिक्ख श्रद्धालु ज्ञान गोदड़ी कूच कार्यक्रम के तहत सीमा पर एकत्रित हो चुके थे। उधर हरिद्वार में भी ऐसे ही कड़े सुरक्षा प्रबंध देखे गए। यहां सिक्खों के कूच कार्यक्रम को देखते हुए प्रदेश भर से पुलिस बल एवं पीएसी को तैनात किया गया है। पूरे क्षेत्र को सात सैक्टरों में बांट कर जगह-जगह पर बैरियर डाले गए हैं जबकि हर की पैड़ी का यह क्षेत्र आवागमन के लिए आज पूरी तरह से बंद रखा गया है। मालूम हो कि पूर्व में भी ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा बनाने की मांग को लेकर हर की पैड़ी क्षेत्र को नवंबर के अंत मंे सील कर दिया गया था। पुलिस के सख्त प्रबंधें के कारण यहां आज तय कार्यक्रम के अनुसार अरदास कीर्तन नहीं हो पाया। पुलिस का अधिकारियों का दावा है कि पूरे क्षेत्र में चाक चौबंद प्रबंध हैं और सिक्ख श्रद्धालुओं से कहीं पुलिस बल की झड़प आदी की सूचना नहीं है। दून में भी पूरे दिन भर पुलिस बल सतर्क रहा और अधिकारी खुद पल-पल की जानकारी लेते रहे।

यूनियन ने किया मुख्य महाप्रबंधक दूरसंचार कार्यालय पर प्रदर्शन 

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। अपनी मांगों के निदान के लिए बीएसएनएल कैजुअल एंड कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने मुख्य महाप्रबंधक दूरसंचार कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपना अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को भी जारी रखा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने श्रमिकों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि श्रमिकों के हितांे के लिए पार्टी बडा आंदोलन करेगी और उन्हें उनका हक दिलायेगी। यहां यूनियन से जुड़े हुए कर्मचारी राजपुर रोड स्थित मुख्य महाप्रबंधक दूरसंचार कार्यालय में इकठठा हुए और उन्होंने प्रबंध तंत्र के खिलाफ अपने आंदोलन को जारी रखते हुए कहा कि अब आर पार की लडाई लडी जायेगी। वहीं आम आदमी पार्टी की पूजा बहुखंडी ने अपने समर्थकों के साथ श्रमिकों के बीच पहंुची और उन्होंने कहा कि उनकी जायज मांगों को लेकर मुख्य महाप्रबंधक से वार्ता की जायेगी। उन्हें उनका वाजिब हक दिलाया जायेगा। इस दौरान श्रमिकों ने कहा कि मजदूर परिवार समेत भूखमरी के कगार पर है लेकिन प्रबंधन गैर कानूनी कार्यों में व्यस्त है, श्रमिकों की किसी भी प्रकार की कोई सुध नहीं ली जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि केरल बीएसएनएल कर्मचारियों को जो सुविधायें व वेतन दिया जा रहा है वह उत्तराखंड में नहीं दिया जा रहा है, जबकि सभी एक समान कार्य करते है। उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि बीएसएनएल के श्रमिकों पर संपूर्ण दूरसंचार व्यवस्था टिकी है, लेकिन कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि विभाग की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया जायेगा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आठ सूत्रीय मांगों को लेकर वह संघर्ष कर रहे है लेकिन विभागीय कार्यवाही नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि पूर्व में मुख्य महाप्रबंधक ने एक सप्ताह का समय दिया था लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है, उनका कहना है कि अब मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना आरंभ कर दिया है। वक्ताओं ने कहा कि बीएसएनएल प्रबंधन श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रहा है अैर कर्मचारियों पर सेंट्रल लेबर टाईब्यूनल नई दिल्ली में चल रहे वाद से पैरवी छोड देने का दवाब बनाया जा रहा है जिसके तहत अर्जित वेतन का चार माह से भुगतान नहीं किया गया है। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष नित्यानंद बहुगुणा, महासचिव के के बोरा, राजेन्द्र पंवार, चतर सिंह पयाल, बलवीर सिंह बिष्ट, जोगेन्द्र रावत, कुलदीप रावत, ललतेश प्रसाद, दीपक प्रसाद बिजल्वाण, राम भरोसे सेमवाल, राजेश खंडूरी, चन्द्रशेखर आदि अनेक श्रमिक मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने की सचिवालय मे गणतंत्र दिवस के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक 

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को सुबह 9.30 बजे सचिवालय, जनपद मुख्यालयों, विभागाध्यक्ष कार्यालयों और अन्य सरकारी कार्यालयांे में झंडारोहण किया जायेगा। मुख्य समारोह परेड ग्राउंड में सुबह 10.30 बजे होगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दैवीय आपदा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को सम्मानित किया जायेगा। नगर निगम के प्रेक्षागृह में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। एक सप्ताह तक विशेष सफाई अभियान चलाया जायेगा। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने मंगलवार को सचिवालय मे गणतंत्र दिवस के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक में तय किया गया कि 25 एवं 26 जनवरी को प्रमुख राजकीय भवनों को प्रकाशमान किया जायेगा। जनपदों में प्रभारी मंत्री, जनपद के निवासी मंत्री, आयुक्त या जिलाधिकारी ध्वजारोहण करेंगे। परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल परेड की सलामी लेंगे। परेड में सेना, आईटीबीपी, पुलिस, एनसीसी, भूतपूर्व सैनिक, स्काउट गाइड आदि भाग लेंगे। परेड का नेतृत्व सेना के अधिकारी और समन्वय एसएसपी देहरादून करेंगे। इसके अलावा विभिन्न विभाग अपनी झांकियों का प्रदर्शन करेंगे। झांकियांे के बाद परेड ग्राउंड में संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। बैठक मंे अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, डीजीपी बी.एस. सिद्धू, प्रमुख सचिव एम.एच. खांन, सचिव सूचना विनोद फोनिया, सचिव मुख्यमंत्री भास्करानंद, अपर सचिव दिलीप जावलकर, राधिका झा, एडीजी राम सिंह मीना, एसएसपी केवल खुराना सहित आईटीबीपी और सेना के अधिकारी शामिल थे। 

बाढ़ सुरक्षा पुर्नवास के लिए 10 जनवरी को जुलूस प्रर्दशन 

धारचूला/देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। आपदा के 6 माह बाद भी बाढ़ सुरक्षा के लिए कांग्रेस सरकार ने एक ठैला तक नही दिया रिया। पुर्नवास की तस्वीर भी अस्पष्ट हैं। भाकपा (माले) के बैनर तले आपदा प्रभावित 10 जनवरी को धारचूला में जुलुस निकालकर प्रर्दर्शन करेगी। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री व विघायक के बीच की गुटबाजी का 10 आपदा प्रभावित भुगत रहे है। भाकपा (माले) के जिला सचिव जगत सिंह मतौलिया ब्रांय सचिव किशन सिंह कुवर ने कहा कि दारमा से बंगापानी तक दर्जनो गॉव नदियो के कटाव के बाद खतरे के मुहाने पर है। बरसात आने को मात्र तीन माह बचे है। सरकार ने बाढ़ सुरक्षा के लिए एक रुपया तक नहीं दया हैं उन्होने कहा कि पुर्नवास के लिए एक रुपया तक नहीं दिया है। उन्होने कहा कि पुर्नवास के लिए आपदा प्रभावितो को कुछ भी स्पष्ट नही बताया जा रहा है। अभी भी राहत राशि के वितरण का कार्य नहीं हो पाया है। वास्तव में प्रभावितों को कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया जा रहा हैं। अभी भी राहत राशि के वितरण का कार्य पूरा नही हो पाया है। सैकडो प्रभावित परिवारो को अभी तक मुआवजा नही मिल पाया है स्थिति यह है। कि पूरा प्रशासन विधायक के कब्जे में कार्य कर रहा है मतोलिया ने कहा कि इस कारण वास्तविक आपदा पीडितो को राहत राशि के लिए चक्कर लगाकर निराश होना पडा है। दो वर्ष के कार्यकाल में विधायक गुट बाजी निभाने में व्यस्त रहे है। अपनी सरकार का विरोध का नाटक कर विधायक अपने व्यक्तिगत हितो की पूर्ति के लिए दबाव की खोखली राजनिति कर रहे है। विधायक ने 21 अक्टूबर को धारचूला में जबरन मुख्यमंत्री का अभिन्नदन कराया और आपदा प्रभावितो को गिरफ्तार करवाया तब उन्हे जनता की याद नही आई उन्होने कहा की बाढ सुरक्षा के लिए बजट, पुर्नवास तथा आपदा प्रभावितो को राहत राशि देने में विफल विधायक को अपने पद से त्याग पत्र देना चाहिये, धारचूला विधान सभा की जनता विधायक के दो वर्षा के नाटक से उकता चुकी है। जनता ने मन बना लिया है कि शीघ्र चुनाव हो और वे विधायको केा सबक सिखा सकें। 10 जनवरी केा होने वाले प्रदेशन की जोर दार तैयारिया शुरु कर दी गई। 

पंचायत एवं लोक सभा चुनावों को लेकर भाजपा करेगी बैठकें

देहरादून, 7 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आगामी पंचायत एवं लोक सभा चुनावों की तैयारी की दृष्टि से होने वाले कार्यक्रमों के सन्दर्भ में पार्टी की अहम बैठकें दिनांक 9 जनवरी 2014 को दोपहर 2 बजे सम्भाग कार्यालय हल्द्वानी में कुमांऊ मण्डल की ंएवं 10 जनवरी 2014 को दोपहर 2 बजे प्रदेश कार्यालय देहरादून में गढ़वाल मण्डल की बैठक आयोजित की जायेगी।
भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रमुख उर्बादत्त भट्ट ने बताया कि उपरोक्त बैठकों में प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, जिला महामंत्री, मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, जिला प्रभारी, सह-प्रभारी एवं प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजक अपेक्षित हैं।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>