- नेताओं का अधिकारियों पर दबाव डालकर नाजायज काम करवाने का मामला।
छ0ग0। चिरमिरी निगम के महापौर डम्बरू बेहरा के द्वारा निगम के आयुक्त व अन्य कर्मचारियों के साथ अनैतिक लाभ लेने के नियत से दिनांक 30.12.2013 को दबाव डालते हुए दुर्रव्यवहार किया गया। इसकी विभागीय षिकायत निगम आयुक्त के द्वारा संचालक नगरीय प्रषासन व विकास विभाग छ0ग0 को की गयी है। सूचना का अधिकार पर जानकारी मांगे जाने पर इसकी जानकारी चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा को प्रदान किया गया। इस संबंध में आरटीआई कार्यकत्र्ता का कहना है कि यह धटना जीवंत उदाहरण है सत्ता में बैठे राजनेताओं का दबाव डालकर अच्छे और ईमानदार अधिकारियों से अनुचित कार्य करवाने का।
उक्त धटना के संबंध में चिरमिरी निगम द्वारा प्रदान की गयी जानकारी के अनुसार डम्बरू बेहरा महापौर, निगम चिरमिरी द्वारा दिनांक 30.12.2013 को निगम के मुख्यालय में अपने कक्ष में आयुक्त व प्रभारी कार्यपालन अभियंता आर.के. चैबे, उप अभियंता आर.पी. सोनकर, लिपिक बैजनाथ श्रीवास्तव, उमाषंकर साहू को बुलाकर अनैतिक लाभ लेने के नियत से दुर्रव्यवहार किया गया है। इस दिनांक को षाम को महापौर डम्बरू बेहरा के द्वारा आयुक्त को फोन कर कहा गया कि आप मेरा मोबाईल नही उठा रहे हैं, इस समय आप कहां है तब आयुक्त के द्वारा कहा गया कि मैं अपने कक्ष में कल दिनांक 31.12.2013 को हो रहे एम.आइ.सी. के बैठक की तैयारी कर रहा हॅू। फिर महापौर के द्वारा आयुक्त को वहीं रूकने का कह कर महापौर अपने प्रतिनिधि बबलू षर्मा एवं कुछ पार्षदों के साथ अपने कक्ष में बुलाकर आयुक्त को अपमानजनक तरीके से कहा गया कि आप मुझे सुपरसीट कर रहें हैं और मेरा फोन भी नही उठातें हैं। आयुक्त के द्वारा इस संबंध में इंकार करने पर डम्बरू बेहरा महापौर और उनके प्रतिनिधि बबलू षर्मा जिसे कि प्लेसमेंट में महापौर के द्वारा निगम में रखवाया गया है के द्वारा लगातार करीब आधे धंटें तक अपमानजनक रूप से बहस करते रहे। इस दौरान कुछ पार्षदों के द्वारा हस्तक्षेप करते हुए महापौर को मामलें को समाप्त करने की बात कही गयी।
इसके बाद महापौर के साथ आये पार्षदगण उनके कक्ष से बाहर चले गयें। फिर महापौर द्वारा बात बदलकर आयुक्त से यह कहा गया कि आपको यहां आये हुए सात माह हो चुका है परंतु मुझे इसका कोई लाभ नही हुआ है। मुझे किसी ठेकेदार से कोई कमीषन नही मिल रहा है, जबकि आपके इंजिनियर कमीषन ले रहे हैं। इसके बाद महापौर के द्वारा निगम के अन्य कर्मचारियों आर.के. चैबे, आर.पी. सोनकर, बैजनाथ प्रसाद श्रीवास्तव व उमाषंकर साहू को अपने कक्ष में बुलवाकर उनसे दुर्रव्यवहार करते हुए कहा गया कि मेरा कार्यकाल अब केवल एक वर्ष का है और मेरी स्थिति यह है कि मुझे कोई नही दे रहा है, जबकि अन्य निगमों में सभी अधिकारी लोग वसूली करके महापौर को देते है। महापौर के इस बरताव पर आयुक्त के द्वारा आपत्ति के साथ यह कहा गया कि उनकी नियुक्ति इस कार्य के लिए नही की गयी है और ना ही कोई अधिकारी या कर्मचारी इस तरह का कार्य करेगा। महापौर के द्वारा आयुक्त व वहां उपस्थित अन्य अधिकारी व कर्मचारियों पर दबावपूर्वक धमकी दी गयी कि एक सप्ताह के भीतर उन्हें ठेकेदारों से पैसा वसूलकर दिया जाय और इस दौरान उनके घर में उनके वकाया को लेकर कोई तगादा ना करें। महापौर के द्वारा उमाषंकर साहू से कहा गया कि हल्दीबाड़ी स्वाद रेस्टोरेंट में मेरे द्वारा तीन वर्ष पूर्व के मीठाई का बकाया का भुगतान किसी भी रूप में कर दें नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा। महापौर के इस तरह के अपमानजनक कार्यों की सूचना निगम के आयुक्त के द्वारा छ0ग0 षासन नगरीय प्रषासन व विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री आर.व्ही. अंजनकर के पी.ए. श्री बसोड व श्री कृष्ण दुबे, क्षेत्रीय कार्यालय अम्बिकापुर को फोन से दी गयी। आयुक्त के द्वारा अपने षिकायत में आगे लेख किया गया कि डम्बरू बेहरा महापौर के गरीमामय पद का दुरूपयोग करना चाहते है और अनैतिक रूप से स्वयं लाभ लेने के लिए निगम के आयुक्त के साथ-साथ यहां के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ दुर्रव्यवहार कर रहे है।
यहां यह बताना भी आवष्यक है कि महापौर डम्बरू बेहरा द्वारा पूर्व में भी इसी तरह से अधिकारियों पर दबाव डालकर षासन की राषि का गलत तरीके से यू.टी.आई. षेयर में इंवेस्ट कर दिया गया था जिसका प्रकरण पुलिस में दर्ज है। आयुक्त के द्वारा अपने इस षिकायत में मांग किया गया है कि महापौर के द्वारा किये गये इस तरह के कार्यो से सभी अधिकारियों व कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गयी है। इन कारणों से महापौर के विरूद्ध उचित कार्यवाही किया जाय।