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जसवंत सिंह ने बीजेपी से रिश्‍ता तोड़ा, निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला

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Jaswant-Singh
बाड़मेर से लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने बीजेपी से रिश्‍ता तोड़ते हुए इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। रविवार को बाड़मेर में उन्‍होंने कहा कि वह सोमवार को बाड़मेर से निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान जसवंत सिंह ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा, 'न तो मैं जातियों की राजनीति करता हूं और न ही मेरे अंदर किसी तरह का घमंड है।'दूसरी तरफ, अहमदाबाद ईस्‍ट से टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी नेता हरिन पाठक ने भी रविवार को अपना दुख साझा किया। एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन्‍होंने कहा कि पार्टी के इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ता भी दुखी हैं। हालांकि, हरिन ने बीजेपी छोड़ने की बात से इनकार कर दिया।  

जसवंत सिंह ने पार्टी के एक अन्‍य नेता द्वारा एडजस्‍ट करने वाले बयान को अहंकार से भरा बताया। उन्‍होंने कहा कि मैं कोई मेज या कुर्सी नहीं हूं, जिसे कहीं भी एडजस्‍ट कर दिया जाए। उन्‍होंने पार्टी नेता की इस टिप्‍पणी को अपमानजनक बताया और कहा कि वे एडजस्‍ट की राजनीति में विश्‍वास नहीं रखते हैं। किसी अन्‍य पार्टी के साथ जुड़ने की बात पर जसवंत सिंह ने कहा कि उन्‍होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा। कांग्रेस से जुड़ने पर उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस को इस बारे में कोई सपना नहीं देखना चाहिए।

अहमदाबाद ईस्ट से टिकट कटने के बाद हरिन पाठक ने रविवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा, 'जिन लोगों ने कांग्रेस में रह कर भारतीय जनता पार्टी को गालियां दीं, चुनाव में कार्यकर्ताओं पर हमले किए, उन्हें सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किया गया। ऐसे लोगों को टिकट दिया जा रहा है। इससे सिर्फ मैं ही व्यथित नहीं हूं। पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले कार्यकर्ता भी व्यथित हैं। मैंने नरेंद्र मोदी को बता दिया है कि मैं पार्टी के इस फैसले के बारे में क्‍या सोचता हूं। पार्टी सुप्रीम है और कोई भी नेता पार्टी से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही चुनाव लड़ने को लेकर फैसला करेंगे। माना जा रहा है कि पूर्व सांसद हरिन भी जसवंत सिंह की तरह निर्दलीय पर्चा भर सकते हैं। पाठक ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को टिकट देने से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बहुत गिरा है। दल बदलुओं को टिकट देना गलत है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद को 24 घंटे साथ रहने वाले सांसद की जरूरत है। आडवाणी ने अपने बेहद करीबी हरिन के लिए अहमदाबाद ईस्ट से टिकट मांगा था, लेकिन उनकी जगह अभिनेता परेश रावल को टिकट दिया गया है।

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