गया। गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा महिला सशक्तिकरण किया जा रहा है। सरकार ने महिलाओं को किचन रूम से निकालकर नेतृत्व करने और विकास के कार्य करने में जोड़ा है। उसी तरह गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा उनको किचन रूम से निकालकर किचन गार्डेन और बटाईदारी खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किचन गार्डेन एवं बटाईदारी खेती करने वाली महिलाओं ने सरकारी अधिकारियों के समक्ष महिलाओं को किसानी का दर्जा देने संबंधी पुरानी मांगों को ताजा करके पेश किए।
आॅक्सफैम इंडिया और प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा सूर्य मंदिर कुर्था के परिसर में सरकारी पदाधिकारी के साथ इंटरफेस संवाद किया गया। महिला किसान उपस्थित हुए। इनमें छोटे जोत के किसान एवं बटाईदार किसान भी शामिल हुए। इसकी अध्यक्षता एकता महिला मंच की प्रखंड संयोजिका शैल देवी ने की। इसके पहले जिला परिषद की सदस्या चन्दा देवी के द्वारा दीप जलाकर उद्घाटन किया गया। इसके बाद राजस्व कर्मचारी पंकज मिश्रा, विकास मित्र रूणा कुमारी, मानवाधिकार प्रतिष्ठान के कार्यकर्ता मदन कुमार, महिला किसान मंच की सदस्य शिलमंति देवी, एकता महिला मंच की प्रखंड संयोजिका शैल देवी आदि ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किए। इसके पहले आगत लोगों का स्वागत प्रखंड समन्वयक गणेश दास ने किए। इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं सरकारी योजना का गांवघर में कार्य करने वाली महिलाओं को किचन गार्डेन और बटाईदारी खेती करने वालों को लाभ नहीं मिल रहा है।
शहजादी बानो ने कहा कि दो साल से किचन गार्डेन का कार्य करती हैं। पहले किसी और की खेती करती थीं। कुछ दिनों से बटाईदारी करती हैं। खेती को बढ़ावा देने के प्रखंड कृषि सलाहकार से मिले और अपनी समस्याओं का सांझा किया। मगर सहयोग नहीं मिला। महिला किसान मंच की सदस्य शिलमंति देवी ने किचन गार्डेन एवं बटाईदारी खेती करने वाली महिला किसानों की समस्या रखी। अपनी पुरानी मांग को रखी कि महिला किसानों को सरकारी महिला किसानों को किसान का दर्जा दें। जिस प्रकार अन्य किसानों को लाभ एवं पहचान दी जाती है। उसी तर्ज पर महिलाओं को भी लाभ एवं पहचान उपलब्ध कराएं।
इस अवसर पर गरीबी रेखा में जीवन बसर करने वाली सपना देवी ने कहा कि 60 साल की हो गयी है। परन्तु परिचय पत्र में उम्र कम लिखने के कारण सामाजिक सुरक्षा पेंशन से महरूम हो रही हैं। रघुदास ने कहा कि रहने को घर नहीं है। परन्तु सारा संसार हमारा है। सारा संसार के मालिक रघुदास ने अंचलाधिकारी महोदय को आवेदन देकर आवासीय भूमिहीनों को मिलने वाली सूची में शामिल करके 3 डिसमिल जमीन देने की मांग की है। पिछड़ा वर्ग के राजकुमार ने कहा कि आवासहीन है। उनको भी सिर छुपाने के लिए जमीन की जरूरत है।
इस अवसर पर सरकारी अधिकारियों ने आदर्श आचार संहिता लागू है। आपलोगों की मांगों को विभागीय अधिकारियों के समक्ष अग्रसारित कर दिया जाएगा।
किचन गार्डेनः किचन से निकले पानी से निकटवर्ती जमीन पर सब्जी पैदा किया जाता है। महिलाओं को किचन गार्डेन में सब्जी पैदा करने के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है। उसी तरह महिलाओं को किचन से निकलकर स्वयं सहायता समूह बनाने और रकम जमा करके बटाईदारी खेती करने को भी प्रोत्साहित किया जाता है। जो काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।
आलोक कुमार
बिहार