उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पैक्ट्रम मामले में आरोपी एवं यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एच एल दत्तु की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया। चंद्रा हाल में एक टेप में मामले के तत्कालीन सरकारी वकील ए के सिंह को कथित रूप से प्रभावित करने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे जिसके बाद सीबीआई ने चंद्रा की जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 23 नवंबर 2011 को दिए न्यायालय के आदेश को वापस लेना ‘‘इस समय उचित नहीं’’ होगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने इस आदेश में चंद्रा की जमानत मंजूर की थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि चंद्रा ने मामले की सुनवाई और परिणाम को ‘‘प्रभावित करने की कोशिश’’ करते हुए सिंह से संपर्क करके और अभियोग में‘‘वस्तुत: हस्तक्षेप’’ करने का प्रयत्न करके उन्हें दी गई राहत का दुरूपयोग किया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जमानत की अवधि के दौरान चंद्रा का व्यवहार संदेहास्पद है क्योंकि उन्हें वकील के साथ अहम गवाहों के संबंध में बातचीत करते हुए पाया गया है। सीबीआई ने कहा कि उसने चंद्रा और वकील सिंह के खिलाफ एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि दोनों के बीच बातचीत उस समय हुई जब मामले के अहम गवाह एवं दूरसंचार विभाग के पूर्व उप महानिदेशक (एएस) ए के श्रीवास्तव का अदालत में बयान दर्ज किया जा रहा था।
एजेंसी ने यह भी कहा था कि सीएफएसएल की रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि रिकॉर्ड की गई बातचीत से न तो छेड़छाड़ की गई और न ही उसमें किसी किसी प्रकार का संपादन किया गया तथा टेप में चंद्रा और सिंह की आवाजें हैं।