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बुधवार को कांग्रेस जारी करेगी चुनाव घोषणा पत्र

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मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 10 साल तक आर्थिक उदारीकरण की नीति का अनुसरण करने के बाद इस चुनाव में राहुल गांधी के केन्द्रीय भूमिका में आने के बाद कांग्रेस द्वारा अब मध्य मार्गी राजनीति के तहत कल्याणकारी उपायों पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी करेंगी। स्वास्थ्य सेवा एवं रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना इस घोषणा पत्र के मुख्य बिन्दु होंगे।

भ्रष्टाचार से निपटने का दृढ संकल्प, गरीबी रेखा के नीचे और मध्य वर्ग के बीच आने वाली 70 करोड़ की आबादी के उन्नयन, महिलाओं को शक्तिसम्पन्न बनाने और राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का वादा इस घोषणा पत्र की अन्य विशेषतायें हो सकती हैं। उदारीकरण के बाद के समय में सरकारी नौकरियों में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र में रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिये जाने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि विभिन्न पक्षों के साथ हुई व्यापक चर्चा और विचार विमर्श के बाद तैयार घोषणा पत्र के मसौदे को एके एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति की 16 मार्च को हुई बैठक में लगभग अंतिम रूप दे दिया गया। इसके बाद इसमें कुछ मामूली अतिरिक्त जानकारियां और शामिल की गईं। एंटनी के अलावा घोषणा पत्र समिति में पी. चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सलमान खुर्शीद, संदीप दीक्षित, अजीत जोगी, रेणुका चौधरी, पीएल पूनिया, मोहन गोपाल, जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह शामिल हैं ।

कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में महंगाई के मुद्दे का उल्लेख रहने और कालाबाजारी एवं जमाखोरी को रोकने के लिए कड़े उपाय का जिक्र होने की संभावना है। समझा जाता है कि कांग्रेस के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अनिवार्य आरक्षण के संबंध में एक कानून बनाने की जोरदार वकालत की है। इस प्रकोष्ठ के प्रमुख के राजू हैं जो राहुल गांधी के करीबी सहयोगी हैं।

मध्यम वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग के बीच की श्रेणी में आने वाले 70 करोड़ लोगों को न्यूनतम वित्तीय सुरक्षा दिए जाने के मुद्दे पर राहुल गांधी के विचारों को भी पार्टी के चुनावी दस्तावेज में कुछ ठोस स्थान मिल सकता है। ऐसे समय जब शहरी मध्यम वर्ग का झुकाव भाजपा की ओर प्रतीत हो रहा है, पार्टी में एक राय यह भी है कि कारीगरों और कम आय वाले पेशेवर समूहों, घरेलू और प्रवासी श्रमिकों वाली आबादी का समर्थन पार्टी को मिल सकता है।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के ग्रामीण निर्धनों तक पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम होने के बीच इस बार कांग्रेस की योजना देश भर में आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को कानूनी रूप देने की है। पार्टी सूत्रों ने यह संकेत दिया कि समाज के विभिन्न वर्गों के लिए पार्टी का उप-घोषणा पत्र भी जारी हो सकता हैं। घोषणा पत्र का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार का मुकाबला करने और कानूनी एवं न्यायिक सुधार के बारे में होगा। इसमें रोजगार सृजन, कौशल विकास, स्वास्थ्य सुविधायें कृषि, किसानों का कल्याण, ग्रामीण विकास, आवास, कमजोर वर्गों’ और महिलाओं का सशक्तिकरण, शहरी विकास, परिवहन और ई-गवर्नेंस जैसे विषयों पर खास तौर पर चर्चा होगी।

ऐसे समय जब निजी अस्पतालों में इलाज महंगा हो रहा है और सरकारी अस्पतालों में काफी भीड़ है, सभी नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा की गारंटी के संबंध में केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद से राय मांगी गयी थी। देश में शहरीकरण का विस्तार होने के साथ ही घोषणा पत्र में सभी नागरिकों को खास न्यूनतम नागरिक सुविधाओं का वादा किए जाने की भी संभावना है।

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