बीजेपी में मचे अतरकलह के बाद आखिरकार साबिर अली की सदस्यता रद्द कर दी गई है। साबिर कल ही बीजेपी में शामिल किए गए थे। उनके पार्टी में शामिल होने पर विरोधी ही नहीं अपनों का भी हमला पार्टी नेताओं को झेलना पड़। ऊपर से आरएसएस दबी जुबान में ही सही, अपनी नाराजगी जता रहा था। कल यानी शुक्रवार से ही साबिर अली को लेकर बीजेपी के भीतर सवाल उठने लगे। ट्वीटर के जरिए बीजेपी के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने मोर्चा खोला तो इसमें विनय कटियार, कलराज मिश्रा और बलबीर पुंज जैसे नेता जुड़ते चले गए।
इन नेताओं का मानना है कि साबिर अली को बीजेपी में शामिल करने के मामले में पार्टी से चूक हुई है। हालांकि नितिन गडकरी जैसे नेताओं ने साबिर के मुद्दे पर पार्टी की राय से इत्तिफाक जताया है। एक तरफ पार्टी के भीतर से सवाल उठे तो दूसरी तरफ विरोधी पार्टियों को बीजेपी के भीतर की इस अनबन में मजे लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से लेकर कई दलों ने साबिर अली को बीजेपी में शामिल किए जाने पर चुटकी ली। साबिर पर बीजेपी नेताओं के बयानों के बहाने ही निशाना साधा जा रहा है।
साबिर अली को बीजेपी में शामिल करने के बाद नाराज मुख्तार अब्बास नकवी ने कल ट्विट किया था और कहा था कि आतंकी भटकल का दोस्त बीजेपी में शामिल हो गया है, जल्द ही दाऊद भी आएगा, लेकिन विपक्ष के तीखे हमले और बढ़ते विवाद के बाद आज मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने ट्वीट को डीलीट कर दिया। हालांकि बाद में नकवी ने मीडिया से सामान्य बातचीत में कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं। ट्वीट में दाऊद का जिक्र होने की वजह से उन्होंने इसे हटाया, जो गैरजिम्मेदाराना लग रहा था।
उधर बीजेपी नेता कलराज मिश्रा ने भी नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि पार्टी से चूक हुई है पार्टी को सबको विश्वास में लेकर किसी भी शख्स को शामिल किया जाना चाहिए था। गौरतलब है कि एक वक्त ऐसा था जब साबिर अली मोदी के खिलाफ जहर उगलने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे, लेकिन अचानक मोदी उनके लिए विकास पुरुष हो गए हैं। अचानक उनके हृदय परिवर्तन के पीछे जाहिर है उनका निजी स्वार्थ तो होगा ही। फिलहाल विवाद बढ़ता देख बीजेपी ने साबिर की सदस्यता रद्द कर दी।