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बिहार : जब डाक्टर साहब ने रोगी के शरीर और जेब पर चाकू चलाया

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doctor attack patient
दरभंगा। जब डाक्टर साहब ने रोगी के शरीर और जेब पर चाकू चलाया। हुआ यह कि अव्वल डाक्टर साहब ने हर्निया का ऑपरेशन किए। काम का दाम आरएसबीवाई से निकाल लिए। इसके बाद डाक्टर साहब ने  रोगी को 5 दिनों तक हॉस्पीटल में ही लिए। फिर डाक्टर साहब ने अतिरिक्त 5 दिनों का अस्पतालीय शुल्क रोगी की जेब से रकम निकाल लिए। इस तरह का गौरखधंधा दरभंगा जिले में फलफूल रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड के पंचायत और गांव सिंधौली गांव में मो. आलम (65 साल) रहते हैं। मो.आलम अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय से संबंध रखते हैं। उनको शरीर में एक तरफ हर्निया नामक रोग और दूसरी तरफ तीन बेटे और एक बेटी को सही राह पर बढ़ाने की जिम्मेवारी। दुर्भाग्य से चार बच्चों के अब्बा अकुशल मजदूर और आवासीय भूमिहीन हैं। मो.आलम जीविकोपार्जन करने के लिए गुमटी खोलकर तरक्की की सीढ़ी पर बढ़ने को आतुर हैं। मो.आलम को काफी कम पूंजी है। इसके कारण गुमटी में काफी कम समान रखे हैं। सदा अल्लाह पर यकीन रखते हैं और बूंद-बूंद कर तालाब बनने पर विश्वास करते हैं। उसी राह और तर्ज पर आगे अग्रसर बढ़ते चले जा रहे हैं। अब गुमटी में समान बेचकर कुछ-कुछ रकम जमा कर रहे हैं। इस बीच बाल-बच्चों की निकाह करने में सफल हो रहे हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण 10 साल से हर्निया रोग से पीड़ित रहने वाले मो.आलम ऑपरेशन करवाने में कामयाब हो गए।

मो.आलम कहते हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के तहत निर्मित स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण नवम्बर 2013 में करवाएं थे। इसके बाद मो. आलम इलाज करवाने जी.जे.मेमोरियल हॉस्पीटल,दरभंगा गए। जी.जे.मेमोरियल हॉस्पीटल,दरभंगा के सर्जन डाक्टर वी.एस.प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के तहत निर्गत स्मार्ट कार्ड को देखकर मो. आलम को भर्त्ती कर लिए। आरएसबीवाई के पैकेज के अनुसार 3 दिनों के अंदर ही हर्निया पीड़ित रोगी को भर्त्ती करके इलाज और ऑपरेशन कर दिया। इनका स्मार्ट कार्ड नम्बर यूआरएन 10131107513002713 है। दस्तावेज के अनुसार मो. आलम 8 दिन भर्त्ती हुए। आरएसबीवाई के तहत 3 दिन का इलाज दिखाया गया है। बेड, फूड, मेडिसीन, डायग्नोसिस और ब्लड टेस्ट फ्री किया गया।

मगर जी.जे. मेमोरियल हॉस्पीटल के सर्जन ने 5 दिन अधिक ही रोगी को भर्त्ती करके रखे रहे। इस दौरान 5 दिनों की अस्पतालीय शुल्क के रूप में बतौर 1000 रू0 डकार लिए। इस तरह एक समय में एक बीमारी का इलाज करने में आरएसबीवाई और मरीज के व्यक्तिगत रकम हजम कर लिए।

गुमटी में बैठकर सामान्य जीवन जीने वाले मो. आलम ने पैक्स के सहयोग से दरभंगा जिले में सेवारत गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के प्रति आभार व्यक्त किए हैं जिनके सहयोग से आफत की घड़ी से निकल पाने में कामयबाब हो सके। इनके कार्यकर्ता कामेन्द्र कुमार पासवान ने सही ढंग से मार्गदर्शन किए हैं। इनको अल्लाह आबाद रखें। 




आलोक कुमार
बिहार 

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