मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा 30 मार्च 2014 को गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में दिल्ली कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेालन में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस सम्मेेलन का शुभारंभ बाल गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर ने अपनी मधुर आवाज़ से मिथिला के प्रसिद्ध पारंपरिक गोसाउनिक गीत ’जय जय भैरवि असुर भयाउनि’ से किया।
इस सम्मेलन को मिथिला राज्य निर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वश्री श्याम झा, वरिष्ठ कार्यकर्ता हेमन्त झा, विजय झा, संजय कुमार मंडल एवं युवा अनूप मैथिल ने संबोधित किया। सम्मेलन में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए श्री श्याम झा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सभी कार्यकर्ता मिरानिसे के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अनुशासन के साथ-साथ संगठनात्मक नियम-कानून का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे तभी हमलोग अपने लक्ष्य मिथिला राज्य का निर्माण साकार कर पाएंगे।
वरिष्ठ कार्यकर्ता सर्वश्री हेमंत झा ने 'मिरानिसे : इतिहास-विकास'से कार्यकर्ताओं को अवगत कराया। विजय झा ने 'मिथिला राज्य आंदोलन और कार्यकर्ता प्रोत्साहन'विषय पर विचार रखे। संजय कुमार मंडल ने 'मिथिला राज्य किएक'पर विस्तार से प्रकाश डाला। अनूप मैथिल ने आंदोलन की आगामी रूपरेखा के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया।
इस अवसर पर मिथिला राज्य निर्माण सेना, दिल्ली इकाई के अध्यक्ष के नाते श्री संजय झा ’नागदह’ एवं महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा के लिए श्रीमती सुधा झा के नाम की औपचारिक घोषणा भी की गई। इसके साथ ही कवीश्वर चंदा झा कृत “मिथिला-भाषा रामायण” यूनिकोडीकरण का शुभारंभ श्री संजीव सिन्हा द्वारा किया गया।
संजय झा "नागदह"ने अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा कि हमलोग हर जगह मिथिला मिथिला करते है परन्तु जब कही किसी दस्तावेज पर लिखने कि बात आती है तो हमारा हाथ रूक जाता है और मिथिला के जगह बिहार लिखने के लिए मज़बूर हो जाता हूँ, लेकिन अब हमलोग जी जान लगाकर "मिथिला"राज्य का मुहर लगे इसका प्रयास करेंगे ।
कार्यकर्ता सम्मेलन में श्रीमती सुधा झा, सर्वश्री वंशीधर मिश्रा, शरत झा, ठाकुर सुमन, प्रकाश झा, संजय झा’नागदह’, झा चंदन, रोशन चौधरी, प्रवीण मिश्र, जितेन्द्र ज्योति, रामचंद्र झा, विजय कुमार झा, अरविन्द मिश्र, अमित कुमार, शंकरभाई आदि ने अपने विचार रखे। मंच का संचालन श्री अमरनाथ झा ने किया। अंत में सम्मेलन का समापन श्री कमलेश मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन से किया गया।