विश्व के सबसे वृहत व मजबूत लोकतांत्रिक देश भारत वर्ष में 16 वीं लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनावी महासमर में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने मतदाताओ को अपने-अपने पक्ष में आकर्षित करने की कवायदें शुरु कर दी हैं। झारखण्ड में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं। इन 14 लोकसभा सीटों के लिये झारखण्ड में तीन चरणों में चुनाव संपन्न होने हैं। तीसरे चरण (10 अप्रैल) को होने वाले चुनाव में झारखण्ड के चतरा, कोडरमा, लोहरदगा (सुरक्षित) पलामू (सुरक्षित) व हजारीबाग में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। इसके लिये 13 मार्च को अधिसूचना जारी की गई। 20 मार्च को नामांकन की तिथि समाप्त हो गई जबकि 21 मार्च को स्क्रूटनी तथा राम वापसी की तिथि 24 मार्च को खत्म हो गई। इसी तरह पाँचवें चरण में गिरिडीह, राँची, जमशेदपुर, सिंहभूम (सुरक्षित) व खूँटी (सुरक्षित) सीटों पर चुनाव होने हैं। इसके लिये अधिसूचना की तिथि 19 मार्च को रखी गई जबकि 26 मार्च तक नामांकन व 27 मार्च को स्क्रूटनी की तिथि निर्धारित की गई। नाम वापसी की तिथि 29 मार्च को रखी गई। इन तमाम सीटों के लिये 17 अप्रैल को चुनाव होने हैं। छठे चरण के चुनाव में राजमहल (सुरक्षित) दुमका (सुरक्षित) गोड्डा व धनबाद को रखा गया। इसके लिये अधिसूचना की तिथि 29 मार्च को रखी गई जबकि नामांकन की तिथि 05 अप्रैल तक रखी गई। 07 अप्रैल को स्क्रूटनी तथा 09 अप्रैल को नाम वापसी की तिथि मुकर्रर है। 24 अप्रैल को इन सीटों के लिये मतदान होने हैं।
वर्ष 1951 से वर्ष 2009 तक के लोकसभा चुनाव में झारखण्डः-वर्ष 1951 से वर्ष 2009 तक के लोकसभा सीटों पर जीत के परिणाम पर यदि गौर करें तो वर्ष 1951 में अविभाजित बिहार के दक्षिणी हिस्से जो अब झारखण्ड है में लोकसभा के मात्र 2 सीट थे, हजारीबाग व राँची। पहले लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में सीएनएस ने विजय प्राप्त की थी तो वहीं राँची की सीट पर काँग्रेस का कब्जा था। वर्ष 1957 में लोससभा की कुल 8 सीटों में मात्र धनबाद सीट पर ही काँग्रेस ने विजय प्राप्त की थी जबकि चतरा, गिरिडीह व हजारीबाग सीट का परिणाम सीएनएस के पक्ष में रहा था। दुमका, लोहरदगा, राँची व सिंहभूम सीट पर जेएचपी ने अपना कब्जा जमाया था। वर्ष 1962 (तीसरे लोकसभा चुनाव) में झारखण्ड के कुल 08 लोकसभा सीटों में धनबाद व दुमका काँग्रेसी प्रत्याशी के पक्ष में गया था, जबकि चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग व लोहरदगा सीट पर एसडब्ल्यूए तथा राँची व सिंहभूम सीट पर जेपी ने जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव-1967 में चतरा, हजारीबाग व सिंहभूम सीट स्वतंत्र प्रत्याशियों के जिम्मे रही। इस चुनाव में दुमका, गिरिडीह, खूँटी, लोहरदगा व राँची में काँग्रेस प्रत्याशियों ने जीत कर आधे से अधिक सीटों पर अपना कब्जा कर जमा लिया। धनबाद ही एकमात्र सीट था जहाँ जेकेडी का परचम लहराया। वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में चतरा, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा व राँची सीटों पर काँग्रेस ने एक मर्तबा फिर भारी जीत कर विरोधियों के हौसले पस्त कर दिये। इस लोकसभा चुनाव में खूँटी ही एकमात्र ऐसी सीट रही जहाँ स्वतंत्र प्रत्याशी ने अपना परचम लहराया। सिंहभूम सीट पर जेकेपी का वर्चसव रहा। 1977 के लोकसभा चुनाव में काँग्रेस को मुँह की खानी पड़ी थी। इस चुनाव में राजनीतिक पार्टी बीएलडी ने चतरा, गिरिडीह, दुमका, हजारीबाग, खूँटी, लोहरदगा व राँची में जीत दर्ज कर काँग्रेस को भौचक्का कर दिया। सिंहभूम सीट पर पूर्व की तरह इस मर्तबा भी जेकेपी ने बाजी मारी। वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी काँग्रेस ने किसी अन्य पार्टी को सामने आने नहीं दिया। वर्ष 1980 व वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में काँग्रेस ने प्रचण्ड जीत हासिल कर अन्य तमाम राजनीतिक पार्टियों की बोलती बंद कर दी थी। इन दोनों ही लोकसभा चुनाव में झारखण्ड की तमाम 9 सीटों पर काँग्रेस का कब्जा रहा। तत्कालीन बिहार के दक्षिणी हिस्से में वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में मात्र सिंहभूम व लोहरदगा सीट पर ही काँग्रेस का परचम लहरा सका जबकि पहली मर्तबा बीजेपी ने गिरिडीह, हजारीबाग व खूँटी सीट विजयश्री हासिल किया, जबकि चतरा व राँची सीट पर जेडी, धनबाद सीट पर एमसीआरओ तथा दुमका सीट पर झामुमों ने जीत हासिल किया। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में चतरा सीट पर फिर से जेडी ने बाजी मार ली। धनबाद सीट पर बीएचपी, दुमका, गिरिडीह व सिंहभूम सीट पर झामुमों तथा हजारीबाग सीट पर सीपीआई ने विजयश्री हासिल किया। वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में चतरा, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, खूँटी, लोहरदगा, राँची व सिंहभूम सीट पर बीजेपी ने आधिपत्य कर पहली मर्तबा 9 में से 8 सीट पर जीत दर्ज कर इतिहास बनाया। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में मात्र चतरा सीट को छोड़कर फिर से बीजेपी ने सारी सीटें अपनी झोली में कर ली। एक मात्र चतरा सीट आरजेडी के हिस्से गया। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में चतरा सीट पर फिर से राजद ने बाजी मारी जबकि सिंहभूम, राँची, लोहरदगा, खूँटी, व धनबाद सीटों पर काँग्रेस ने अपनी जीत सुनिश्चित की। दुमका व गिरिडीह सीट पर झामुमों ने जीत हासिल की। हजारीबाग सीट सीपीआई के हिस्से गया। पिछले लोकसभा चुनाव-2009 की बात की जाय तो चतरा सीट पर स्वतंत्र प्रत्याशी ने जीत प्राप्त की वहीं दुमका व पलामू सीटों पर झामुमों का कब्जा रहा। कोडरमा सीट पर जेवीएम ने कब्जा जमाया, एकमात्र राँची लोकसभा सीट काँग्रेस के जिम्मे रहा जबकि शेष सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत हासिल की।
---अमरेन्द्र सुमन---
रांची