भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने मुख्य नीतिगत ब्याज दरों में मंगलवार को कोई परिवर्तन नहीं करने की घोषणा की. आरबीआई ने दो महीने में एक बार जारी किए जाने वाली दरों के तहत इसे अपरिवर्तित रखा है. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को पहले की तरह आठ फीसदी के स्तर पर और रिवर्स रेपो रेट को सात फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है.
मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव न होने से वाहन, आवास तथा अन्य ऋण के मासिक किस्तों में बदलाव नहीं होगा. आरबीआई ने एक अप्रैल 2014 को प्रथम दोमाही मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा करते हुए उम्मीद जताई कि 2014-15 में आर्थिक वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहेगी. इसके अलावा चालू खाते का घाटा (कैड) वर्ष 2013-14 में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत तक रहने की संभावना है. रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि खाद्य मुद्रास्फीति 2014 के दौरान 6 प्रतिशत से नीचे रहेगी.
विश्लेषकों ने अनुमान जताया था कि आगामी चुनाव के बाद बनने वाली सरकार की नीति के बारे में अनिश्िचतता और आर्थिक आंकड़ों के कारण रिजर्व बैंक के गवर्नर प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बरकरार रखना पसंद करेंगे. मालूम हो कि रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश पर आरबीआई ने अब हर दो महीने पर मौद्रिक नीति की घोषणा करने का फैसला किया है.
पिछले कुछ वर्षों से यह घोषणा 45 दिनों पर की जाती थी. 1990 के दशक में आरबीआई यह घोषणा साल में सिर्फ दो बार करता था. 1997 में गवर्नर बने बिमल जालान ने तिमाही मौद्रिक समीक्षा का रिवाज शुरू किया और उनके बाद गवर्नर वाई.वी. रेड्डी ने मध्य तिमाही समीक्षा शुरू की. 28 जनवरी को घोषित मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक ने मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर दी थी.