दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को नीतिश कटारा हत्याकांड को 'आनर कीलिंग'करार देते हुए तीन दोषियों की उम्रकैद को बरकरार रखने का फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति जे.आर. मिधा की खंडपीठ ने मई 2008 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली तीनों दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया। निचली अदालत ने साल 2002 में नीतिश के अपहरण और हत्या के मामले में तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इस बीच, पीठ ने नीतिश की मां नीलम कटारा की याचिका पर सुनवाई के लिए 25 अप्रैल का दिन तय किया है। नीलम ने तीनों दोषियों- नीतिश की मित्र भारती के भाई विकास यादव, भारती के चचेरे भाई विशाल यादव और कांट्रैक्ट किलर सुखदेव पहलवान के लिए मृत्युदंड की मांग की है। तीनों दोषी फिलहाल तिहाड़ केंद्रीय कारा में कैद हैं।