छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की दो शराब दुकानों का ठेका राधा चतुर्वेदी नाम की महिला को मिला है। गनियारी समूह की दुकान के लिए ठेके की राशि जमा करते ही राधा क्षेत्र में पहली महिला शराब ठेकेदार बन गईं। उन्हें लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है। वर्ष 2014-2015 के लिए दोबारा निकाली गई लॉटरी में केवल एक ही महिला ठेकेदार का नाम निकला था। उधर, इस वर्ष शराब ठेका राज्य शासन के लिए गले की फांस बन गया है। दरअसल, जिले की आधा दर्जन दुकानों को कोई भी शराब ठेकेदार चलाने के लिए ही तैयार ही नहीं है, जबकि बीते 1 मार्च को 36 समूहों की 71 शराब दुकानों के लिए कलेक्टोरेट परिसर में लॉटरी निकाली गई थी। लॉटरी में सभी दुकानों के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन जब लाइसेंस के लिए राशि जमा करने की बात आई तो चुचुहियापारा, जूना बिलासपुर, व्यापार विहार, गनियारी और मंगला समूह के लिए किसी भी ठेकेदार ने राशि ही जमा नहीं की।
ठेकेदारों को पैसे जमा करने के लिए तीन दिनों की मोहलत दी गई थी। इस बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। आबकारी विभाग ने किसी तरह इन दुकानों के दोबारा ठेके के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए। सूबे के राजनांदगांव की राधा चतुर्वेदी ने गनियारी समूह की देशी शराब दुकान के लिए राशि जमा कर शराब ठेकेदारों के साथ-साथ आबकारी विभाग के अफसरों को चौंका दिया। इनका नाता किसी भी शराब ठेकेदार से नहीं होने का दावा किया जा रहा है। महिलाओं के नाम पर पहले भी लॉटरी निकल चुकी है, लेकिन किसी भी दुकान में महिलाओं को शराब की बिक्री करते नहीं देखा गया है।
नियमानुसार शराब दुकान के बाहर बोर्ड में ठेकेदार का नाम लिखा जाना अनिवार्य है। ऐसे में गनियारी शराब दुकान के बाहर 'श्रीमती चतुर्वेदी'लिखा नजर आएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने अवैध शराब बिक्री को लेकर मुहिम चलाने के लिए भारत माता वाहिनी का गठन किया था। जिनके द्वारा गांव-गांव में शराबियों के घरों के सामने भजन-कीर्तन किया जाता था। इसके अलावा महिलाओं ने शराबियों को ठीक करने के लिए हाथ में लाठी थाम ली थी।
इसके अलावा देवरीखुर्द की महिलाएं भी लगातार अवैध शराब बिक्री के खिलाफ अभियान चला रही हैं। ऐसे में एक महिला के शराब ठेकेदार बनने पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। 24 मार्च की शाम 5.30 बजे तक आवेदन स्वीकार किए गए। इस दौरान केवल 127 आवेदन ही प्राप्त हुए। इसके बाद 25 मार्च की दोपहर दो बजे के बाद कलेक्टोरेट परिसर में कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी की उपस्थिति में दोबारा लॉटरी निकाली गई। इसमें मंगला समूह की दुकान सिंडीकेट के खाते में गई।
इसके अलावा अन्य चार समूहों की दुकान की लॉटरी आम लोगों के नाम पर निकलने की बात कही जा रही है। इसमें जूना बिलासपुर के अशोक चतुर्वेदी, गनियारी की राधा चतुर्वेदी, व्यापार विहार के हर्ष शर्मा व लिंगियाडीह के विकास कटोरिया शामिल हैं। इन्हें भी तीन दिनों के भीतर राशि जमा करनी थी। इसके अलावा लिंगियाडीह शराब दुकान इस बार बीना के विकास कटोरिया को मिला है, जिन्होंने भी राशि जमा कर दी है।
मालूम हो कि इस बार शराब दुकानों के ठेके के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे। इसे ध्यान में रखते हुए सभी प्रमुख शराब ठेकेदारों ने सिंडीकेट बना लिया था। इस कारण जिले में फार्म से होने वाली आय में 26 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं शासन ने इस बार राजस्व वसूली का टारगेट 236 करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले साल की अपेक्षा 20 फीसदी अधिक है।
नई आबकारी नीति के तहत चुचुहियापारा दुकान की कीमत नौ करोड़ रुपये तय की गई है। इसके कारण इस दुकान के लिए शराब ठेकेदार ने फार्म जमा करने की हिम्मत तक नहीं दिखाई। वहीं आम लोगों ने भी आवेदन जमा नहीं किया। इसके अलावा जूना बिलासपुर व व्यापार विहार शराब दुकान के लिए दोबारा लॉटरी निकाली गई थी। दोनों ही दुकानों की लॉटरी आम लोगों के नाम पर निकली थी। वर्तमान में दोनों ही दुकानों के लिए राशि ही जमा नहीं हुई है। अब लॉटरी में दूसरे नंबर पर रहे आवेदकों से राशि जमा करने के लिए संपर्क किया जाएगा।