मिजोरम में छह गैर सरकारी संस्थानों और युवा संगठनों ने राज्य में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है। मिजोरम में नौ अप्रैल को मतदान होने हैं। गैर सरकारी संस्थान और युवा संगठन, भारत निर्वाचन आयोग के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में रह रहे मिजोरम के रियांग जनजाति के लोगों को मिजोरम की एक सीट के लिए मतदान करने की अनुमति दी गई है।
युवा संगठन, यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के नेतृत्व में छह गैर सरकारी संस्थान और अन्य संगठनों ने शुक्रवार रात आईजोल में आपात बैठक बुलाई और फैसला किया कि लोगों से लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का आग्रह करेंगे।
वाईएमए प्रवक्ता जे. लालसाइलोवा ने शनिवार को आईजोल में संवाददाताओं से कहा, "हमने सात अप्रैल को राज्य में 72 घंटों का बंद और हड़ताल करने का भी निश्चिय किया है।"
त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में पिछले 17 साल से रह रहे रियांग जनजाति के 36,000 लोगों में से 11,500 शरणार्थियों के नाम मिजोरम की मतदाता सूची में शामिल हैं। इनमें से 71 फीसदी लोगों ने बीते मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को निर्वाचन निरीक्षकों की निगरानी में डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान किया।