भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को अब शासक नहीं सेवक की जरूरत है। देश ने शासक तो कई देखे हैं, मगर अब वह सेवक की जरूरत महसूस कर रहा है। मध्य प्रदेश के गुना संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी के गांधी मैदान में भाजपा उम्मीदवार जयभान सिंह पवैया के समर्थन में आयोजित जनसभा में एक बार फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश नहीं, बेटे के करियर की चिंता है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर है इसका प्रमाण शहजादे द्वारा उस विधेयक की प्रति सार्वजनिक तौर पर फाड़ना था, जो केंद्र सरकार की कैबिनेट ने पारित किया था। कांग्रेस संविधान और संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा का क्षरण कर रही है। प्रधानमंत्री का अपमान उसकी गरिमा पर आघात किसी भी दृष्टि से सहन नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने फैसला लिया और प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर गए लेकिन कांग्रेस के शहजादे ने मंत्रिपरिषद के फैसले को बकवास बताकर न केवल संविधान की गरिमा को चोट पहुंचाई है अपितु विदेश में प्रधानमंत्री की साख और सम्मान को गिराया है। संविधान और प्रधानमंत्री की गरिमा बनाए रखना देश के हर नागरिक और हर दल का कत्र्तव्य है।
मोदी ने विजयराजे सिंधिया को याद किया और कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपके यहां के महाशय (ज्योतिरादित्य) का अहंकार भी सातवें आसमान पर होता है, हो भी क्यों न क्योंकि वे तो शहजादे के दोस्त हैं।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस अहंकार का प्रतीक बन गई है। उसे जनता, गांव, गरीब, किसान से कोई सरोकार नहीं रह गया है। शिवपुरी की जल समस्या इसका सबूत है। वर्षो से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद अहंकार में इतने डूब चुके हैं कि उन्हें जल समस्या के समाधान से कोई सरोकार नहीं दिखा।
उन्होंने कहा कि गुजरात के नौ हजार गांवों में टैंकरों से पानी भेजा जाता था। सीमा पर तैनात जवानों के लिए ऊंटों से पानी भेजकर उनके कंठ गीले किए जाते थे। आजादी के बाद यह समस्या जस की तस बनी रही। गुजरात में भाजपा की सरकार बनने के बाद नर्मदा मां को ले जाकर इस समस्या का समाधान किया जा चुका है।
पिछले दिनों राज्य में हुई ओलावृष्टि की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से किसानों पर आई आफत ने शिवराजसिंह चौहान को मानसिक रूप से चिंता में डाल दिया था। जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वे जनता का साथ दें, समस्याओं का समाधान काली पट्टी बांधकर नहीं किया जा सकता जैसा कि क्षेत्र के सांसद ढोंग रच रहे हैं। यह जनता के साथ विश्वासघात है। कांग्रेस पार्टी ने कभी जनता की समस्याओं, सुख दुख की परवाह नहीं की। उसने चुनाव में हमेशा आम आदमी की भावनाओं का शोषण किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी महिला होते हुए भी महिला के सम्मान के बारे में कतई चिंतित नहीं हैं। वे संप्रग की अध्यक्ष हैं उनकी सरकार ने दिखावे के लिए निर्भया कोष पर एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया लेकिन महिला सम्मान की रक्षा के लिए इसमें से एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया।