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अमित शाह के बयान ने तूल पकड़ा, गिरफ्तारी की मांग

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amit shah
कांग्रेस आप ने निर्वाचन आयोग से शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अमित शाह के खिलाफ शिकायत की है। शाह पर मुजफ्फरनगर दंगा मामले पर कथित भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। भाजपा ने अमित शाह का बचाव करते हुए कहा है कि उसे उनके बयान में कोई गलती नहीं दिख रही है। मुजफ्फरनगर में शाह ने कथित रूप से कहा था कि 'यह चुनाव उस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए है जिसने जाटों के हत्यारों को मुआवजा दिया। यह बदला लेने और इज्जत बचाने के लिए होने जा रहा है।'

उनके साथ भाजपा विधायक सुरेश राणा भी मौजूद थे। राणा मुजफ्फरनगर हिंसा मामले के आरोपी हैं। मुफ्फरनगर में हुई हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए। मारे गए लोगों में ज्यादातर मुस्लिम थे। कांग्रेस ने गत वर्ष सांप्रदायिक तनाव झेलने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो संप्रदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करने वाले प्रचार के लिए शाह पर प्रतिबंध लगा दिए जाने और गिरफ्तारी की मांग की। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, "भाजपा, मोदी और शाह उसी तरह की नफरत और सांप्रदायिक विभाजन की राजनीतिक दोहराने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा गुजरात में 2002 में हुआ था।"

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को अपनी शिकायत में मीडिया की खबर का हवाला देते हुए कहा कि इसमें यह दिखाया गया है कि शाह ने दो संप्रदायों के बीच तनाव पैदा करने के लिए मुजफ्फरनगर के एक गांव में भड़काऊ भाषण दिया, जहां हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी और बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए थे। कांग्रेस ने चुनावी आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए भाजपा और मोदी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पार्टी की मान्यता समाप्त करने की मांग की है। सुरजेवाला ने कहा, "हम राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग से शाह और मुजफ्फरनगर मामले के आरोपी सुरेश राणा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करते हैं और उन्हें देश के किसी भी हिस्से में चुनाव प्रचार से रोका जाना चाहिए। उन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए।"

आम आदमी पार्टी (आप) ने भी चुनाव आयोग से गुजरात के पूर्व मंत्री शाह के खिलाफ कार्रवई की मांग की है। आप ने एक बयान जारी कर कहा है, "चुनाव आयोग को तुरंत ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने का आदेश देना चाहिए।"समाजवादी पार्टी (सपा) ने भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह के बिजनौर और मुजफ्फरनगर में दिए बयानों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की है और शाह पर प्रदेश में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता प्रो. रामगोपाल यादव ने आयोग से की गई लिखित शिकायत में कहा है कि अमित शाह ने बीते शुक्रवार को बिजनौर में भाषण देते हुए धमकी दी थी कि नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के दूसरे दिन ही उत्तर प्रदेश की सरकार बर्खास्त कर दी जाएगी। 

सपा प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह शाह ने मुजफ्फरनगर में मुसलमानों को भयभीत करने के लिए चुनाव के बाद दंगों का बदला लेने की धमकी दी थी।  रामगोपाल ने कहा कि शाह का यह बयान भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। साथ ही मतदाताओं को डराने और धमकाने वाला बयान भी है। यह आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। सपा प्रवक्ता ने निर्वाचन आयोग से बिजनौर और मुजफ्फरनगर के निर्वाचन अधिकारियों से शाह के बयान की सीडी मंगाकर देखने और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में घुसने पर पाबंदी लगाने की मांग की है। 

जनता दल (यू) ने भी अमित शाह के बयान की निंदा की और कहा कि यह 'क्षेत्रीय पार्टियों की राज्य सरकारों के लिए चेतावनी है कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बने तो सभी राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया जाएगा।'भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने हालांकि कहा, "हमें अमित शाह के बयान में कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है।"इसके जवाब में उन्होंने दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम से सोनिया गांधी की अपील पर उठे विवाद को तूल देने की कोशिश की और कहा कि यह चुनाव को ध्रुवीकृत करने का प्रयास है। 

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