Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (06 अप्रैल)

$
0
0
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को निर्वाचन, प्रक्रिया एवं मतदान दल गठन की दी गई जानकारी
आगामी 10 अप्रैल 2014 को बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में होने वाले मतदान के लिए जिले में सभी आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में है। इसी कड़ी में आज राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर उन्हें मतदाल दलों के गठन की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। बैठक में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त सामान्य प्रेक्षक श्री मनोरंजन पटनायक, जिला निर्वाचन अधिकारी श्री व्ही. किरण गोपाल, अपर कलेक्टर श्री दिलीप कापसे एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया कि जिले के 1344 मतदान केन्द्रों के लिए मतदान दलों का गठन कर लिया गया है। पूर्व में जिन कर्मचारियों की मतदान दलों में डयूटी लगाई गई थी उनमें से विकलांग एवं बीमार तथा एक से अधिक स्थान डयूटी लगने वाले 231 कर्मचारियों को मतदान दलों से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर रिजर्व में रखे गये कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल किया जायेगा। मतदान दलों को सामग्री वितरण के पूर्व ही पता चलेगा कि किस दल को किस मतदान केन्द्र में जाना है। 

ऐपिक कार्ड न होने पर वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुविधा
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की पहचान के लिये मतदाता पहचान पत्र (ऐपिक) जारी किये हैं। ऐपिक के जरिये मतदाता अपने मतदान केन्द्र पर मतदान कर सकता है। निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं जिनके पास ऐपिक कार्ड नहीं है, उनको मतदान की सुविधा देने के लिये वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने की सुविधा दी है। वैकल्पिक दस्तावेज में मतदाता अपने स्वयं का पासपोर्ट, ड्रायविंग लायसेंस, केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार के कार्यालयों का कार्मिक परिचय पत्र, बैंक अथवा डाकघर द्वारा फोटो सहित जारी पास बुक, पेन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अधीन जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड और फोटो सहित पेंशन दस्तावेज में से कोई एक प्रस्तुत कर मतदान कर सकता है। फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदान के पांच दिन पहले ही कर चुके है। बीएलओ को अवितरित मतदाता पर्ची की सूची बनाये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। 

7 अप्रैल से 12 मई तक की अवधि में, एक्जिट पोल के संचालन, प्रकाशन और प्रसारण पर रहेगा प्रतिबंध

भारत निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126''क''के नियम के अनुरूप अन्य राज्यों सहित मध्यप्रदेश में 7 अप्रैल से 12 मई तक की अवधि के दौरान एक्जिट पोल के संचालन, प्रकाशन अथवा प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 7 अप्रैल की प्रात: 7 बजे से 12 मई की शाम 6.30 बजे तक लागू रहेगा। आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। एक्जिट पोल पर प्रतिबंध मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले लोकसभा निर्वाचन और विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए लगाया गया है। इस दौरान किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का संचालन एवं प्रिन्ट या इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा उसका प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसके प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा आयोग ने स्पष्ट किया है कि लोकसभा निर्वाचन तथा उप निर्वाचन से संबंधित मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी ओपिनियन पोल या किसी भी पोल सर्वे के परिणामों का प्रदर्शन किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करना प्रतिबंधित रहेगा।

निर्वाचन डयूटी के दौरान मृत अथवा घायल होने पर मिलेगा मुआवजा, निर्वाचन आयोग ने जारी किये निर्देश

balaghat news
भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किये हैं कि निर्वाचन कार्य के दौरान यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी किसी भी प्रकार की दुर्घटना से मृत अथवा घायल होता है तो उसे निर्धारित मुआवजे की राशि का शीघ्र भुगतान किया जाये। निर्वाचन आयोग ने जिन राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में विधानसभा निर्वाचन होने वाले हैं उनके मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।

किसी भी प्रकार से मृत्यु पर 5 लाख
निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिये हैं कि निर्वाचन कर्तव्य के दौरान किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की किसी भी प्रकार से मृत्यु होने पर उसके निकटस्थ संबंधी को 5 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा।

आतंकवादी हमले पर 10 लाख रूपये
निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिये हैं कि यदि निर्वाचन कर्तव्य के दौरान किसी अधिकारी-कर्मचारी की मृत्यु आतंकवादी हमले, असामाजिक तत्वों, रोड माइन्स, बम ब्लास्ट, सशस्त्र हमले आदि के माध्यम से होती है तो उसके निकटस्थ संबंधी को मृत्यु के लिये निर्धारित मुआवजे 5 लाख से दो गुना मुआवजा 10 लाख रूपये प्रदाय किया जायेगा।

स्थायी निःशक्तता पर ढाई लाख रूपये
 निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिये हैं कि यदि निर्वाचन कर्तव्य के दौरान कोई अधिकारी-कर्मचारी स्थायी रूप से निःशक्त हो जाता है, जैसे हाथ-पैर गंवा देना, ऑंखों की दृष्टि चले जाना, तो उसे ढाई लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। परंतु यदि उसकी स्थायी निःशक्तता आतंकवादी हमले, असामाजिक तत्वों, रोड माइन्स, बम ब्लास्ट, सशस्त्र हमले आदि के माध्यम से होती है तो उसे दो गुनी राशि अर्थात 5 लाख रूपये मुआवजा प्राप्त करने की पात्रता होगी।

घर/कार्यालय से निकलते ही माना जायेगा कर्तव्य पर
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिस समय कोई अधिकारी-कर्मचारी निर्वाचन कर्तव्य के लिए अपने घर अथवा कार्यालय से निकलता है, तथा जिस समय तक अपने घर अथवा कार्यालय पहुंचता है उस पूरी अवधि को उसकी निर्वाचन कर्तव्य की अवधि माना जायेगा। इस अवधि में यदि उसके साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसे उपरोक्तानुसार मुआवजा प्राप्त करने की पात्रता होगी।

राज्य सरकार दे सकती है अतिरिक्त मुआवजा
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी राज्य सरकार ने निर्वाचन कर्तव्य के दौरान अधिकारी-कर्मचारी के घायल होने पर मुआवजा दिये जाने के संबंध में पूर्व से नीति बना रखी हो तो राज्य सरकार निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अतिरिक्त संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को राशि अतिरिक्त मुआवजे के रूप में प्रदाय कर सकती है।

ईवीएम में रहेगी नोटा की व्यवस्था, नोटा के अधिक वोट के बावजूद सर्वाधिक वोट प्राप्त उम्मीदवार ही विजयी घोषित होगा
भारत ‍निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव 2014 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन/मतदान पत्र में “नोटा बटन’’ (नन ऑफ द एबव) उपलब्ध रहेगा। “नोटा बटन’’ उन मतदाताओं के लिये रहेगा जो चुनाव मैदान में उतरे किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहेंगे। मतदाताओं के लिये व्यवस्था रहेगी कि चुनाव में खड़े किसी भी उम्मीदवार को चुनना नहीं चाहते तो वे नोटा बटन को दबाकर इस विकल्प का गोपनीयता के साथ उपयोग कर सकेंगे। मतगणना परिणाम में नोटा के विकल्प को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान भी किया जायेगा कि “नन ऑफ एबव’’ के अंतर्गत कितने मत पड़े। अंतिम उम्मीदवार को प्राप्त मतों के पश्चात इसे दर्शाना होगा। अंतिम मतगणना परिणाम सीट और रिटर्न ऑफ इलेक्शन में भी नोटा के अंतर्गत प्राप्त मतों की संख्या को दर्शाया जायेगा। 49-ओ के अंतर्गत दिया गया विकल्प अब उपलब्ध नहीं होगा। इस बात की जानकारी आयोग ने समस्त पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से देने को कहा है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नोटा का प्रभाव वही होगा जो पहले के नियम 49-ओ के अंतर्गत किसी भी उम्मीदवार के लिये मतदान नहीं करने को लेकर था। आयोग के अनुसार नोटा के अंतर्गत प्राप्त मतों की संख्या सभी उम्मीदवारों को प्राप्त मतों की संख्या से अधिक हो तो भी उसी उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जायेगा जिसे चुनाव मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों से अधिक वोट प्राप्त हुए हों।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>