- न मोदी लहर, न जाति-बिरादरी, न गोत्र-मजहब, सिर्फ माफिया भगाओं भदोही बचाओं की लहर
- जीत-हार में मुस्लिम मत निर्णायक भूमिका में, अगर बैकवर्ड कार्ड चला तो नतीजे चैकाने वाले होंगे
- लगातार तीन बार से काबिज बसपा में इस बार भी सेंध लगाना तिल से तेल निकालना जैसा ही
- बड़े पैमाने पर मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण नहीं हुआ तो भाजपा-बसपा के बीच होगी जंग
पूर्वांचल में माफियाओं के खिलाफ भले ही लोग बोलने से कन्नी काटते हो, लेकिन भदोही में ठीक उलट है। यहां न मोदी लहर है, न जाति-बिरादरी, न गोत्र-मजहब। लहर है तो सिर्फ माफिया भगाओं भदोही बचाओं। इसके लिए खुलकर तो नहीं अंदर ही अंदर लोग किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रहे है। शहर हो या देहात हर तरफ दबी जुबान से इसारों ही इसारों में कहते देखा जा रहा, हमारा वोट उसी को जो माफिया को हराये। खासकर जदयू से सीनियर एडवोकेट तेजबहादुर यादव के मैदान में कूदने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है। पिछड़ा हो या मुस्लिम या फिर बुनकर, व्यापारी व निर्यातक सबके सब जिताउ उम्मीदवार को ही समर्थन देने के मूड में है। बाजी किसके हाथ लगेगी यह तो 16 मई की गणना के बाद पता चलेगा, लेकिन मुजफ्फरनगर की पीड़ा का सार्वजनिक सियासी इस्तेमाल व सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण तेजी से बदला है, ऐसे में किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार में मुस्लिम मत निर्णायक भूमिका में है। खासकर 14 फीसदी फ्लोटिंग वोट फाइटर प्रत्याशी के लिए सोने पे सुहागा साबित तो होंगे ही, अगर बैकवर्ड कार्ड चला तो नतीजे चैकाने वाले होंगे। वैसे भी लैपटाप न पाने से लाखों युवा पहले से ही खार खाएं बैठे है।
यहां भाजपा से दो बार सांसद रहे वीरेन्द्र सिंह मस्त, बसपा से पूर्वमंत्री राकेशधर त्रिपाठी, सपा से बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा की बेटी सीमा मिश्रा, कांग्रेस से सरताज इमाम, जदयू से तेजबहादुर यादव, प्रमसपा से जयप्रकाश मौर्या चुनाव मैदान में है। गेद अपने पाले में डालने के लिए सभी हर हथकंडे अपना रहे है। लगातार तीन बार से काबिज बसपा में इस बार भी सेंध लगाना तिल से तेल निकालना जैसा ही है, लेकिन मौजूदा सियासी समीकरण ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। भाजपा की दमदार उपस्थिति व कमल की खुशबू बिखेरने के लिए बसपा को परेशान कर सकती है। हाल के चुनावों में सपा दुसरे नंबर पर रही है। ऐसे में अगर बड़े पैमाने पर मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण नहीं होता है तो भाजपा-बसपा के बीच जंग हो सकती है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रत्याशी पुरानी घटनाओं को भी चुनावी मुद्दे के रुप में उछाल रहे है। मुद्दों की चर्चा गांव की चैपालों से लेकर शहर के चट्टी-चैराहों पर हो रही है। धनापुर के प्रमोद मिश्रा कहते है-दगा किसी का सगा नहीं। कुरेदने पर कहा- यहां तो ब्राह्मण ही ब्राह्मण का हत्यारा है। पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के भाई की नृशंस हत्या के मामले में तीन-पांच के घनचक्कर में भले ही आरोपी बरी हो गया, लेकिन सच्चाई किसी से छिपी नहीं। भागवतपुर-केडवरिया के अनुज पांडेय कहते है कि कहने के लोग तिहरेकांड में मारे गए सूर्यनारायण शुक्ला के हत्यारों को सजा दिलाने का दंभ भरते है, लेकिन पूरा जिला जानता है कि लड़ाई वर्चस्व व ठेकेदारी की रही। आरोपी को सजा दिलाकर पूरे जनपद में सड़क से लेकर बालू खनन तक पर कब्जा कर लिया गया है।
ब्राह्मण समाज घडि़याली आंसू बहाने वाले को समझ चुकी है, इंतजार है तो बस उस वक्त का। हडि़या के शरद यादव व सलीम अंसारी, औराई के घनश्याम बिन्द व कमालुद्दीन भदोही के रामबलि यादव व कलाम अंसारी कहते है पिछले दिनों ताबड़तोड़ एक के बाद कालीन उद्यमियों, बायर एजेंटो, पत्रकारों सहित आम गरीब जनमानस सरेराह सड़कों पर पुलिस ने किसके इसारे पर लोगों को पीटा, जगह-जगह फर्जी मुकदमें दर्ज कर अवैध वसूली की गयी। गोपीगंज, औराई, मोढ़, सुरियावा, जंगीगंज, चैरी, ज्ञानपुर, डीघ सहित पूरे जनपद में जगह-जगह लोगों की जमीन कब्जा व लूटपाट किया गया। कार्यालय में दिनदहाड़े घुसकर एबीएसए रितुराज को मारा गया, निर्माणाधीन अस्पताल ठेकेदार से रंगदारी व कईयों से फिरौती वसूली गयी। गुंडई के बल पर जीते हुए ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी को हरा दिया गया। दरोपुर में साम्प्रदायिक हिंसा में किसकी मौजूदगी में बवाल हुआ। किस विधायक का सिर फटा, लेकिन मुजरिम आमजनमानस क्यों हुआ। लापरवाह अधिकारियों व संबंधित घटनाक्रम में शामिल लोगों पर कार्यवाही सिर्फ इसलिए नहीं हो सकी उन पर माफिया विधायक का छत्रछाया रहा। यह सवाल हर जुबा पर है।
जनता सब जानती है। अधिकारी चुप है, क्योंकि सब खेल दबंग गठजोड़ का है। दबी जुबा पर इसकों हर लेबल पर अधिकारी से लेकर राजनेता तक भी मानते है। यही वजह है कि सड़क निर्माण के 3 साल तक ठेकेदार की जिम्मेदारी होने के बावजूद लापरवाही पर कार्यवाही नहीं होती। निर्माण के दो-तीन माह बाद ही सड़के उखड़ जा रही है। कागजों में सब ओके है। ऐसे में किसी को कौन टोके इसलिए जनता की आवाज दब जाती है। असल में होता यूं है कि विभाग ठेकेदारों को सड़क बनाने का टेंडर देता है और यह टेंडर बाहुबलि विधायक का कोई करीबी ही लेता है। चैरी के लल्लन दुबे कहते है कद्दावर व जिले के विकास पुरुष नेता रंगनाथ मिश्र को किसके इसारे पर फांसा गया, यह बताने की जरुरत नहीं। चुनावी चर्चा करने पर जोरई के लालजी बिन्द व कसियापुर के बद्रीनाथ मौर्या कहते है इस जनपद से बड़े ही साफगोई से पिछड़े नेताओं को झांसा देकर कब्जा करने का कुचक्र किया गया। दो बार मंत्री व सांसद रहे रामरति बिन्द का टिकट काटकर जेब वाले नेता शारदा बिन्द व छोटेलाल बिन्द को टिकट दिलाकर सिर्फ इसलिए हरवाया गया कि टिकट उन्हें मिल जाय। तीन-तिकड़म से चचा-बाप-भतीज से भले ही टिकट पा लिया गया हो लेकिन जनता पिछड़ों की राजनीति खत्म करने वाले को सबक सिखाएगी। बाहुबलि द्वारा खुलेआम नोट व शराब बांटे जाने की चर्चा करते हुए कौलापुर के बाबूराम व प्रतापपुर के जवाहरलाल ने बात का समर्थन ऐसे शब्दों से किया कि आजकल नेता व दल मुद्दों पर नहीं बल्कि तिकड़म से चुनाव लड़ते है। जनता भूखी है नोट सामने सिधांत धरे रह जाते है। बीच में टोकते हुए बहादुर यादव व कालूराम बिन्द बोले भइया जो भी पिछड़ा वर्ग के लोगों का सम्मान व हित की बात करेगा, उसकों वोट देंगे। बगल में बैठे रजनीकांत मिश्रा ने आपत्ति करते हुए कहा भाजपा इस बार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा देश में फैली भ्रष्टाचार व बेरोजगारी को लेकर मैदान में है।
कृपाल पांडेय कहते है ऐसा नहीं है, देश में केवल एक समस्या है वह है देश के लिए मरने वाले नेताओं की कमी। जिस दिन यह जज्बा नेताओं मेंआ गया उसी दिन से देश की राजनीति बदल जायेगी। सुरियावा के श्यामराज दुबे ने वर्तमान राजनीति से उबते हुए कहा बहुत दिन तक देश के साथ मजाक हो चुका है अब मजबूत सरकार आनी चाहिए। और छुटभैये नेताओं और दलों का खात्मा होना चाहिए। आने वाली सरकार से उम्मीद लगाते हुए जर्नादन गिरी बोले शहर में सफाई हो, अतिक्रमण हटे, आवागमन हो और लोगों में भय खत्म हो, कानून व्यवस्था पूरी तरह सुधरे। कासिम अंसारी कहते है कि मुसलमान साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ व जीतने की अधिक संभावना रखने वाले धर्मनिरपेक्ष दल के उम्मीदवार को ही एकजूट होकर वोट देंगे। रामसजीवन ने कहा कानून व्यवस्था ठीक कर प्रशासनिक अधिकारियों की नकेल कसने वाले दल के प्रत्याशी को वोट देंगे। सपा का महत्वपूर्ण घोषणा हाईस्कूल पास विद्यार्थियों को लैपटाप योजना ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए युवा छात्र कमलेश तिवारी कहते है भदोही ही नहीं पूर्वांचल के लाखों छात्र स्थानीय विधायकों के चलते वंचित हो गए। जबकि नंदिता यादव ने कहा पढ़े बेटियां-बढ़े बेटिया योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले 90 फीसदी छात्राओं को लाभ नहीं दिया गया। अब वह वोटर हो गए है सबक सिखायेंगे।
(सुरेश गांधी, भदोही)
चुनाव मैदान से