राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बागी हुए विधायक सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को बहुत दिनों बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए लालू प्रसाद के पार्टी अध्यक्ष पद पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा है कि पार्टी के संविधान के मुताबिक लालू पार्टी के अध्यक्ष हो ही नहीं सकते हैं। ऐसे में उन्हें चुनाव में पार्टी सिंबल देने का हक नहीं है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से राजद की मान्यता रद्द करने की मांग की है। सम्राट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को दिए गए एक पत्र में कहा है कि राजद के संविधान के मुताबिक भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति की पार्टी से सदस्यता निलंबित या रद्द हो जाएगी। लालू चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिए गए हैं, ऐसे में उनके चुनाव लड़ने और वोट देने पर पाबंदी लगा दी गई है, परंतु वे राजद प्रत्याशियों को सिम्बल बांट रहे हैं।
उन्होंने निर्वाचन आयोग से उनके बांटे गए सिम्बल पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की उम्मीदवारी निरस्त करने की मांग की है। इस मामले पर पत्रकारों द्वारा लालू से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "किस आदमी की बात कर रहे हैं। उसे टिकट नहीं मिला है, तब से वह गड़बड़ा गया है।"उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सम्राट चौधरी समेत 13 विधायक राजद से बागी हो गए थे, परंतु बाद में नौ विधायकों ने पार्टी पर विश्वास जताते हुए राजद में ही रहने की बात कही थी।