इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका देते हुए नोएडा में उसके दो टावरों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इन दोनों टावरों में 500 से ज्यादा फ्लैट हैं। इनरल्ड कोर्ट ओनर वेल्फेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका में सुपरटेक पर आरोप लगाया था कि नियमों की अनदेखी करते हुए, उसने नोएडा के सेक्टर 93 में इन दोनों टावरों (टावर 16 और 17) का निर्माण किया।
न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि सुपरटेक द्वारा बनाए जा रहे इन दोनों टावरों में नियमों का खुला उल्लंघन हुआ। बताया जा रहा है कि इन टावरों का करीब 75 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
वकील अमित सक्सेना ने कहा कि न्यायालय ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अगले तीन महीने के अंदर इन दोनों टावरों को ध्वस्त किया जाए। साथ ही जिन निवेशकों ने इनमें पैसे लगाए हैं उन्हें 14 फीसदी ब्याज के साथ उनका पूरा पैसा वापस किया जाए। सक्सेना के मुताबिक अदालत ने यह भी निर्देश दिए कि नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया।