झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) नक्सलियों से मिली हुई है। सोरेन ने कहा, "किस हैसियत से जेवीएम-पी चुनाव लड़ रही है? नक्सलियों के फरमान के बाद इसने भी राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार किया। जनता ऐसी पार्टी को वोट क्यों देगी?" सोरेन ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन के पक्ष में प्रचार करने का जिम्मा संभाला है। शिबू सोरेन दुमका निर्वाचन क्षेत्र से मरांडी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
मरांडी के आगमन से दुमका की सीट के लिए चुनावी जंग में रोचक मोड़ आ गया है। शिबू सोरेन दुमका सीट से छह बार झामुमो के टिकट पर विजयी रहे हैं, जबकि मरांडी ने 1998 लोकसभा चुनाव में शिबू को और 1999 में शिबू की पत्नी रूपी सोरेन को यहां पराजित किया था। सोरेन ने दुमका में संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी कहा कि मरांडी चालाक लोमड़ी की तरह हैं।
झामुमो के गढ़ में सेंध लगाने की लगातार कोशिश कर रहे बाबूलाल मरांडी ने रविवार को मंत्री साइमन मरांडी से मुलाकात की थी। साइमन, झामुमो द्वारा अपने बेटे दिनेश को राजमहल सीट से टिकट न दिए जाने पर पार्टी से खफा हैं। कुछ दिनों पहले साइमन ने बयान दिया था कि झामुमो दुमका और राजमहल दोनों सीटों पर हारेगी।
बाबूलाल और साइमन की मुलाकात को इस नजरिये से देखा जा रहा है कि साइमन का समर्थन दुमका चुनाव में बाबूलाल के हक में जाएगा। साइमन ने कहा कि वह 21 अप्रैल के बाद वह चुनाव को लेकर अपना पक्ष रखेंगे। इस बीच, साइमन और बाबूलाल की मुलाकातों और साइमन के बयान को झामुमो के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।