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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (21 अप्रैल)

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हजारों ने थामा कांग्रेस का दामन 
  • सुबोध राकेश व आदित्य ब्रजवार ने समर्थकों सहित थामा कांग्रेस का दामन
  • 80 ग्राम प्रधान व 60 क्षेत्र पंचायत सदस्य भी कांग्रेस में शामिल

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। बसपा विधायक सुरेन्द्र राकेश और हरिदास को बसपा सुप्रीमो ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इन दोनों विधायकों के कांग्रेस की जाने की चर्चाओं को बसपा प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी सुप्रीमो तक पहंुचाया जिसके बाद इनका  निलंबन हुआ। जिससे वे न तो कांग्रेस में जा सके और न ही कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार कर सके। ऐसे में इन विधायकों की तो कांग्रेस में एण्ट्री नहीं हो सकी है, लेकिन हरिदास के बेटे आदित्य व सुरेन्द्र राकेश के भाई सुबोध राकेश ने सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली। इनके साथ ही 80 ग्राम प्रधानों व 60 क्षेत्र पंचायत सदस्यो ंने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया। सोमवार को कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम मे बसपा विधायक सुरेन्द्र राकेश के भाई सुबोध राकेश व हरिदास के बेटे आदित्य ब्रजवार ने अपने कई समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस के कुनबे के लगातार बढ़ने से जहां कांग्रेसियों के चेहरे खिले हुए हैं वहीं सोमवार को बसपा के इतने कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस का दामन थामने से इस दौरान उनके साथ सहकारिता बैंक के चेयरमेन सुशील चैधरी, भगवानपुर ब्लाॅक प्रमुख मुनेश सैनी के साथ ही अन्य जिला पंचायत सदस्यों व ग्राम प्रधानों ने कांग्रेस का हाथ थामा। इस दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी सदस्यों को मालाएं पहनाकर उनका अभिनंदन किया। भले ही विधायक सुरेन्द्र राकेश और हरिदास कांग्रेस में शामिल न हो पायें हों लेकिन इन लोगों बसपा के इतने प्रतिनिधियों को कांग्रेस में शामिल करवा कर बसपा प्रदेश नेतृत्व और सुप्रीमो को यह संदेश दे दिया है कि वे केवल उन तक ही अपनी कार्यवाही कर सकते हैं लेकिन उनके समर्थक वही करेंगे जो वे कहेंगे। इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।हजारों की संख्या में कई दिग्गज भाजपा, बसपा व सपा के नेताओं ने जिनमें कई जिला पंचायत सदस्य, जिला सहकारी बैंक के सदस्य, जिला सहकारी संघ, क्रय विक्रय समिति के पदाधिकारियों ने सोमवार को कांग्रेस का दामन मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में थामा है। जिसमें प्रदेश के कबीना मंत्री सुरेन्द्र राकेश के भाई व बसपा नेता हरिदास के भाई व पुत्र शामिल हैं। बसपा के जिलाई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से हरिद्वार में बसपा लगभग समाप्ति के कगार पर खड़ी नजर आ रही है लेकिन इस बात की पुष्टि अगले दो-तीन दिनों में तब होगी जब वहां मायावती की सभा होगी। कांग्रेस प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश के भाई हरिद्वार जिला पंचायत के सदस्य सुबोध राकेश व बसपा विधायक हरिदास के पुत्र आदित्य बृजवाल, जिला सहकारी बैंक़ के अध्यक्ष सुशील चैधरी, जिला सहकारी संघ, हरिद्वार के सभपति कुर्बान अली, क्रय विक्रय समिति मंगलोर के सभापति कुवंरपाल सैनी, साधन सहकारी समिति तेज्जूपुर के सभापति चैधरी सोमपाल सिंह, किसान सेवा सहकारी समिति मक्खनपुर के सभापति अरविन्द कुमार, किसान सेवा सहकारी समिति हबीबपुर नवादा के सभापति करण सिंह, सहकारी संघ चुडि़याला से अतुल त्यागी, पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तराखण्ड के उपाध्यक्ष शमीम अहमद, ओमपाल सिंह, जिला पंचायत के सदस्य श्रीमती सियावती, श्रीमती उषा अग्रवाल, श्रीमती जुल्फाना, कृर्षि उत्पादन मण्डी समिति भगवानपुर के अध्यक्ष देवेन्द्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष राव अखलाक, सदस्य बलधीरा, तालिब अहमद, चै0 मनोज कुमार  इनके साथ सैकड़ों जिला सहकारी बैंक, हरिद्वार एंव संचालक, प्रमुख क्षेत्र पंचायत भगवानपुर, सदस्य जिला पंचायत, ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान, सदस्य क्षेत्र पंचायत, अध्यक्ष मण्डी समिति, सहकारी समितियों के सभापतियों ने कांग्रेस का दामन थामा है।, हरिद्वार, लक्सर, मंगलोर, तेज्जूपुर, मक्खनपुर, खेलपुर, भगवानपुर, हबीबपुर, झबरेड़ा, गोवर्धनपुर, रुड़की, खानपुर आदि कई लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इन नेताओं के आने से क्रांगेस पार्टी मजबूत होगी व साम्प्रदायिक ताकतों को शिक्स्त का मार्ग प्रसस्त होगा, उन्होने कहा कि इनके परिवार के कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश व बसपा विधायक हरिदास कांग्रेस सरकार को मजबूती देने में लगे है जिस कारण हम अपने विकास का एजेण्डा आगे बड़ा रहे है। इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता, प्रभारी सुरेन्द्र कुमार, प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत, जसबीर रावत, राजीव जैन आदि उपस्थित थें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य लगभग एक घंटा आगुन्तुक महमानों के लिए प्रतिक्षा करते रहे किन्तु उन्हे टिहरी जनसभा में पहुॅचना था तो उनकी अनुपस्थित में प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत ने सभी पार्टी में शमिल होने वाले नेताओं के लिए स्वागत का पत्र पढ़कर सुनाया। कार्यकर्ताओं से उनके से भारी जोश बड़ गया है।

गाडू घ़ड़ा तेल कलश यात्रा ऋषिक¢श रवाना

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देहरादून 21 अप्रैल (निस) । बदरीनाथ यात्रा के शुरूआत के चरण में सोमवार को नर¢ंद्रनगर राज दरबार में महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोया। इन तिलों का तेल भगवान बद्री विशाल को लेपन व अभिषेक किया जाता है। यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है। इसक¢ बाद गाडू घडा कलश यात्रा ऋषिक¢श को रवाना हा¢ गई। यात्रा चार मई को बद्रीनाथ पुहंचेगी। ंिहंदू पंरपरा व पूजा-अर्चना करते हुए सोमवार प्रातः 10 बजे टिहरी रिसायत क¢ राज दरबार में महारानी व संासाद माला राजलक्ष्मी शाह ने गाडू घडा का अभिषेक किया। उसक¢ उपरांत नगर की दर्जनों सुहागिन महिलाओं ने मुंह पर पीला कपड़़ा बांध पीले वस्त्र धारण कर तीलोें को �गूंथा गया। फिर ओखली में तिलों को कूटना, सिलब्टे में पीसने क¢ बाद गाडू घडा में तेल निकाला गया। यह तेल �गवान बद्री विशााल को  माह तक लगाया जाएगा। अपरा्न दो बजे डिम्मर पंचायत क¢ सदस्यों द्वारा �ोग तैयार किया गया। तत्पश्चात �गवान बद्रीश को प्रतीकात्मक �ोग महाराजा मनुज्येंद्र शाह की देखरेख में लगाया गया। सांय को नौ बजे गाडू घडा की यात्रा ऋषिक¢श को रवाना हा¢ गई। यात्रा 22 अप्रैल को ऋषिक¢श से श्रीनगर रात्रि विश्राम कर¢गी, 23 अप्रैल को कर्णप्रयाग क¢ उमा देवी मंदिर में ठहरेगी। 24 को डिम्मर गांव में यात्रा जाएगी जहां बाल �ोग क¢ साथ ही विशिष्ट पूजा �ी यहां की जाएगी।  यहां पर यात्रा 1 मई तक रह¢गी, उसक¢ बाद दूसर¢ चरण में दो मई को जोशीमठ क¢ नर्सिंग मंदिर, तीन मई को पांडुक¢सर तथा चार मई को बद्रीनाथ पुंचेगी। डिम्मर धार्मिक क¢ंद्रीय पंचायत क¢ उपाध्यक्ष आशुतोष डिमरी बताया कि उक्त तेल से प्रतिदिन �गवन बद्रीश की पूजा क¢ बाद रावल क¢ सहायक बडुवा द्वारा चांदी की कटोरी में तेल रखकर लेप किया जाता है। इस मौके पर डिम्मर पंचायत क¢ अध्यक्ष सुर¢श डिमरी, सरपंच शैलेंद्र प्रसाद और ज्योतिष प्रसाद, सदन डिमरी, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत,  दिनेश डिमरी व राक¢श डिमरी, कांता प्रसाद डिमरी आदि मौजूद थे।

आपदा राहत दल केदारघाटी के लिए रवाना

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। सूबे में विगत वर्ष जून माह में आई आयी भीषण आपदा ने केदार घाटी में सब कुछ तहस-नहस कर दिया था। आज तक भी स्थानीय लोग इससे उभर नहीं पाएं है। सरकार ने इस आपदा से सबक लेते हुए इस बार श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बचाने के लिए आपदा राहत दल का गठन किया है। एसडीआरएफ की छह कंपनियां गठित की गयी हैं जिनमें से दो कंपनियों को सोमवार को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। सोमवार को पुलिस लाईन से केदारनाथ के लिए दो कंपनियों को राहत दल के रूप केदारघाटी भेजा गया। गौरतलब है कि मई माह के पहले सप्ताह से ही चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। यात्रा सीजन के लिए वैसे तो उत्तराखण्ड में काफी समय से मशक्कत की जा रही है लेकिन अब इस मशक्कत को धरातल पर उतारने का समय आ गया है। इसको देखते हुए एसडीआरएफ की छह कंपनियां तैयार की गयी हैं जिसमें से दो कंपनियों को सोमवार को केदारनाथ घाटी के लिए रवाना कर दिया गया है। इस संबंध में डीआईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि यह टीम केदार वैली के चार जोन में अपनी कमान सभालेेगी। यात्रा मार्ग में यात्रियों को राहत पहंुचाने के साथ ही यात्रा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ कम्पनी को शासन स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। जिसके लिए अलग से बजट की भी व्यवस्था बनाई गयी है। वहीं चारधाम यात्रा राहत के लिए बनाई गयी एसडीआरएफ के 80 जवानों की दो कम्पनियां जहां केदार वैली के डेंजर जोन में मुस्तैद रहेगी। वहीं एक कम्पनी को अन्य वैलियों के लिए भी रिजर्व में रखा गया है। इसके अलावा इस टीम को राहत के दौरान उपयोग में आने वाले उपकरणों से लैस किया गया है। जिससे इमरजैंसी के समय काफी मदद मिलने की संभावना है।

सफाई अभियान फिर से ठप

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। रिस्पना व बिंदाल नदी का सफाई अभियान फिर से ठप पड गया है। कुछ दिन अभियान चलाकर नदियों में कूडा करकट उठाकर सफाई की गयी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव आते ही नदियों की सफाई अभियान पर ब्रेक लग गया है। जिससे अब नदी के आस-पास की बस्तियों पर गंदगी के कारण संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनते ही शहर में सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने का कार्य किया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहर की सफाई के साथ ही रिस्पना व बिंदाल नदी की सफाई के लिए अभियान शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने शहर की सफाई व्यवस्था पर विशेष फोकस किया गया था। जिसके चलते नगर निगम, एमडीडीए आदि के विभागीय अधिकारी व कर्मचारी सडकों पर आकर सफाई अभियान में जुट गए थे। रिस्पना नदी में फैली कूडे की गंदगी की साफ सफाई के लिए भी अभियान चलाया गया। कुछ दिनों तक सफाई अभियान जोर शोर से चला। उसकेें बाद लोकसभा चुनाव के आते ही रिस्पना व बिंदाल नदियों में सफाई कार्य पर भी ब्रेक लग गया है। नदियों में लोगों द्वारा कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया है। जिसके चलते फिर से नदियों में कूड़े की गंदगी होने लग गयी है।

महिला कांग्रेस ने मांगे साकेत व रेणुका ने लिए वोट

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। उत्तराखण्ड महानगर महिला कांग्रेस ने सोमवार को टिहरी क्षेत्र के प्रत्याशी साकेत बहुगुणा के समर्थन में पैदल भ्रमण कर वोट मांगे। महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कमलेश रमन ने बताया कि सोमवार को सैंकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने साकेत बहुगुणा के साथ गोविंदगढ़, डीएल रोड,किशन नगर, कांवली रोड, सालावाला, शास्त्री नगर, जीएमएस रोड, इन्दर रोड, सहस्त्रधारा रोड, मच्छी बाजार, चन्दरनगर, एमकेपी रोड, मन्नूगंज, खुड़बुड़ा आदि वार्डों में पैदल भ्रमण कर वोट मांगे। वहीं हरिद्वार लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रेणुका रावत के समर्थन में भी महिला कांग्रेस ने रेसकोर्स सेवलाकलां, माजरा, ब्रह्मपुरी, पटेलनगर, लक्खीबाग आदि क्षेत्रों में भ्रमण कर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। इस दौरान कृष्णा चैहान, नीतू वालिया, सुशीला शर्मा, मंजू कण्डारी, सुमनलता, मुकुन्द कुमारी तथा पुष्पा पंवार आदि शामिल थी।

कालीमठ स्थित मंदिरों के सुधारीकरण के लिए नहीं किए जा रहे कोई प्रयास

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रुद्रप्रयाग/ देहरादून 21 अप्रैल (निस)। आपदा से ध्वस्त हो चुके कालीमठ के सुरक्षित और क्षतिग्रस्त मंदिरों के सुधारीकरण के लिये अभी तक मंदिर समिति ने कोई कवायद नहीं की है, जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश बना हुआ है। विदित हो कि कालीमठ घाटी में स्थित महासरस्वती, शंकर और महालक्ष्मी का मंदिर आपदा की भेंट चढ चुके थे। ऐसे में महालक्ष्मी मंदिर मे स्थित धूनी को स्थानीय लोगो के सहयोग से निकट स्थित भैरवनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है। लेकिन प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के क्षतिग्रस्त भाग के सुधारीकरण करने की दिशा में अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है। प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ के मुख्य मंदिर काली का शक्तिस्थल महालक्ष्मी का मंदिर है, जहां पर मां काली की डोली और मूर्तियां सुरक्षित होती हैं। समय-समय पर इन मूर्तियों में शक्ति का संचार करने के लिये नवरात्रो ंया अन्य पुण्य दिनों पर यहां स्थित पौराणिक हवन कुंड मंे आहुतियां डाली जाती थी। लेकिन इसके नष्ट होते ही मूर्तियों को भी अलग अलग मंदिरों में स्थापित किया गया है। अब मंदिर समिति के अधिकारियों के सम्मुख पौराणिक मंदिरों के सुधारीकरण की चुनौती भी है, लेकिन मंदिर की स्थापना पूर्ववत रखना ही शास्त्रसंगत है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि किसी भी मठ मंदिर या मूर्तियों की स्थापना के लिये जिन बीजमंत्रो और प्राण प्रतिष्ठा मंत्रों का उच्चारण किया जाता है इन मंत्रों से ही मूर्तियों में प्राणों का संचार होता है, लेकिन आपदा की चपेट में आने से कुछ मंदिर तो जमींदोज हो गये हंै और जो शेष बचे हैं उनका पुननिर्माण उसी स्थान पर किया जाना चाहिए, ताकि देव शक्तियां पुनजीर्वित हो सके। पूर्व स्थापित मंदिरों को अन्यत्र ले जाकर स्थापित करना तर्कसंगत नहीं है। श्री बद्री केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी अनिल शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही क्षतिग्रस्त मंदिरों का सुधारीकरण किया जा रहा है। इसके लिये प्रारूप तैयार कर दिया गया है। 

बीआरओ के दावो की खुली पोल, चार अप्रैल से शुरू होनी है यात्रा, यात्रियों को जूझना पड़ेगा जाम से 

रुद्रप्रयाग/ देहरादून 21 अप्रैल (निस)। यात्रा को सुगम और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के दावे कई हवाई साबित न हो जांये। चार मई से भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे, ऐसे में मुख्यालय में सबसे बड़ी समस्या जाम की बनी रहती है। जिससे निजात पाने का एकमात्र जरिया रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास है, जिसे आपदा के बाद अब तक दुरूस्त नहीं किया गया है। बीआरओ ने दावा किया था कि बाईपास को बीस अप्रैल तक दुरूस्त कर दिया जाएगा, मगर बीआरओ का दावा सिर्फ दावा ही बनकर रह गया है। बाईपास की स्थिति को देखकर लगता है कि इसे दुरूस्त करने में अभी बीआरओ को काफी समय लग जाएगा। पिछले वर्ष 16 एवं 17 जून को आई आपदा में रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास ध्वस्त हो गया था। पहले आपदा से जवाड़ी के पास बना अस्थाई मोटरपुल आपदा के तेज बहाव में बह गया और छः माह बाद निर्माणधीन पक्का पुल भी नहीं टिक सका। जिससे बीआरओ अब वैली ब्रिज का निर्माण कर रहा है। पक्के पुल के गिरने के दौरान बीआरओ की कार्यप्रणाली पर काफी सवाल भी उठे थे, क्यों कि पुल पर साठ फीसदी कार्य पूरा हो चुका था। यदि यह पुल नहीं गिरता तो आज तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाता और स्थानीय जनता व यात्रियों को दिक्कतों से नहीं गुजरना पड़ता। बीआरओ ने दावा किया था कि वह बीस अप्रैल तक रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास को दुरूस्त कर देगा, लेकिन बीआरओ का यह दावा हवाई साबित हुआ है। अभी तक बाईपास सही नहीं हो पाया है और इसके जल्द दुरूस्त होने की उम्मीद भी नहीं है। क्योंकि जिस तरह से बीआरओ बाईपास पर कार्य कर रहा है उससे लगता नहीं कि जल्द ही बाईपास बन पाएगा। नगर में आये दिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। घंटों जाम लगने से लोग परेशान रहते हैं। आगामी चार मई से यात्रा शुरू होने जा रही है, ऐसे में यात्रियों और स्थानीय लोगों को और अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। बीआरओ के कमान अधिकारी मेजर प्रशांत कुमार ने बताया कि बाईपास सड़क का लेवल उठाया जा रहा है, जिस कारण देर हुई है। लेवल उठाकर शीघ्र वैली ब्रिज का निर्माण कर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी जाएगी। 

दस माह बाद भी विस्थापन न होने पर आपदा पीडि़तों ने जताया आक्रोश

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। केदारनाथ विस्थापन एवं पुनर्वास संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार पर आपदा पीडि़तों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। संघर्ष समिति का कहना है कि आपदा के दौरान सरकार ने आपदा पीडि़तों के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन आपदा को आए हुए दस माह गुजर जाने के बाद भी एक भी दावे आज तक धरातल पर नहीं उतर पाए हैं, जिस कारण आपदा पीडि़त अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत को भेजे ज्ञापन में केदारनाथ विस्थापन एवं पुनर्वास संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आपदा के दौरान प्रदेश सरकार ने आपदा से बेघर हुए लोगों को विस्थापन का भरोसा दियाला था, लेकिन आपदा पीडि़तों का आज तक विस्थापन नहीं हो पाया है। जिस कारण आपदा पीडि़त आज भी दूसरे के घरों या किराए के घरों में रहकर दर-बदर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। यही नहीं सरकार ने किराए के घरों में रह रहे आपदा पीडि़तों के लिए प्रति माह तीन हजार रूपये देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक मात्र दो हजार रूपये ही प्राप्त हो रहे हैं। जबकि आपदा पीडि़तों के विद्युत एवं बिजली के बिल भी माफ नहीं हुए हैं। आपदा पीडि़तों के लिए सरकार ने बैंक ऋण माफ करने की घोषणा भी की थी, लेकिन बैंक फिर भी ऋण वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा पीडि़त कर्मचारियों ने नियम 29 क के तहत स्थानांतरण के लिए आवेदन किए थे, लेकिन उन्हें इसका लाभ आज तक नहीं मिल पाया है। आपदा पीडि़तों ने कहा कि सरकार की कोरी घोषणाओं से आपदा पीडि़त तंग आ चुके हैं। आपदा को दस माह गुजरने के बाद भी आपदा पीडि़तों के लिए आज तक कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है। जिस कारण आपदा पीडि़तों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। ज्ञापन में श्रीमती शांति नेगी, आरती नेगी, राकेश राणा, महेन्द्र सिंह नेगी, दलबीर सिंह, वीरपाल सिंह, सुभाष नौटियाल, शम्भू प्रसाद, गजपाल सिंह, रणजीत सिंह, गयासुददीन सिद्धकी, सुरेन्द्र गुसाईं सहित कई आपदा पीडि़तों एवं संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर मौजूद थे। 

टिहरी लोकसभा से दो के नामांकन हुए रद्द

देहरादून 21 अप्रैल(निस)।  जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी देहरादून बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने बताया कि टिहरी लोक सभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र हेतु प्रत्याशियों द्वारा दाखिल किये गये नाम निर्देशन पत्रों की जांच भारत निर्वाचन आयोग से नियुक्त प्रेक्षक हृदयेश मोहन एवं प्रेक्षक कैलाश चन्द्र गुप्ता की उपस्थिति में की गई जिसमें दो प्रत्याशियों के नाम निर्देशन पत्रों में फार्म 26 में पूर्ण सूचना न भरे जाने के कारण नाम निर्देशन पत्र निरस्त किये गये हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने अवगत कराया है कि सोमवार को नाम निर्देशन पत्रों की जांच में सराफत अली मुस्लीम मंजलिस मंच तथा सुरेश चन्द्र रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया ए द्वारा निर्देशन पत्रोें में फार्म 26 में सूचनायें अपूर्ण होने के कारण निरस्त किया गया है। उन्होने बताया  कि टिहरी लोक सभा क्षेत्र से 20 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किये गये थे जिनमें दो नाम निर्देशन पत्र निरस्त होने के बाद अब 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान मेे रह गये हैं। उन्होने कहा कि चार प्रत्याशी राष्ट्रीय दल जिसमें काग्रेस, भाजपा, बी.एस.पी तथा सी.पी.आई.(एम) तथा 6 पंजीकृत दल जिसमें आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, भारतीय मूल निवासी समाज पार्टी, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी तथा पीस पार्टी शामिल हैं। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के दोनों प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडेगें। इस प्रकार 8 प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है।

संदेहास्पद नकद निकासी पर बैंकों को निर्देश

देहरादून 21 अप्रैल (निस)। लोक सभा सामान्य निर्वाचन के दौरान पिछले दो माह में हुए असामन्य व संदेहास्पद नकद निकासी या निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान 10 लाख रू0 या उससे अधिक धनराशि बैंक में जमा व निकासी पर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी डाॅ बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने जनपद में स्थित सभी बैंकों के प्रबन्धकों को सूचित करते हुए कहा कि  यदि किसी भी बैंक में इस प्रकार के लेन-देन संज्ञान में आता है तो उसकी सूचना प्रतिदिन जिला निर्वाचन कार्यालय देहरादून को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें। जिला निर्वाचन अधिकारी ने जनपद के सभी बैंक प्रबन्धकों से इस सम्बन्ध में सहयोग करने की अपेक्षा करते हुए कहा है कि लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2014 के दौरान 10 लाख रू0 या उससे अधिक की धनराशि बैंको से असामान्य एंव संदेहास्पद नकदी निकासी तथा जमा की सूचना प्रेषित करने के साथ ही एटीएम, वाहन तथा अन्य स्त्रोतों द्वारा नकदी ले जाने हेतु निर्धारित मानक प्रचालन प्रक्रिया अनुपालन की सूचना जिला निर्वाचन कार्यालय का देने के साथ ही व्यय अनुवीक्षण नियंत्रण कक्ष और काल सेन्टर को फोन न0 0135-2624202 तथा फैक्स न0 2627205 पर देना सुनिश्चित करें।

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