खनिज का अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने खनिज अधिकारी एवं बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे जिले में खनिज का अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालों के विरूध्द सख्त कार्यवाही करें। अधिकारियों को इस संबंध में दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि वे खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की सघन जांच करें और अवैध रूप से खनिज का परिवहन करते पाये जाने पर वाहन को जप्त कर थाने में खड़ा करा दें। इसी प्रकार रेत, मैंगनीज, मिट्टी, मुरम आदि का अवैध रूप से उत्खनन करते पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरूध्द कार्यवाही करें।
कलेक्टर ने की महिला, बाल विकास एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में महिला, बाल कल्याण एवं स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों एवं योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. पंडया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.के. जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नीलिमा तिवारी, महिला सशक्तिकरण अधिकारी आर.एस. नाग, सभी खंड चिकित्सा अधिकारी एवं सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी मौजूद थे।
सभी अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में रहे
बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कहा कि वे अपने नियत मुख्यालय में अनिवार्य रूप से निवास करें। अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान जिस किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूध्द मुख्यालय पर निवास नहीं करने की शिकायत मिलेगी उसे तत्काल निलंबित कर दिया जायेगा।
अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों का शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश
बैठक में सर्वप्रथम आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्यो की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में 2374 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 110 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन बनाये जा रहे है। नये बनाये जा रहे भवनों में 7 भवनों का कार्य पूर्ण हो जाने के बाद भी उन्हें आधिपत्य में नही लिया गया है। 218 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किया गया और 265 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य अपूर्ण है। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन भवनों का कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें शीघ्र आधिपत्य में लिया जाये और जिनके कार्य अब तक अधूरे या अप्रारंभ है उनकी जानकारी ग्राम वार प्रस्तुत की जाये। ऐसे भवनों का कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा।
गर्भवती माताओं पर विशेष ध्यान दिया जाये
बैठक में गर्भवती माताओं की देखभाल की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में वर्ष 2013-14 में 31 हजार 907 गर्भवती माताओं का पंजीयन किया गया था। इनमें से 27 हजार 601 माताओं ने जीवित तथा 832 माताओं ने मृत शिशु को जन्म दिया है। गर्भावस्था के दौरान 13, प्रसव के दौरान 9 तथा प्रसव के उपरांत 42 दिनों के भीतर 22 माताओं की मृत्यु हो गई है। समीक्षा में पाया गया कि बालाघाट जिले में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ-शिशु मत्यु दर प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में काफी कम है। कलेक्टर ने जिले में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु दर को जिले में शून्य तक लाने के लिए और कारगर उपाय करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि गर्भवती माताओं पर और ध्यान देने की जरूरत है। कलेक्टर ने बैठक में सभी अधिकारियों से कहा कि वे अस्पतालों के पोषण पुनर्वास केन्द्रों को खाली न रहने दें।
महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयास हो
बैठक में महिला सशक्तिकरण के कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि महिलाओं को रोजगार के लिए ब्यूटी पार्लर, कम्प्यूटर एवं सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कलेक्टर ने महिलाओं को केवल प्रशिक्षण दिये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की और अधिकारियों से कहा कि वे प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण भी उपलब्ध करायें। प्रशिक्षण देने वाली संस्था का काम महिलाओं को प्रशिक्षण के उपरांत रोजगार सुलभ करने में होना चाहिए। महिलाओं को केवल ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण देने से काम नहीं चलेगा। एक क्षेत्र में अधिक ब्यूटी पार्लर होने से उनके लिए रोजगार के अवसर कम हो जायेंगें।
जननी सुरक्षा योजना की राशि का ई-पेमेंट से होगा भुगतान
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि वे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें और प्रयास करें कि घर पर प्रसव न हो। अस्पताल में जांच के लिए आने वाली गर्भवती माता से उसके बैंक खाते की जानकारी प्राप्त कर लें और बैंक में खाता न हो तो उसका खाता खुलवाने के लिए आशा कार्र्यकत्ता को मदद करने कहें। अब जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि चेक के रूप में न दी जाकर ई-पेमेंट से सीधे महिला के खाते में जमा कराई जायेगी। उन्होंने गर्भवती माताओं को प्रसव के लिए अस्पताल लाने एवं प्रसव के उपरांत घर तक पहुंचाने के लिए जननी एक्सप्रेस की सुविधा तत्परता से सुलभ कराने के निर्देश दिये।
नसबंदी आपरेशन के लक्ष्य पूर्ति पर बधाई
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2013-14 में बालाघाट जिले को 11 हजार 700 नसबंदी आपरेशन का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के विरूध्द 11 हजार 846 नसबंदी आपरेशन कर 101 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। कलेक्टर ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास सभी अधिकारियों कर्मचारियों के समन्वित प्रयासों को श्रेय देते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि नसबंदी के प्रकरणों में कोई भी ढिलाई न बरती जाये और चालू वर्ष 2014-15 में भी समय से पहले लक्ष्य पूर्ण कर लिया जाये।
कूप गार्ड की सेवायें वन रक्षक की सेवाओं में जोड़ी जायेंगी
वन विभाग के कूप गार्ड से वन रक्षक बने कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण तैयार करते समय उनकी कूप गार्ड की सेवाओं को भी जोड़ा जायेगा। वित्त विभाग म.प्र. शासन द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये है। बालाघाट जिले के 50 से 60 वनरक्षक जो कूप गार्ड से वन रक्षक बने थे उन्हें इसका लाभ मिलेगा। जिला पेंशन अधिकारी श्री जे.एस. पटियाल ने इस संबंध में बताया कि कूप गार्ड के रूप में की गई सेवाओं को वन रक्षक की सेवाओं में शामिल करने के बारे में स्थिति स्पष्ट न होने के कारण जिले के 50 से 60 वन रक्षकों के पेंशन प्रकरण लंबित थे। इस पर कलेक्टर बालाघाट द्वारा वित्त विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया था। वित्त विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि किसी कूपगार्ड के रूप में 6 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत नियमित पद पर समायोजित किये जाने पर उसकी पूर्व की सेवाओं को भी जोड़ा जायेगा। इससे जिले के कूपगार्ड से वन रक्षक बने 50 से 60 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।