इंदौर में रेल पुलिस बल (जीआरपी) के थाने के भीतर पत्रकारों की पिटाई की घटना को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। वहीं जीआरपी के पुलिस अधीक्षक ने पुलिस के तीन जवानों को निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि इंदौर के रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात एक पत्रकार का साइकिल स्टैंड संचालक से विवाद हो गए। इस मामले को लेकर पत्रकार जीआरपी थाने पहुंचा तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने साइकिल स्टैंड संचालक का पक्ष लेते हुए पत्रकार की पिटाई कर दी। पुलिस की अभद्रता की जानकारी जब अन्य पत्रकारों को हुई तो वे भी थाने जा पहुंचे।
बड़ी संख्या में पत्रकारों के थाने पहुंचने पर पुलिस जवान भड़क उठे और उन्होंने सभी पर जमकर लाठियां बरसाना शुरू कर दी। पुलिस की पिटाई से तीन से ज्यादा पत्रकारों को गंभीर चोटें आई हैं। इन सभी का इलाज एक निजी चिकित्सालय में चल रहा है। इस घटना की जानकारी मिलने पर जीआरपी के पुलिस अधीक्षक ने तीन पुलिस जवानों को निलंबित कर दिया है।
रविवार को भोपाल में प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक (रेल) को मामले की जांच के आदेश दिए। जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेल) को सौंपी गई है। वह 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट देंगे। गौर का कहना है कि पुलिस को पत्रकारों पर इस तरह की कार्रवाई करने से बचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।