कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दलितों की बस्तियों में रुकने के बाबा रामदेव के आपत्तिजनक बयान पर विरोध जारी है। कांग्रेस और बसपा ने जहां उनकी गिरफ्तारी की मांग की है तो भाजपा ने कहा कि मामला निर्वाचन आयोग को तय करना है। वहीं, लखनऊ में बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब जिला प्रशासन ने 16 मई तक लखनऊ में उनके भाषण, चुनावी सभा पर रोक लगा दी है। लखनऊ के डीएम राजशेखर ने कहा कि बाबा रामदेव पर 16 तारीख तक रोक लगा दी गई है। मुकदमा पंजीकृत किया गया है। कानूनन कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि आयोग ने पूर्व में ही रामदेव से शपथपत्र लिया था कि वे राजधानी में केवल योग के प्रचार प्रसार के ही कार्यक्रम करेंगे और ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, जिससे किसी भी धर्म अथवा समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हों। उन्होंने कहा कि शपथपत्र के बावजूद बाबा रामदेव ने 25 अप्रैल को योग के एक कार्यक्रम में ऐसी टिप्पणी करके शपथ भंग की है। वैसे इस मामले में विवाद बढ़ता देख बाबा रामदेव ने माफी मांग ली थी। लेकिन यह विवाद सिर्फ माफी से सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है।
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को यहां एक योग कार्यक्रम में रामदेव ने कहा था राहुल गांधी दलितों के घर हनीमून और पिकनिक करने जाते हैं। रामदेव ने बाद में अपनी टिप्पणी पर खेद प्रकट किया और कहा कि उनकी बातों का गलत अर्थ लगाया गया है। बसपा और कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने रामदेव की टिप्पणी को राहुल और दलितों के लिए अपमानजनक बताते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। लखनऊ तथा सोनभद्र में रामदेव के विरुद्ध दो प्राथमिकियां भी दर्ज कराई गई हैं।