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झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 मई)

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समर्थन मूल्य मे गेंहु बेचने के बाद पैसे के लिए भटक रहे अन्नदाता
  • आधारकार्ड औंर वोटरआईडी नही मिलने से अटका भुगतान

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झाबुआ--- झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिला होकर यहां का अधिकांष आदिवासी किसान अषिक्षित एवं अनपढ़ होकर कानूनी नियमो से बेखबर रहता हैं, ऐसे में षासन द्वारा नित नयें फरमान जारी कर देने से जिले के अन्नदाताओ को भारी परेषानियो का सामना करना पड़ रहा हैं।  मामला हैं जिले मे षासन के निर्देषानुसार समर्थन मूल्य पर सोसायटियो के माध्यम से पंजीकृत किसानो का गेंहु खरीदा जा रहा हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेंहु के लिए बकायदा षासन के निर्देष पर पंजीयन भी हो रहा। लेकिन गेंहु बेचने के बाद गेंहु का भुगतान लेने के लिए किसानो को दर-दर भटकना पड़ रहा हैं। षासन को समर्थन मूल्य में गेंहु देने के बाद अन्नदाता उल्टे परेषान हो गए। भुगतान के लिए किसानो से बैंक वाले अब आधार कार्ड एवं वोटर आईडी कार्ड मांग रहे। औंर तो औंर साथ में उनकी पत्नी के भी आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मांग रहे हैं। यह स्थिति नवीन पंजीकृत किसानो के साथ पूर्व में पंजीकृत किसानो को  भी आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड के बिना भुगतान नही किया जा रहा हैं। यदि जिम्मेवारो द्वारा आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड की आवष्यकता किसानो को पहले बता देते तो कुछ भी करके व्यवस्था कर लेते हैं, लेकिन अब अचानक क्या करेंगें, जिम्मेवारो की लापरवाही का खामियाजा किसानो केा भुगतना पड़ रहा हैं ? लेकिन जिले के अधिकांष किसानो के आधार कार्ड नही बन पायें हैं। वहीं अब आधार कार्ड बनाना भी बंद हो गया हैं, ऐसे में किसान को षासन को गेंहु बेचना भारी पड़ गया हैं। आधार कार्ड के साथ वोटर आईडी कार्ड भी मांग रहे हैं जबकि जिले के कई किसानो के पास तो वोटर आईडी भी नही हैं। वहीं जिले के कई ग्रामीण किसान तो ऐसे भी हैं जिनके पास न तो आधार कार्ड हैं औंर न ही वोटर आईडी हैं। ऐसे में उन किसानो का क्या होगा तथा उनका भुगतान कैसे होगा ? जबकि बैंक वालो ने आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड अनिवार्य कर दिया। ऐसी स्थिति में अब किसानो को कोई भी विकल्प निकालने के लिए दर-दर भटकना पड़ता हैं तथा अन्नदाता ही अन्न का भुगतान के लिए मुष्किलो में फंस गया हैं।

जिम्मेवारो की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान
ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि जब भुगतान के समय आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मंागे जा रहे हैं और साथ में उनकी पत्नियो के भी आधार कार्ड व वोटर आईडी कार्ड मांगे जा रहे हैं तो इनकी आवष्यकता गेंहु खरीदी के दौरान किसानो को क्यो नही बताई। यदि जिम्मेवार लापरवाही न बरतते हुए गेंहु खरीदी के दौरान बता दिया होता तो किसान लोग कैसे भी इधर-उधर भटक कर अभी कुछ भी आधार कार्ड अथवा वोटर आईडी कार्ड अथवा दोनो बनवा लेते हैं, लेकिन किसानो को परेषान करने के लिए भुगतान के समय ही आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मांगना सूझा, ऐसे अब किसान लोग अचानक इनकी व्यवस्था कैसे करेंगें ? जिम्मेवार अधिकारियो की लापरवाही का खामियाजा अब किसानो को भुगतना पड़ रहा हैं ? जिले में पंजीयन के अनुसार गत वर्श झाबुआ जिले मंे करीबन 5698 किसान पंजीकृत किसानो से गेंहु खरीदा गया था। इस बार पंजीकृत किसानो की नवीन संख्या 1686 बढ़कर कुल 7384 हो गई हैं। अभी तक 3971 पंजीकृत किसानो से कुल 26 हजार मैट्रिक टन गेहुं की खरीदी की जा चुकी एवं खरीदी जारी हैं। झाबुआ जिले के अधिकांष किसान जिन्होने षासन के निर्देषानुसार समर्थन मूल्य योजना में अपना गेंहु सोसायटियो को बेच दिया हैं परंतु भुगतान के लिए वे अभी भी दर-दर भटक रहे हैं ? अब सवाल यह उठता हैं कि जिला प्रषासन पंजीकृत किसानो जिन्होने गंेहु बेच दिये हैं, उनके आधार कार्ड औंर वोटर आईडी बनाने की व्यवस्था करेगा अथवा अन्नदाता भुगतान के लिए दर-दर भटकता रहेगा ?

पूर्व कलेक्टर कियावत द्वारा घोटाले में झूठा नाम षामिल करने पर न्यायालय में याचिका दायर की
  • तत्कालीन कलेक्टर श्री षर्मा-जिप सीईओ धुर्वे का छपाई कांड मंे एक औंर घोटाला उजागर

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झाबुआ--- कहने वाले कहते हैं कि पूत के पांव पालने मंे नजर आते हैं औंर भ्रश्टाचार के मामले फाईलो में नजर आते हैं। झाबुआ में पूर्व पदस्थ जिला कलेक्टर जगदीष षर्मा, जिला पंचायत सीईओ धुर्वे एवं इनके साथ 10 अन्य अधिकारियो एवं कर्मचारियो के साथ छपाई मामले में आर्थिक भ्रश्टाचार जांच मंे सिद्ध होने पर न्यायालयीन प्रक्रिया मंे लंबित हैं। पूर्व छपाई मामले में न्यायालयन में लंबित मामला अभी निपटा ही नही के एक ओर घोटाला उजागर हो गया। मामला हैं 11 सूत्रीय कार्यक्रम मंे हुई छपाई घोटाले का तत्संबंध मंे वर्श 2009 मेे झाबुआ जिला पंचायत में 11 सूत्रीय कार्यक्रम मंे प्रपत्र के छपाई मंे हुए घोटाले मंे तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी सुभाश ललवानी, जो वर्तमान मे अलिराजपुर में पदस्थ हैं, ने प्रकरण मंे अपना झूठा नाम षामिल कर दोशी बताने पर जांचकर्ता तत्कालीन अपर आयुक्त श्रीमती राजकुमारी खन्ना, आयुक्त रोजगार गारंटी भोपाल , श्रीमती कलेक्टर जयश्री कियावत जिला झाबुआ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी झाबुआ के विरूद्ध मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अलिराजपुर न्यायालय मंे धारा 500 एवं धारा 120 बी के अंतर्गत परिवाद दायर कर संबंधितो को उचित दण्ड देने की मांग की हैं। याचिका दायरकर्ता के अनुसार उनके द्वारा नोटषीट पर पूर्व में वंदना प्रिंटिंग झाबुआ से 1.90 पैसे मंे प्रपत्र छपाई का उल्लेख कर इसी दर पर प्रपत्र छपाई की अनुषंसा की गई थी, परंतु बाद में उनकी  अनुपस्थिति में सीधे नोटषीट जिला पंचायत को भेजकर सीधे आदेष दिए गए तथा 1.90 पैसे की बजाय 7 रूपये की दर मंे मनरेगा मद से उक्त छपाई का भुगतान कर दिया गया। गौरतलब तथ्य यह हैं कि छपाई का आदेष देने से लेकर भुगतान प्रक्रिया तक न तो कोई उन्होने कोई टीप लिखी औंर नही कोई हस्ताक्षर हैं। षिकायत होने पर अपर आयुक्त इंदौर श्रीमती राजकुमार खन्ना ने अभिलेखोका सही परीक्षण नही किया गया तथा उनके बयान भी नही लिये गये एवं षिकायत को सही पाना बताया गया। तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत द्वारा भी बिना परीक्षण किये प्रकरण मंे तत्कालीन कलेक्टर जगदीष षर्मा, जिला पंचायत सीईओ जेएस धुर्वे तथा सुभाश ललवानी का नाम षासन को भेजकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुषंसा  की गई। आयुक्त रोजगार गारंटी भोपाल द्वारा तत्संबंध मंे एफआईआर दर्ज करानेके निर्देष दिए गए। उक्त मामले मंे ललवानी ने अपना पक्ष रखने के लिए दस्तावेजो के सबूतो को साथ सर्वसंबंधित अधिकरियो कोकई बार आवेदन भेजकर एवं लीगल नोटिस देकरपुनः सहींजांच करवाकर उन्हे दोश मुक्त करने हेतु निवेदन किया गया। परंतु जिला पंचायत केअधिकारी ने सारे आवेदनो को पूर्वागृह से ग्रसित होने के कारण नस्तीबद्ध कर दिए। अपने वरिश्ठ अधिकरियो की उक्त कार्यवाही से त्रस्त एवं परेषान सुभाश ललवानी ने अंत मंे मजबूर होकर अपनी मानहानि होने तथा उनके खिलाफ आपराधिक शड़यंत्र रचने का अपराध संबंधित परिवाद न्यायालय मंे दायर किया गया। ललवानी का कहना हैं कि ऐसे ही एक  मामले मे उनके द्वारा एक अन्यप्रकरण मंे करीबन मंे 22 लाख का फर्जी भुगतान नही होनेदिया गया था जिससे भी अधिकारी उनसे रूश्ठ थें। नये खुलासे के अनुसार उक्त विभाग मंे छपाईयो के मामलो मंे परत दर परत भ्रश्टाचार की कहानिया बाहर आती जा रही हैं। ललवानी की नोटषीट के अनुसार यदि विभाग 11 सूत्रीय कार्यक्रम के प्रपत्रो की छपाई 1.90 पैसे के हिसाब से करवाता तो उक्त कार्य करीबन 1 लाख 10 हजार मंे पूर्ण हो जाता, परंतु भ्रश्टाचार की भूख औंर आर्थिक धन पिपासा में अधिकारियो को अंधा कर दिया था, जो काम 1 लाख 10 हजार मे हो रहा था, वह काम 4 लाख 20 हजार में 7 रूपये प्रति प्रपत्र की दर से करवाकर 3 लाख 10 हजार का सीधे-सीधे आर्थिक भ्रश्टाचार कर षासन का चूना लगाने में पीछे नही हटे। यदि इसकी भी सुक्ष्म एवं निश्पक्ष जांच हो जाती हैं तो तत्कालीन कलेक्टर जगदीष षर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी एक नये झमेले में पड़कर उलझते हुए नजर आयेंगे ?

22 लाख की फाईल कब होगी उजागर

वर्ष 2009 में एक ओर 22 लाख की एक प्रिंट घोटाला हुआ, लेकिन एक अधिकारी की सूझबूझ के चलतें भुगतान रोक दिया गया। एक अधिकारी द्वारा नोटषीट पर टीप लिख दिये जाने से 22 लाख के घोटाले का भुगतान होने से बच गया। परंतु भुगतान तक पहुची हुई फाईल की प्रक्रिया कब, क्यो व किसने तथा किसके ईषारे पर की। भुगतान न होने की स्थिति मंे उक्त प्रक्रिया की जांच क्यो लंबित कर दी गई। क्यो नही हो रही 22 लाख घोटाले की दबी फाईल की जांच, आखिर कब होगी इसकी जांच, ऐसे कई यक्ष प्रष्न 2009 में जिला पंचायत में हुए छपाई मामलो में हुए भ्रश्टाचार की दास्ता की कहानी कहते हुए नजर आ रहे हैं। वर्तमान अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे कि हमारे कार्यकाल का नही हैं, पहले कुछ हुआ होगा हमे पता नही।

सेन समाज की जयंति मनायी

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झाबुआ--- प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रायपुरिया मंडल सेन समाज द्वारा श्री सेन समाज महाराज की 714 वी सेन जयंति बड़े ही हर्षोल्लास व धूम धाम से मनायी गयी। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा संत षिरोमणी श्री सेन जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पष्चात समाज के अध्यक्ष विनित चैहान ने सेन महाराज के जीवन पर प्रकाष डाला तथा उनके द्वारा समाज हित में किये गये कार्यों का उल्लेख किया गया। समाज के नवयुवक अरूण भाटी ने समाजजनों को आहवान किया की सभी एकजुट होकर आगे बढ़े। समय के साथ परिवर्तन समाज को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। कार्यक्रम के अंत में सेन महाराज की आरती समाज के दषरथलाल भाटी द्वारा उतारी गयी। कार्यक्रम में समाज के नवयुवक बध्ंाुओं द्वारा पूरा सहयोग किया गया। इस अवसर पर समाज के सुरेन्द्र पंवार, सुरेष चैहान, जगदीष परमार, आदी उपस्थित थे। आभार प्रदर्षन अरूण भाटी ने माना।

विशाल निःशुल्क नेत्र शिविर आज

झाबुआ--- माॅ जेटा ग्रुप व कंपनी द्वारा विशाल निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन रविवार को सहारा मैदान मेघनगर में आयोजित किया गया है। शिविर मंे दिल्ली व इंदौर के अनुभवी डाॅक्टरांे द्वारा निःशुल्क जांच की जाएगी एवं आंखों की बीमारी संबंधित विभिन्न समस्याओं पर निःशुल्क परामर्श दिया जायेगा। शिविर का आयोजन प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। माॅ जेटा कंपनी के चेयरमेन महेश भूरिया ने बताया कि शिविर आयोजित करने का मुख्य उद्वेश्य गरीब लोगों को निःशुल्क आंखों के उपचार के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का निराकरण हो सके। श्री भूरिया ने बताया कि शिविर में हेमेंन्द गरवाल, विजय डामोर, ललीत वसुनिया, जसवंत सिंगाड, फिलीप मुणिया, अशोक राठौर, गोपाल गोयल, जेम्स पाॅल, करणसिंह परमार, मुकेश मोरी, भीमचंद भाबोर, कैलाश भूरिया, विक्रम बारिया, राकेश बेहबी आदि का विशेष सहयोग होगा। कंपनी के सभी पदाधिकारियों ने अपील की है कि उक्त शिविर में उपस्थित होकर स्वास्थ्य लाभ लेवें।

मोटर व्हिकल एक्ट मे पांच हजार से ज्यादा की वसूली

झाबूआ-- संपूर्ण जिले में धारा 107,116 जाफौ के तहत् 4 प्रकरण में 09 व्यक्तियो, धारा 110 जाफौ के तहत् 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियो के विरूद्ध कार्यवाही की गई। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत् 13 चालान बनाये जाकर 5800/-रू. का समन शुल्क वसूला गया।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध 

झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि वह घर में अकेली थी आरोपी राजू पिता मोहनलाल परमार निवासी मेघनगर आया व बुरी नियत से हाथ पकडकर बलात्कार करने का प्रयास किया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 83/14 धारा 354-क,454,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

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