बिजावर में बाल विवाह रोका गया
छतरपुर/04 मई/अक्षय तृतीया के अवसर पर बिजावर तहसील के ग्राम पंचायत अनगौर के तहत कंचनपुरी ग्राम बक्सीपुरवा में आयोजित होने जा रहे बाल विवाह को बाल विकास परियोजना अधिकारी राजकुमार बागरी द्वारा पहुंचकर रूकवाया गया। इस अवसर पर विभाग के संजय यादव एवं मनोज कुमार साहू भी उपस्थित रहे। परियोजना अधिकारी श्री बागरी ने बताया कि कंचनपुरी निवासी हरिराम कुशवाहा की पुत्री संजना कुशवाहा का विवाह नंदगाय, सटई तहसील बिजावर निवासी काशीराम कुशवाहा के पुत्र जगदीश कुशवाहा के साथ होने जा रहा था। वर-वधू की उम्र के बारे में पूछे जाने पर वर ने अपनी उम्र 22 वर्ष, जबकि वधू ने 18 वर्ष बताई, किंतु जन्म प्रमाणीकरण संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। अतः उम्र कम दिखने के कारण विवाह बीच में ही पुलिस बल की सहायता से रोका गया। इस दौरान लड़की की मामी बेटीबाई कुशवाहा द्वारा धमकी देकर गुमराह करने की कोशिश भी की गई, किंतु परियोजना अधिकारी एवं अमले द्वारा बालिग होने के बाद शादी करने की समझाईश देने के बाद दोनों पक्षों द्वारा बात मानकर बाल विवाह न करने का संकल्प लिया गया।
दुष्कर्मी को 10 साल की कठोर कैद, 12वर्षीय किशोरी के साथ दुराचार का मामला
छतरपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशिकांता वैश्य की अदालत ने 12वर्षीय मासूम के साथ बलात्कार करने वाले एक 23वर्षीय आरोपी को दोषी करार देकर 10वर्ष की कठोर कैद के साथ 5 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 28 जून 2013 को पुलिस थाना लवकुशनगर में कचेरनपुरवा निवासी 12वर्षीय किशोरी के पिता ने इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि दोपहर करीब 3 बजे जब उसकी मासूम पुत्री ग्राम गुधौरा स्थित नगरोली हार मेें भैसे चरा रही थी तभी गुधौरा निवासी आरोपी छोटे पाल पुत्र बब्बू पाल ने आकर जबरन उसके साथ दुराचार किया। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी छोटेपाल को गिरफ्तार किया। थाना लवकुशनगर नगर के तत्कालीन एसआई हरिओम पुरोहित ने विवेचना उपरांत मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशिकांता वैश्य की अदालत ने 10 माह में ही मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी छोटेपाल को आईपीसी की धारा 376 एवं धारा 4 लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। न्यायाधीश द्वारा धारा 4 में आरोपी को 10 वर्ष की कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने की सजा सुनाई।