गया। आज भी बाजार में धड़ल्ले से आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई बेची जा रही है। अगर आप दवाखाना में जाकर आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई खरीदना चाहेंगे। तो आप निश्चित मान लीजिए कि वहां से आपको बैरंग लौट जाना पड़ेगा। वहां यह कहा जाएगा कि आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वह केवल अस्पताल चलाने वाले व चिकित्सकों को ही मिल सकता है। तो पशु पालकों को किधर से सूई उपलब्ध हो जाती है? जो कसाई की तरह सूई घोंपने वाले पशु पालकों को किस तरह से सूई उपलब्ध हो जाती है। मानव के शरीर में आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई का महत्वपूर्ण असर पड़ता है। जब प्राकृतिक तौर से गर्भवर्ती महिलाओं का प्रसव पीड़ा मद्विम रहता है।तो उसे जागृत करने के लिए आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगायी जाती है। इस सूई के प्रभाव से गर्भवर्ती महिला शिशु जन्म दे देती है। धरती पर शिशु आने से हमलोग हर्षित हो उठते हैं। मिठाई खाने और खिलाने के फेर में पड़ जाते हैं।
प्रसव पीड़ा जागृत करने के लिए गर्भवर्ती महिलाओं को एक बार और गौ माता को फेनाने के लिए प्रत्येक दिन दो बार आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगायी जाती है। आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई के प्रभाव से गर्भवर्ती महिला शिशु को जन्म देती है। वहीं गौ माता के जिस्म से दूध निकलने लगता है। थान में दूध लबलबा जाता है। इसी प्रभावशाली वाले दूध का सेवन कर रहे हैं। हम ही गौ माता से उत्पन्न बाछा और बाछी के बीच में फर्क करते हैं। हम ही बाछा को खिलने और बढ़ने नहीं देते हैं। हम ही किसी तरह से बाछा को मार देने का प्रयास करते हैं। हम ही बाझा के मर जाने के बाद गौ माता को इम्मोशन बनाने के लिए बाछा का खालका तैयार कर देते हैं। हम खालका का चलन गांवघर में देखा जाता है। जो बंद होने के कगार पर है। हम ही गौ माता को दूध दूहने के पहले आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगाकर गाय को फैनाने के लिए तैयार करते हैं। बाजार से दस रू. में सूई लाते हैं। एक फाइल में 20 मिलीलीटर रहता है। दूध दूहने के पहले सूई लगा देते हैं। कोई गाय हाफ एमएल में ही दूध दूहने लायक हो जाती है। कोई एक से दो एमएल सूई देना पड़ता है। यह भी देखा गया कि मात्रः सूई नहीं लेने के डर से ही गाय का दूध उतर जाता है। सूई दिखाओं और दूध पा जाओं की स्थिति बन जाती है।
यह पशु पालक खुलेआम गौ माता को आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगा रहा है। वह सुबह-शाम सूई लगाकर दूध दूहता है। उसी दूध को हमलोग सेवन कर रहे हैं। इसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
आलोक कुमार
बिहार