भारत ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागड़े मामले में संलिप्त एक अमेरिकी राजनयिक को शुक्रवार को निष्कासित कर दिया। यह कार्रवाई देवयानी को अमेरिका छोड़ने का निर्देश देने के बाद की गई है। आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अमेरिकी दूतावास से कहा गया है कि वे 'देवयानी के समकक्ष अमेरिकी राजनयिक को स्वदेश लौटने के लिए कह दें।' सूत्र ने कहा, "हमें इस पर भरोसा करने का कारण है कि वह अधिकारी देवयानी से जुड़ी पूरी प्रक्रिया और उसके बाद अमेरिका की एकतरफा कार्रवाई में शामिल था।"
इस मसले पर अभी अमेरिकी दूतावास की टिप्पणी नहीं मिल पाई है। निष्कासित किए गए अमेरिकी राजनयिक का नाम भी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के एक ग्रैंड जूरी ने भारतीय राजनयिक देवयानी को औपचारिक रूप से आरोपित कर दिया और उन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए कह दिया। उसके बाद देवयानी स्वदेश रवाना हो चुकी हैं। लगभग महीने भर पहले देवयानी को अमेरिका में कथित वीजा धोखाघड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर लिखा, "देवयानी खोब्रागड़े के पास पूर्ण राजनयिक छूट सहित जी1 वीजा है और वह विमान से भारत लौट रही हैं।"अमेरिका में कथित वीजा धोखाधड़ी के आरोप में देवयानी की गिरफ्तारी और उनकी गहन तलाशी लिए जाने के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है। अमेरिका के ग्रैंड जूरी ने गुरुवार को 39 वर्षीया भारतीय राजनयिक को औपचारिक रूप से मामले में आरोपित किया। हालांकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि देवयानी को राजनयिक छूट प्रदान किया गया है। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें देश छोड़ने के लिए कह दिया।
मामले की सुनवाई के बाद देवयानी के वकील डेनियल अरशैक ने एक बयान में कहा, "देवयानी स्वदेश वापसी को लेकर खुश हैं। उनका सिर अब भी ऊंचा है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने कोई भी गलत काम नहीं किया है और वह सच सामने लाने के लिए उत्सुक हैं।"देवयानी द्वारा अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करने के बाद भारत ने अमेरिका से मांग की थी कि वह देवयानी खोब्रागड़े पर लगाए गए आरोप वापस ले और इस कृत्य के लिए बिना शर्त माफी मांगे। लेकिन अमेरिका ने ऐसा करने से इंकार कर दिया, जिसके चलते दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।