बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में आगामी एक फरवरी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा, इसके तहत वर्तमान में लक्षित जन वितरण प्रणाली के तहत प्रति वर्ष वितरित किए जा रहे 26 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न लगभग दोगुना यानी 56 लाख मीट्रिक टन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा सहकारिता विभाग के तत्वावधान में आयोजित अनाज भंडारण के लिए निर्मित गोदामों और राइस मिलों का उद्घाटन एवं निर्माण कराए जाने वाले गोदामों का कार्यारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 1372 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2900 गोदामों एवं गैसीफायर आधारित राइस मिलों का उद्घाटन एवं शिलान्यास खाद्यान्न भंडारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कारण राज्य में अगले एक वर्ष के अंदर 18 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आधुनिक खाद्यान्न भंडारण सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने इसकी आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षो से बिहार एक प्रमुख खाद्यान्न अधिप्राप्ति राज्य के रूप में उभरा है, इसके लिए उचित भंडारण का होना नितांत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 2013-14 से राज्य में विकेंद्रीकृत खाद्यान्न अधिप्राप्ति व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत राज्य खुद अनाज की अधिप्राप्ति करेगा तथा अपने लक्षित जन वितरण प्रणाली के लिए उसका उपयोग करेगा। इसके साथ ही उन्होंने व्यापार मंडल एवं प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) द्वारा राज्यों में निर्मित एवं निर्माण किए जा रहे गैसीफायर आधारित राइस मिलों की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य में विगत दो वर्षो में क्रमश: 23 लाख एवं 20 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राािप्त की गई एवं राज्य में सीमित मिलिंग क्षमता होने के कारण धान की कुटाई उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों में करवाने के लिए बाध्य होना पड़ा था।